28 वर्ष से फरार हत्या का आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा, ग्राम सोरर थाना गुरूर की घटना, वर्ष 1994 से भेष बदलकर पुलिस को देता रहा चकमा, सूचना पर नेवई से पुलिस ने किया गिरफ्तार

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बालोद। घटना ग्राम सोरर थाना गुरूर जिला बालोद कि है आज से लगभग 28 वर्ष पूर्व सोरर निवासी बलराम उर्फ बल्ला जोशी द्वारा गांव के ही चंद्रिका यादव की हत्या कर फरार हो जाने के मामले में गुरूर पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक-162/1994, धारा- 302 भादवि का मुकादमा दर्ज कर फरार आरोपी बलराम उर्फ बल्ला जोशी का लगातार पता तलाश की जा रही थी। आरोपी द्वारा फारर होने की स्थिति मे गुरूर पुलिस द्वारा धारा 299 जॉ.फौ. के अन्तर्गत अंतिम प्रतिवेदन न्यायलय में पेश किया गया था जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी बलराम उर्फ बल्ला जोशी के विरूद्ध बेमियादि वांरट वर्ष 2005 में जारी किया गया था तब से अब तक फारर आरोपी की पता तलाश की जा रही थी ।

पुलिस को सूचना मिला की उक्त आरोपी लुक छिप कर खदान पारा नेवई बस्ती थाना नेवई जिला बस्ती मे निवासरत् है कि सूचना पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के मार्ग दर्शन एवं उप पुलिस अधीक्षक सुश्री नवनीत कौर के निर्देशन एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी राजेश बागड़े के पर्यवेक्षण में तथा थाना प्रभारी रोहित मालेकर के नेतृत्वल में टीम गठित कर टीम द्वारा गोपनीय रूप से आरोपी का पता तलाश कर आरोपी को नेवई के बस्तीि खदान पारा में धर दबोचा गया, घटना के संदर्भ मे पुछताछ करने पर आरोपी द्वारा बताया गया कि वर्ष 1994 में माह जुलाई में दिन के समय करीबन 11 बजे मृतक चंद्रिका यादव, राजजीवन, मोहन, जगदीष उर्फ जंगलिया, बाबूलाल एवं आरोपी स्वयं सुखीत के घर पर ताश के पत्ते से चौरेल खेल रहे थे ताश खेलते खेलते रात्रि हो गई।

फिर काट पत्ती का खेल शुरू हुआ मृतक चंन्द्रिका यादव, आरोपी बल्ला एवं अन्यल द्वारा अपने डबल पत्ता फेंकने से नाराज होकर उठकर बलराम उर्फ बल्ला द्वारा उठकर थप्पड़ मार दिया गया उसके बाद चंद्रिका यादव द्वारा शराब का सेवन किया गया सभी के घर जाने के बाद रात 10 बजे तक उनके बीच विवाद बढ़ता गया चंद्रिका एवं बलराम के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया था कि चंद्रिका यादव को गमछे से बलराम उर्फ बल्ला जोशी द्वारा गले को कसकर उसकी हत्या कर दी गई एवं मोहन घर के सामने घुरवा मे डाल दिया गया था एवं पुलिस से बचने के डर से फारर होकर बल्ला जोशी बैलाडीला दन्तेवाड़ा चला गया था, वहा पर किशन द ढाबा मे रोजी मजदूरी कर स्वयं को छुपाकर नाम बदलकर रहने लगा गांव में आरोपी की पत्नी निरा बाई अपने बच्चे के साथ मे रह रही थी। जिसे डेढ़ साल बाद आकर गांव से ले जाकर बैलाडीला मे रहने लगा फिर वहा से सोमनी राजनांदगांव में आकर जहां तीन से चार वर्ष रहा वहा से नेवई खदान पारा मे आकर विगत 17 वर्षो से रह रहा था। जिसे सूचना पर गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय जेएमएफसी बालोद के समक्ष पेश कर जेल भेजा गया है।
उक्त कार्यवाही में सराहनीय भुमिका:- आरक्षक लेखराम मारकण्डे एंव लुगेश कोसरे का विशेष योगदान रहा।


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