भिलाईनगर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को वित्त मंत्री के रूप में अपना चौथा आम बजट प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने 2022-23 के सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा है। राज्य की आर्थिक विकास की गति में तेजी आयी है। छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास सूचांक बता रहे हैं कि, राज्य की जीएसडीपी में वृद्धि दर 11.54 रही है जो राष्ट्रीय जीडीपी 9.2 प्रतिशत से अधिक है। मुख्यमंत्री का यह बजट आम जनमानस को मद्देनजर रखकर तैयार किया गया है। इस ऊँची वृद्धि दर के दो मतलब हैं कि, पहला यह कि, राज्य ने कोविड काल के दौरान अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट को ना केवल दूर किया है वरना यह कोविड पूर्व के वर्षांे की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।
नगर निगम के एमआईसी सदस्य वार्ड 5 के पार्षद संदीप निरंकारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बजट को विकासमुखी बजट की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि, सरकार का यह विकास मॉडल समावेशी और वितरणात्मक हैं। राज्य की आय का एक बड़ा हिस्सा बजट विभिन्न लोक कल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं के माध्यम से गाँव गरीब, किसान मजदूर और महिलाओं को प्रत्यक्ष हस्तांतरित किया जा रहा है। इस वर्ष भी 1 लाख चार हजार करोड़ का बजट आया है उसमें सर्वाधिक 20 हजार 404 करोड़ रूपये का आबंटन कृषि और संबद्ध सेवाओं के साथ ग्रामीण विकास के लिए गया है।
बजट के जरिये सरकार ने किसानों की आय उत्पादन बढ़ाने, गाँव में विभिन्न योजनाओं के जरिये कौशल प्रशिक्षण, वैकल्पिक रोजगार, रूरल इण्डस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित करना सरकार का क्रांतिकारी कदम हो सकता है। 2022-23 के बजट में वर्तमान सरकार ने पहली बार राजस्व आधिक्य का बजट पेश किया है। कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली और युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की शुल्क में छूट देना अच्छा कदम है।