कांकेर 09 मार्च 2022:- सीमा सुरक्षा बल वर्ष 2000 से छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सल विरुद्ध अभियान में तैनात है और दुर्गम क्षेत्रों में बड़ी कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को बड़े हो निपुणता के साथ निभा रही है। जिला कांकर के दूरदराज अति संवेदनशील इलाके में आजादी के बाद वर्षों तक सड़क निर्माण का कार्य नहीं हुआ था जिसे सुखाचल अपनी सुरक्षा देकर सड़क निर्माण का कार्य पुरा कराया जिसका वहाँ के ग्रामीण लोगों को छोटे शहर के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। बीएसएफ के आईजी सुनील त्यागी ने कहा।आज वे मिडिया से अपने कार्यालय मे चर्चा कर रहे थे बीएसएफ के IG सुनील त्यागी ने कहा कि सुरक्षा बल की तैनाती से पहले जिला कांकर के क्षेत्र में नक्सलियों का आतंक और भय व्याप्त था परन्तु सुरक्षा बल ने क्षेत्र से नक्सलियों के विरूद्ध लगातार कार्यवाही करके जनमानस के मन में सुरक्षा की भावना एवं बल के प्रति एक सकारात्मक रवैया पाने में सफलता हासिल की है। इस कार्य में सुरक्षा बल के प्रत्येक अधिकारी अधिनस्थ अधिकारी एवं जवानों के साथ-साथ सुरक्षा बल की खुफिया विभाग की अहम भूमिका रही है।सुरक्षा बल की कार्य क्षमता को देखते हुए अतिसंवेदनशील इलाके सीओबी उदानपुर, थाना कोयलीबेड़ा जिला काकेर से लगभग 35 किमी० पश्चिम दिशा में घने जंगल में स्थित गांव कामतेड़ा में नया चौकी बनाकर दिनांक 29 नवंबर 2020 को अपने जवानों को तैनात किया। जहाँ के आदिवासी ग्रामीण लोग नक्सलियों के दबाव तथा भय के कारण शिक्षा एवं विकास से वंचित है। सुरक्षा बल ने यहाँ अपनी चौकी बनाकर ग्रामीण आदिवासी लोगों के दिल में नक्सलियों का भय तथा उनका दबाव को दूर करने का प्रयास कर रही है। जिला कांकर, थाना कोयलीबेड़ा इलाके को माओवादियों का गढ़ माना जाता है।चारों तरफ घने जंगल से घिरे हुए एवं नक्सलियों गढ़ माने जाने वाले इलाकों की जिम्मेदारी लेकर सुरक्षा बल में अपने उच्च दर्जे के प्रशिक्षण तथा कुशल कार्यक्षमता की पहचान दी है। जिससे वहाँ आस पास गांव के लोगों में उत्साह बढ़ा है। सुरक्षा बलों के नये कैम्प की स्थापना होने से आस पास के गांवों जैसे आदिवासी बहुल इलाके में विकास की रफ्तार तेज होगी जो वर्तमान में माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना है। नये कैम्प कामतेड़ा की स्थापना से इलाके में माओवादियों की गतिविधियों में अवरोध उत्पन्न हुआ है। जो कि माओवादियों का माढ़ एरिया एमएमसी और राजनांदगांव जाने का प्रमुख रास्ता हैं। साथ ही साथ इलाके में चल रहे विकास कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है जिनका सीधा फायदा दूर स्थित ग्रामीणों को मिल रहा है। माओवादियों द्वारा आस पास के ग्रामीणों को नये कँप का विरोध करने के लिए उकसाया जा रहा है।नये कैम्प कामडा की स्थापना से इलाके में विकासात्मक कार्य में वृद्धि हुई है और आसपास के ग्रामीण अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे है। सीमा सुरक्षा बल द्वारा कोयलीबेड़ा से पखांजुर तक लगभग 13 किमी० की पक्का सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है और उसके दोनो तरफ बीज / पुलिया निर्माण का कार्य प्रगति पर है। कोयलीबेडा पखांजूर से मानुप्रतापुर जाने के लिए पहले लगभग 130 किमी० की सफर तय करना पड़ता था। इलाके में सड़क और बीज का निर्माण हो जाने से स्थानीय लोगों को लगभग 42 किमी0 का सफर तय करना पड़ेगा जिससे लोगो लगभग 90 किमी० अंतर पड़ जायेगा। जिससे स्थानीय लोगो को आने जाने में समय और सफर की बचत हो जायेगा। अब तक सीमा सुरक्षा बल ने छत्तीसगढ़ में अपने कठिन प्रयासों से कांकेर जिले में सकिय 102 हार्डकोर नक्सलियों (Maoist) को आत्मसमर्पण कराकर देश की मुख्यधारा में जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ में तैनाती से अब तक सीमा सुरक्षा बल ने 09 नक्सलियों को मार गिराया 1082 नक्सलियों को गिरफ्तारी किया और 537 से अधिक आईईडी (जिन्दा बम्ब) की बरामदगी कर सुरक्षा बलों एवं आम जनता को भारी नुकसान होने से भी बचाया है।
सीमा सुरक्षा बल ने बार्डर ड्यूटि के अलावा देश के अन्दर होने वाली विभिन्न प्रकृतिक आपदायें, नक्सल समस्या, आंतरिक सुरक्षा एवं देश तथा विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों के दौरान भारत सरकार द्वारा दी गयी हर जिम्मेदारी को दृढ संकल्प के साथ निभाते हुए हर कदम पर अपनी वीरता का परिचय दिया है। सीमा सुरक्षा बल न सिर्फ देश के बाहरी दुश्मनों से लोहा लेती है बल्कि जरूरत पड़ने पर देश के भीतर घुसे देशद्रोहियों को कुचलने में अपनी जान की परवाह नहीं करती है।जहाँ सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे है वही दूसरी ओर समाज एवं प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं जिनमें वर्ष 2022 में जिला कांकेर के दूरदराज फैले गांव में अब तक 20 सिविक एक्शन प्रोग्राम एवं 18 चिकित्सा शिविर के तहत गरीबों एवं स्कूली बच्चो को कुल 68,68,888.4/ रूपये की जरूरत की चीजे मुहँया कराया एवं कुल-10,02,988.68 / मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान कराया, बेरोजगार युवाओं को स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत रोजगार प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो, खेल प्रतियोगिता का आयोजन कराना जिससे युवा शाक्ति को बढ़ावा मिले, ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत 24 से 30 दिसम्बर 2021 तक 42 आदिवासी बच्चों को इंदौर भ्रमण में ले जाया गया और प्रदेश की संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान किया गया।
सीमा सुरक्षा बल के जवान दुर्गम क्षेत्रों में बड़ी कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, और बड़ी निपुणता के साथ अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। सुरक्षा बल अपने जवानों की मेहनत की बदौलत आज अपने इलाके के लोगों के बीच एक कार्यकुशल और कारगर फोर्स बनकर उभरी रही है, जिसके लिए हमें अपने जवानों के ऊपर गर्व है। हमें जहाँ नक्सल के खिलाफ सख्त कदम उठाते हैं, वही अपने व्यवहार से लोगों का दिल जीतकर उनके दिलों में सुरक्षा की भावना भी पैदा करना है।