भिलाईनगर। रामायण प्रचार समिति ने 23 मार्च को शहीद दिवस के मौके पर शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को श्रद्धा सुमन आर्पित किया। साथ ही समिति ने शहीदे आजम को राष्ट्रनायक की उपाधि देने की मांग भी की है। रामायण प्रचार समिति के सदस्य सुबह कैंप मंडल सुभाष चौक पर स्थित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा स्थल पर पहुँचे। पहले सभी ने मिलकर प्रतिमा की सफाई की। रामायण प्रचार समिति के सभी सदस्यों ने तीनों राष्ट्र नायकों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
रामायण प्रचार समिति के संयोजक राम उपकार तिवारी की अगुवाई में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। समिति के सभी सदस्य रैली की शक्ल में सुभाष चौक पहुंचे। बता दें कि सुभाष चौक में भारत के नक्शे की आकृति बनाई गई है। उस आकृति के बीच शहीद भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव के चित्र उकेरे गए हैं। रामायण प्रचार समिति के सदस्यों ने सबसे पहले प्रतिमा की सफाई की, उसके बाद पुष्प अर्पित कर तीनों शहीदों को नमन किया।
नवगठित रामायण प्रचार समिति द्वारा युवाओं में देश भक्ति की भावना जगृत करने के लिए उन्हें भगत सिंह की जीवनी से परिचय कराया। बताया कि भगत सिंह ने साइमन कमिशन बिल का विरोध किया था। विरोध के दौरान अंग्रेजों की लाठी से शहीद हुए लाल लाचपत राय की मौत को गई थी। जिसका बदला भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों ने लाहौर के तत्कालीन एसपी सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर लिया था। राष्ट्रनायक भगत सिंह ने बहरी सरकार को जगाने के लिए सांसद में बम धमाका किया था। भगत सिंह नया भारत चाहते थे। वे किसान, मजदरों तथा गरीबों की चिंता करते थे। वे एक ऐसा भारत चाहते थे, जहां सभी को एक सामान नजरों से देखा जाए। जिस भगत सिंह के नाम से ब्रितानियां हुकूमत की कांप उठता था, उन्हीं भगत सिंह को जन विरोध के डर से फांसी की तय तारीख के एक दिन पहले यानी 23 मार्च की शाम फांसी दे दी गई। ऐसा विश्व इतिहास में पहली बार हुआ।