भिलाईनगर। बीएसपी में ठेका श्रमिक के मौत के 78 घंटे के बाद भी परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया जिसकी वजह से पूरी तैयारी के बावजूद शुक्रवार को पोस्ट मार्टम नहीं हो पाया। शव अभी भी मच्र्युरी में रखा हुआ है। आज मृतक के परिजनों एवं समाज के लोगों ने जिला कलेक्टोरेट जाकर एसडीएम को एक ज्ञापन सौंप कर माँग की कि, अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में प्रबंधन स्पष्ट करें कि, कितनों दिनों के भीतर मृतक के परिजनों को भिलाई इस्पात संयंत्र में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी वहीं आज संयंत्र प्रबंधन के प्रबंधक कार्मिक राहुत थोटे ने मृतिक के पत्नी के नाम आज एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त होने के 7 दिनों के अंदर कम्पनी नियमानुसार अनुकम्पा नियुक्ति देगी।
आज भी संयंत्र प्रबंधन के अलावा जिला व पुलिस प्रशासन एवं कुछ श्रमिक संगठनों ने मृतक के परिजनों एवं समाज के लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया किन्तु सफलता हाथ नहीं लगी। परिजन इस बात पर अड़े हुए हैं कि, अनुकम्पा नियुक्ति पत्र में समय अवधि का उल्लेख किया जाये। उसके उपरांत ही ठेका श्रमिक का पीएम किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि, 8 मार्च को सेमीपोर्टल क्रेन चालक की लापरवाही से डम्पर में बैठा लेबर खुर्सीपार निवासी केबल राम की 10 फीट ऊपर से गिरने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। ज्ञातत्व हो कि, मृत श्रमिक के ठेकेदार बसंत ब्रदर्स ने एक लाख रूपये तत्काल नगद वहीं संयंत्र प्रबंधन की ओर से एक परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति देने का लेटर भी दिया गया किन्तु समाज के लोगों ने पत्र में समय सीमा का निर्धारण नहीं होने के कारण शव लेने से इंकार कर दिया। फिलहाल काफी कोशिशों के बावजूद भी मृत ठेका श्रमिक का आज चौथे दिन शुक्रवार को भी पोस्ट मार्टम नहीं हो पाया।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को डम्पर के साथ गये ठेका श्रमिक 55 वर्षीय केवल राम की एसएमएस 3 में सेमी पोर्टल क्रेन की चपेट में आने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। घटना के उपरांत हिन्दुस्तान ठेका श्रमिका युनियन के महासचिव योगेश सोनी, भिलाई इस्पात मजदूर सभा एवं श्रमिक संगठनों ने ठेका श्रमिक के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति की माँग को लेकर आज सुबह से सेक्टर 9 अस्पताल के मच्र्युरी के समक्ष इक_ा हो गये। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से प्रबंधक राहुल थोटे द्वारा मृतक की पत्नी बुधियारिन बाई के नाम पर अनुकम्पा नियुक्ति से संबंधित पत्र सौंपा गया। इस पत्र में उल्लेखित किया गया है कि, संयंत्र प्रबंधन की ओर से ठेका श्रमिक केवलराम की मृत्यु के पश्चात उनके परिवार से एक आश्रित सदस्य को इस मामले के निष्पक्ष जाँच के पश्चात अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी वहीं बसंत ब्रदर्स के प्रतिनिधि ने मच्र्युरी पहुँचकर सतनामी समाज, मृतक के परिजनों व युनियन के नेताओं के समक्ष तत्काल एक लाख रूपये नगद और कुछ समय पश्चात 50 हजार रूपये देने का वादा किया गया।
प्रबंधन द्वारा सौंपे गये पत्र से स्थल पर उपस्थित सतनामी समाज के नेतागण सहमत नहीं थे उनकी माँग थी कि, समय सीमा का उल्लेख किया जाये। प्रबंधन द्वारा निश्चित समय सीमा नहीं दिये जाने से मृतक के परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया जिस वजह से मृतक का पोस्ट मार्टम नहीं हो पया। पुलिस प्रशासन ने भी इस मामले में सुलह कराने का प्रयास किया किन्तु सफलता हाथ नहीं लगी।