सेल के एक-एक कर्मचारी पर अब होगी अफसरों की नजर, फेस रिकॉग्निशन मशीन से स्वीकार की जाएगी हाजिरी, बीएसपी में एक अप्रैल से लागू किए जाने की तैयारी

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भिलाईनगर। इस्पात प्राधिकरण-सेल के एक-एक कर्मचारियों और अधिकारियों पर अब प्रबंधन की नजर होगी। प्लांट में दाखिल होने से लेकर कार्यस्थल तक की जानकारी कारपोरेट आफिस में बैठे अधिकारी एक क्लिक पर देख सकेंगे। ड्यूटी टाइम में कौन-कितनी बार प्लांट से बाहर निकला, यह भी तुरंत पता चलेगा। प्लांट के गेट पर आधे सेकंड के अंदर ही कार्मिक की इंट्री हो जाएगी। फास्टैग की तर्ज पर सिस्टम को अपनाया जा रहा है।
रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) प्लांट के गेट पर खुद-ब-खुद कार्मिक को रीड कर लेगा। किसी को गाड़ी से उतरने की जरूरत नहीं होगी। पहला चरण पार करने के बाद जब कार्मिक अपने विभाग में पहुंचेगा तो वहां उसकी हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम के बजाय फेस रिकॉग्निशन से होगी। यानी मशीन के सामने कार्मिक खड़ा होगा और उसकी हाजिरी स्वीकार हो जाएगी।


यह सब सेल की सबसे बड़ी इकाई भिलाई स्टील प्लांट में होने जा रहा है। पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसे एक अप्रैल से लागू करने की तैयारी है। इसके बाद सेल की अन्य इकाइयों में यही व्यवस्था लागू की जाएगी। बायोमेट्रिक को लेकर काफी सवाल उठाए जा रहे थे। कोरोना संक्रमण फैलने की बात बोली जा रही थी। इसलिए इसका विकल्प फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को अपनाया जा रहा है। इसे सेल सभी इकाइयों में लगाया जाएगा।एक मिनट में ढाई हजार कार्मिकों की जाँच करेगा आरएफआइडी
रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) एक मिनट में ढाई हजार कार्मिकों की जांच कर लेगा। -कार्मिकों का ब्यौरा फीड रहेगा, जिससे प्लांट के सभी गेट पर लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्लांट के गेट पर मशीन के माध्यम से कार्मिकों की पहचान हो जाएगी।
-प्रवेश और निकास के समय यह सिस्टम काम करेगा। इसका मतलब कार्मिक जितनी बार भी आवाजाही करेंगे वह सिस्टम में अपलोड होता रहेगा।


-फेस रिकॉग्निशन मशीन डिपार्टमेंट में लगाई जाएगी। मशीन के
-सामने खड़े होने पर अटेंडेंस लगेगा फेस रिकॉग्निशन मशीन डिपार्टमेंट में लगाई जाएगी। मशीन के सामने खड़े होने पर अटेंडेंस लगेगी।

-भिलाई स्टील प्लांट के एक गेट से आठ लोग एक साथ जा सकते हैं। एक सेंकंड से भी कम समय में इनकी जांच हो जाएगी।
-बीएसपी के पांच गेट हैं। एक समय में ही एक सेकंड के अंदर चालीस लोगों की जांच हो सकेगी।
-बीएसपी के सभी पांच गेट से कार की इंट्री होती है। इस तरह एक ही समय पर पांच कार एक साथ इंट्री करेगी, जिनकी जांच में भी आधा सेकेंड से कम समय लगेगा।
-एक मिनट में ढाई हजार लोगों को सिस्टम रीड करके अंदर भेजने की अनुमति देगा।


किसी भी शिफ्ट में आठ हजार से अधिक नहीं होते कार्मिक
भिलाई स्टील प्लांट के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि किसी भी शिफ्ट में आठ हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी कार्यस्थल पर नहीं होते हैं। सबसे ज्यादा भीड़ ए शिफ्ट और जनरल शिफ्ट में होती है। दोनों शिफ्ट के कार्मिक एक साथ प्लांट में मौजूद रहते हैं। इसलिए भीड़ उसी समय अधिक होती है। लेकिन परेशानी की कोई बात ही नहीं है। एक सेकंड के अंदर ही गाड़ी की जांच करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस तरह गेट पर किसी तरह का तनाव नहीं होगा। बीएसपी में करीब 15 हजार नियमित कर्मचारी और ढाई हजार अधिकारी हैं। वहीं, बीएसपी सहित सेल की अन्य इकाइयों में कार्मिकों की संख्या करीब 65 हजार है।


जानिए आरएफआईडी के बारे में
आरएफआईडी (RADIO FREQUENCY IDENTIFICATION) एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग आरएफआईडी टैग को ट्रैक करने और इन टैग में एन्कोड किए गए डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह वस्तुओं से जुड़ी टैग को पहचान करने और ट्रैक करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है। टैग में जानकारी होती है जो इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत होती है। यह एक प्रकार का वायरलेस संचार है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक या इलेक्ट्रोस्टैटिक कपलिंग का उपयोग किसी वस्तु, व्यक्ति की पहचान आदि करने के लिए करता है, जिससे कोई टैग जुड़ा होता है।


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