भिलाईनगर। पोलियो टीकाकरण अभियान का लक्ष्य है पोलियो मुक्त विश्व। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भिलाई में पोलियो उन्मूलन हेतु बीएसपी के जेएलएन अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र के शिशु रोग विभाग तथा बीएसपी के जन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से भिलाई टाउनशिप में 27 फरवरी से 1 मार्च 2022 के मध्य राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण का आयोजन किया गया है। इसका शुभारम्भ आज 27 फरवरी, 2022 को किया गया। पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है सभी बच्चों को पोलियो के खिलाफ प्रतिरक्षित किया जाना। टीकाकरण कार्यक्रम का बारम्बार आयोजन भी इसी उद्देश्य से किया जाता है। आज प्रात: पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत दुर्ग लोकसभा के सांसद श्री विजय बघेल ने जेएलएन अस्पताल में पोलियो ड्राप पिलाकर की7 इस अवसर पर ईडी (एम एंड एचएस) डॉ एस के इस्सर, सीएमओ द्वय डॉ एम रवींद्रनाथ व डॉ प्रमोद बिनायके उपस्थित थे।
भिलाई के 78 बूथों पर 0-5 वर्ष के बीच के बच्चों को ओरल पोलियो ड्रॉप्स पिलाई गई। एएफपी के मामलों की निगरानी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से जेएलएन अस्पताल व अनुसंधान केन्द्र के शिशु रोग विभाग में एक संवेदनशील और मजबूत निगरानी व्यवस्था पहले से ही मौजूद है। ईडी (एम एंड एचएस) डॉ एस के इस्सर, सीएमओ द्वय डॉ एम रवींद्रनाथ व डॉ प्रमोद बिनायके के मार्गदर्शन में भिलाई टाउनशिप में बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पल्स पोलियो टीकाकरण का आयोजन किया जा रहा है।
पल्स पोलियो राष्ट्रीय कार्यक्रम के ओरल पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शत-प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से, बीएसपी की पीडियाट्रिक्स टीम ने अथक प्रयास किया है। जिसके फलस्वरूप इसका सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अभियान को सफल बनाने में डॉ संबिता पंडा (एडीशनल सीएमओ और एचओडी, शिशु रोग विभाग), डॉ एन एस ठाकुर (एडीशनल सीएमओ), डॉ सुबोध साहा (एडीशनल सीएमओ), डॉ संजीबनी पटेल, डॉ मीता सचदेव, डॉ नूतन वर्मा, डॉ कौशिक किशोर, डॉ वृंदा शखरे, डॉ माला चौधरी, डॉ सुभस्मिता पटनायक, डॉ रुचिका ताम्रकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम के आयोजन में जन स्वास्थ्य विभाग के सहायक महाप्रबंधक सुनील कुमार चौरसिया, ए के बंजारा, वी के भोंडेकर, डी के मिश्रा, डॉ संजय गुप्ता, वी के कोल्हारे ने भी अहम योगदान दिया है। विदित हो कि पोलियो उन्मूलन की वैश्विक पहल के साथ, विश्व स्वास्थ्य सभा के प्रस्ताव के अनुसार, राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (एनआईडी) जिसे आमतौर पर पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है, भारत में 1995 में शुरू किया गया था।
उन्मूलन की एक सुदृढ़ प्रणाली है जिसके 4 महत्वपूर्ण घटक है। ये हैं मजबूत नियमित टीकाकरण, अच्छी तरह से संचालित पल्स पोलियो राउंड, चयनात्मक मोप-अप राउंड और एक संवेदनशील और उत्तरदायी एएफपी प्रणाली। ओरल पोलियो वैक्सीन लकवाग्रस्त पोलियो वायरस से सुरक्षा प्रदान करने में बेहद प्रभावी है। इस वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इसे कई बार लेना भी हानिकारक नहीं होता। यह शिशु के मृत्यु दर के जोखिम को भी कम करता है।
ग्लोबल पोलियो लेबोरेटरी नेटवर्क (जीपीएलएन) ने हाल ही में फरवरी, 2022 में दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका के मलावी के त्साबांगो में वाइल्ड पोलियोवायरस-1 (डब्ल्यूपीवी-1) नामक नये प्रकार के वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की है। इसके अतिरिक्त दुनिया के दो देशों, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में डब्ल्यूपीवी-1 का पता लगाना एक गंभीर चिंता का विषय है और पोलियो टीकाकरण गतिविधियों को प्राथमिकता देने के महत्व को रेखांकित करता है। जब तक पोलियो का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो जाता, तब तक सभी देश में पोलियो के पुन: आने का जोखिम बना रहता हैं यही वजह है कि सभी बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए उच्च टीकाकरण कवरेज बनाए रखना आवश्यक है।