शानदार थानेदार साहब…. पुरानी भिलाई पुलिस बनी सत्ता की कठपुतली, मारपीट के मामले में गंभीर धारा लगाने से उठा प्रश्रचिन्ह, कैप्सूल वाहनों में तोडफ़ोड़ की गंभीर घटना पर पुलिस ने साध रखी है चुप्पी….

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भिलाईनगर। राजनीति दबाव में पुलिस प्रशासन उबर नहीं पा रही है विशेषकर पुरानी भिलाई थाने में सत्ता के दबाव में फर्जी मामले कायम कर बेवजह लोगों को परेशान करने का एक सिलसिला चल निकला है। हाल ही में सोमनी में ट्रांसपोर्टरों के साथ मारपीट की घटना मात्र इस धंधे में वर्चस्व की लड़ाई दिख रही है। सत्ता के पहुँच वाले इस मामले को इस कदर तूल दिये हुए हैं कि, पुरानी भिलाई पुलिस उनके ईशारे पर मामले को तोड़ मरोड़ कर इस कदर बना रही है जैसे कि, आरोपी बहुत ही शातिर किस्म के लोग हैं। अभी हाल ही में एक मामले में धारा 307 भादवि का जो अपराध कायम किया गया है उसमें भी सत्ता के पहुँच वालों ने अपनी पूरी ताकत का उपयोग करते हुए फर्जी मामले दर्ज कराने से बाज नहीं आये।


जानकारों का कहना है कि, पुरानी भिलाई पुलिस ने जिन सत्ता के पहुँच वालों के दबाव में 307 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया है यदि उसी मामले की सूक्ष्मता से पुन: मेडिकल मुलाहिजा कराया जाये तो जानकारों के अनुसार 307 भादवि का मामला बनता ही नहीं है। बताया जाता है कि, कुछ ट्रांसपोर्टरों के बीच व्यवसाय के वर्चस्व को लेकर जंग छिड़ी हुई है जिसकी परिणीति कैप्सूल वाहन के चालक और परिचालक को भुगतना पड़ रहा है। स्थिति इस कदर बद्दतर हो गई है कि, स्लैग डम्प चौक घटना के बाद से पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। पुरानी भिलाई पुलिस ने उस चौक पर इतना अतिरिक्त बल लगा दिया है कि, आने जाने वाले रहवासी भी दहशत के साये में गुजर रहे हैं। इतना सब होने के बावजूद भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण मामले की तह में जाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं और अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में सत्ता के चंद लोगों के हाथ में कठपुतली बन कर रह गये हैं। हाल ही में पुरानी भिलाई पुलिस ने मारपीट के एक मामले में एक ट्रांसपोर्टर के खिलाफ चंद लोगों के दबाव में फर्जी मामले दर्ज कर लिया है।

इतना ही नहीं एक छोटे से मारपीट के मामले में 307 भादवि कायम करने वाली पुरानी भिलाई पुलिस विगत दिनों सोमनी में कैप्सूल वाहनों में तोडफ़ोड़ के मामले में मामुली धाराओं के तहत मामला दर्ज कर खानापूर्ति करने से बाज नहीं आयी है जबकि, उस मामले में पुलिस को गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर मामले की सूक्ष्मता से जाँच करते हुए दोषी लोगों के खिलाफ नामजद कार्यवाही करनी थी किन्तु पुलिस उपरोक्त मामले में आरोपियों को इस कदर संरक्षण दे रही है कि, आने वाले समय में यही आरोपीगण किसी गंभीर घटना को अंजाम देने से बाज नहीं आयेेंगे।

सेवानिवृत्त पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि, पुरानी भिलाई पुलिस ने डी सुदर्शन के साथ मारपीट के मामले में जितनी गंभीरता से कार्यवाही की है उक्त मामला न्यायालय में कहीं नहीं ठिकेगा इससे अधिक मारपीट के वारदातों में 307 भादवि से पीछा छुड़ाने वाली पुलिस इस मामले में इतनी तेजी क्यों दिखा रही है यह तो पुरानी भिलाई पुलिस के सिपहसलार ही बता सकते हैं कि, पिछले काफी दिनों से गंभीर मामलों की वारदातों को मामुली धाराओं में खानापूर्ति करने वाली पुरानी भिलाई पुलिस वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को भी दरकिनार कर अपनी मनमर्जी करने में बाज नहीं आ रही है।


ट्रांसपोर्टर ने युवक पर प्राणघातक हमला करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया है। भिलाई-3 थाना प्रभारी विनय सिंह बघेल ने बताया कि मिडलैंड ट्रांसपोर्ट कैरियर का संचालक पंकज सिंह समेत अन्य ने मिलकर 9 मार्च को खुर्सीपार जोन 1 निवासी डी सुदर्शन के वाहन पर रॉड से प्राणघातक हमला कर दिया। घटना में उसके सिर, हाथ, पैर पर गंभीर चोट आई है। जिसे उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया है। मारपीट के दौरान बीच-बचाव करने वाले अकरम को भी चोटें आई हैं।

अकरम अली ट्रांसपोर्ट नगर में सुपरवाईजर का काम करता है। ट्रकों की देखरेख करने के लिये अकरम अपने दोस्त डी सुदर्शन के साथ बाइक पर पुरैना जाने निकला था। रास्ते में पंकज सिंह गाड़ी के पास खड़ा था। तभी सिरसा गेट चौक नहर पुलिया के बाजू अंडरब्रिज के पास नेहरु नगर निवासी पंकज सिंह पीडि़तों का इंतजार कर उनके साथ जोरदार मारपीट कर दिया। पंकज ने पीडितों से मेरे बोलेरो को कट मार रहे रहो कहते हुए हमला करना शुरु कर दिया। पुलिस ने बताया कि अकरम अली को भी पंकज ने लोहे के राड से दाहिने पैर, पीठ पर मारकर चोट पहुंचाया है। युवकों ने भागकर अपनी जान बचाई है।


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