दसवाँ वेतन समझौता कर्मचारियों के लिए आँखें खोलने वाला- देवेंद्र कुमार पांडे…. भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय एनजेसीएस सदस्य तथा उद्योग प्रभारी देवेंद्र कुमार पांडे ने भिलाई प्रवास के दौरान ली संघ के पदाधिकारियों की बैठक

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भिलाईनगर। भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय एनजेसीएस सदस्य तथा उद्योग प्रभारी देवेंद्र कुमार पांडे ने भिलाई प्रवास के दौरान भिलाई इस्पात मजदूर संघ के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों की एक बैठक यूनियन ऑफिस में ली जिसमें उन्होंने भिलाई में मान्यता के होने वाले चुनाव के संबंध में चर्चा की उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को बताया कि, दसवाँ वेतन समझौता कर्मचारियों के लिए आँखें खोल देने वाला रहा है इससे पहले होने वाले वेतन समझौते मैं एनजेसीएस सदस्य कर्मचारियों के लिए क्या कर रहे हैं इस खबर की सच्चाई बाहर नहीं आ पाती थी पर वर्चुअल बैठक होने से कर्मचारियों को कमजोर तथा प्रबंधन को मजबूत करने वाली यूनियनों की पोल खुल गई कर्मियों की समझ में आ गया कि कौन सी यूनियन उनके साथ है तथा कौन सी धोखेबाजी कर रही है।


8 सितंबर 2019 को वेज के संबंध में स्टील मिनिस्टर से बैठक की तथा जल्द से जल्द वेज रिवीजन करवाने को कहा है जब प्रबंधन ने डीपीई गाइडलाइन की बात कहीं तब हमने सभी यूनियनों को समझाया कि डीपीई गाइडलाइंस अधिकारियों पर लागू होता है कर्मचारियों पर नहीं पर इन यूनियनों की समझ में नहीं आया और प्रबंधन की हां में हां मिलाते रहे।
ग्रेच्युटी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 1970 से लेकर 2007 तक के वेज एग्रीमेंट में ग्रेच्युटी सीलिंग नहीं की जाएगी यह स्पष्ट लिखा था पर 2012 के बीच में ग्रेच्युटी का उल्लेख ही नहीं है इसका मतलब है कि छुपे तौर पर उस समय की चार यूनियनों ने ग्रेच्युटी सीलिंग के संबंध में अपनी मूक सहमति दे दी थी अब उसी में से एक यूनियन श्रम आयुक्त के पास केस करने का दावा करती है जबकि अगर उन्हें केस करना ही है तो हाई कोर्ट में करना चाहिए क्योंकि श्रम आयुक्त जजमेंट कभी नहीं देता पर जो लोग अपनी मुक सहमति दे चुके हैं वह हाईकोर्ट में क्या मुंह लेकर जाएंगे इसलिए कर्मचारियों को भ्रमित करने के लिए इस प्रकार का दिखावा किया जा रहा है।


एनजेसीएस कोर कमेटी में 21 अक्टूबर 2021 को पांचों यूनियनों ने मिलकर तय किया कि 28 परसेंट से कम पाक्र्स नहीं लेंगे पर इंटक ने जिस प्रकार 30 जून की हड़ताल में कर्मचारियों को धोखा दिया उसी प्रकार अचानक से दूसरे दिन 22 अक्टूबर को अपने साथ दो और यूनियनों को मिलाकर 26.5त्न पर साइन कर दिए और इस प्रकार दोबारा यूनियनों की एकता को तोड़ कर कर्मचारियों के भरोसे के साथ विश्वासघात किया और उनकी जेब पर डाका डाल दिया आज वही यूनियन जिसने इस प्रकार का प्रपंच रचा हर दिन नए-नए वादे कर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है पर आज का कर्मचारी समय के साथ हर बात का आकलन कर रहा है और उसका जवाब ऐसे लोगों को जरूर देगा।


एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम लोग नॉन पॉलिटिकल है किसी पार्टी से हमारा कोई संबंध नहीं है हमारी कोई सरकार नहीं है हमारी सरकार सिर्फ कर्मचारी एवं मजदूर है हमारा संगठन राष्ट्रहित उद्योग हित मजदूर हित किस सिद्धांत पर काम करता है कर्मचारियों के हित के लिए जो भी अच्छा होगा हम हमेशा कार्य करते रहेंगे उसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
एनजेसीएस सब कमेटी में ना जाने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जब हमने एमओयू को ही स्वीकार नहीं किया है तो सब कमेटी में जाने का प्रश्न ही नहीं उठता और वैसे भी सब कमेटी में डालकर मुद्दों को उलझाने से अच्छा है कि प्रबंधन एनजेसीएस की फुल मीटिंग बुलाए तथा 28 परसेंट पाक्र्स 39 महीने का एरियर ओपन एंडेड पे स्केल दे तथा नाइट शिफ्ट एलाउंस जैसी अन्य सुविधाओं को बहाल करें तभी भारतीय मजदूर संघ एम ओ ए पर साइन करेगी अन्यथा समय आने पर कोर्ट में जाएंगे।


उनके साथ क्षेत्रीय संगठन मंत्री योगेश्वर दत्त मिश्र प्रदेश उद्योग प्रभारी राधेश्याम जयसवाल भी उपस्थित थे
आज की मीटिंग में भिलाई इस्पात मजदूर संघ की ओर से अध्यक्ष आई पी मिश्रा कार्यकारी अध्यक्ष चन्ना केशवलू महामंत्री रवि शंकर सिंह उपाध्यक्ष हरिशंकर चतुर्वेदी सोम भारती राजेश चौहान शारदा गुप्ता विनोद उपाध्याय उमेश मिश्रा कैलाश सिंह संयुक्त महामंत्री रामजी सिंह, सनी ईप्पन, अमृत देवांगन अशोक कुमार माहौर वशिष्ठ वर्मा, प्रदीप पाल, आर के पांडे गिरीश सांवरिया प्रवीण मारडिकर रवि चौधरी, संजय प्रताप सिंह, एसके चौहान जगजीत सिंह भूपेंद्र बंजारे जनक राम ध्रुव सुरेंद्र गजभिए जगजीत सिंह प्रकाश सोनी भागीरथी चंद्राकर सुधीर गरहेवाल पुरुषोत्तम राम घनश्याम साहू नवनीत हरदैल अरविंद पांडे राज नारायण आरती पांडे दिल्ली राव रमेश कुहिकर बेचन लाल वर्मा पूरन लाल साहू अन्य साथियों पर उस्थित थे।


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