रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा परिसर में सी-मार्ट के लोगो का विमोचन किया। यह लोगो कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, कुम्हारों और अन्य पारंपरिक कलाकारों के कामों को एक उत्सव की तरह प्रतिबिंबित करता है। सी-मार्ट विभिन्न उद्यमियों के उत्पादों की एक ही छत के नीचे विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। लोगों में साल वृक्ष के नीचे आदिवासियों के पारंपरिक हाट-बाजार को प्रदर्शित किया गया है, भारतीय गांवों और कस्बों में मुक्ताकाश बाजार ही स्थानीय लोगों का विनिमय केंद्र होता है। धान की बालियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में चावल उत्पादन की प्रचुरता पर प्रकाश डाला गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश भारत के तीन प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में से एक है। मटमैले मैरून और हरे रंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं के पारंपरिक परिधानों को दर्शाया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के लिए गांवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोडऩे की नई पहल की है। इसके लिए मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकरों, कुम्भकरों अथवा अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य सुनिश्चित करने हेतु इनकी व्यावसायिक ढंग से मार्केटिंग के लिए शहरों में आधुनिक शोरूम की तरह सी-मार्ट स्थापित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
सी-मार्ट की स्थापना से इन सभी वर्गों के उद्यमियों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सकेगा। इसके लिए प्रथम चरण में सभी जिला मुख्यालयों में नगर निगमों की स्थिति में 8 से 10 हजार वर्गफुट तथा नगर पालिकाओं की स्थिति में 6 से 8 हजार वर्गफुट में आधुनिक शो रूम की तरह सी मार्ट की स्थापना की तैयारी की जा रही है।