विपक्ष के विरोध के बावजूद ध्वनिमत से सभी प्रस्ताव पास, योजना के भूखंडों की नीलामी के प्रस्ताव पर गरमाया सदन, महापौर ने कहा भूखंडों की बिक्री से बढ़ेगी निगम की आय, भाजपा ने सत्ता पक्ष पर लगाया शहर को बेचने का आरोप

00.jpg

भिलाईनगरनिगम की सामान्य सभा में आज योजना विशेष की रिक्त भूखंडों की नीलामी के प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार चली। विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष कांग्रेस पर सीधे-सीधे शहर को बेचने का आरोप लगा दिया। महापौर नीरज पाल ने मामले में जवाब देते हुए बरसों से रिक्त भूखंडों की नीलामी से निगम के आय में इजाफा होने का तर्क देकर भाजपा पार्षदों से सहयोग करने की अपील की।
नगर निगम भिलाई के नई परिषद की पहली सामान्य सभा में आज सदन में पहले की तरह पक्ष और विपक्ष के बीच गरमाहट देखने को मिली। सभापति गिरवर बंटी साहू के आदेश पर निगम सचिव ने प्रस्ताव का वाचन किया। नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में योजना विशेष की खाली पड़ी व्यवसायिक व आवासीय एवं व्यवसायिक सह आवासीय भूखंडों की नीलामी हेतु अनुमति के प्रस्ताव पर भाजपा पार्षद भोजराज सिन्हा ने आपत्ति जताई। उन्होंने सत्ता पक्ष पर सवाल दागा कि शहर सरकार को अपनी जमीन बेचने की आखिर क्या जरूरत पड़ गई है।
सभापति के निर्देश पर निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने जवाब में बताया कि राज्य सरकार का निर्देश है इसलिए निगम योजना विशेष के भूखंडों को नीलामी के माध्यम से बेच रहा है। आयुक्त के जवाब से असंतुष्ट भाजपा के भोजराज सिन्हा, रिकेश सेन, पीयूष मिश्रा व महेश वर्मा ने विरोध जताया। निगम के अधिकारी अशोक द्विवेदी ने बताया कि 1248 भूखंडों की नीलामी होनी है। ये सभी भूखंड साडा काल के समय से ही योजना विशेष के लिए आरक्षित हैं। साडा भंग होने के बाद नगर निगम बनने पर शासन ने इन भूखंडों की नीलामी पर रोक लगा रखी थी। अब जाकर अनुमति मिली है तो इन भूखंडों के नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस जवाब पर भी भाजपा के पार्षद संतुष्ट नहीं हुए।
महापौर नीरज पाल ने कहा कि योजना विशेष की भूखंडों की नीलामी शासन के निर्देश पर होनी है। अन्य निकायों में भी इसी तरह से योजना विशेष के भूखंडों की नीलामी होती है। इससे निगम को प्रीमियम राशि के रूप में करोड़ों की राशि मिलेगी। प्रतिवर्ष सम्पत्ति कर के रूप में भी निगम को राजस्व मिलने से आय बढ़ेगी।
एमआईसी सदस्य सीजू एंथोनी और लक्ष्मीपति राजू ने भी महापौर की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि योजना की भूखंड पहले भी नीलामी के माध्यम से बिकते रहें हैं। इसलिए निगम के लाए गए प्रस्ताव पर विपक्ष को बेवजह हो हल्ला नहीं मचाना चाहिए।


वैशाली नगर की जर्जर सड़कों का उठाया मुद्दा
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के पार्षद रिकेश सेन और स्मिता डोडके ने वैशाली नगर क्षेत्र की जर्जर सड़कों का मुद्दा उठाया। स्मिता डोडके ने इस मुद्दे पर महापौर की ओर मुखातिब होकर कहा कि नई परिषद गठन के तीन महीने बाद भी उन्होंने वैशाली नगर क्षेत्र की समस्या से रुबरु होने की जरूरत नहीं समझी। रिकेश सेन ने वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र की सभी सड़कों के नव निर्माण और आवश्यक संधारण पर जोर दिया। जवाब में लोक निर्माण विभाग प्रभारी एकांश बंछोर ने बताया कि वैशाली नगर के सड़कों को नया स्वरूप देने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। स्वीकृत मिलने और राशि आबंटित होने पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
महापौर नीरज पाल ने जताया खेद
सामान्य सभा के शुरूआत में भाजपा पार्षद ने निगम के आयोजन में सभापति गिरवर बंटी साहू की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सदन में स्पष्टीकरण मांगा। पीयूष ने बताया कि 23 मार्च को निगम द्वारा सेक्टर 5 स्थित शहीद पार्क में शहीद दिवस मनाया गया। इसका आयोजक नगर निगम था, लेकर आमंत्रण पत्र में सभापति के नाम का उल्लेख नहीं किया जाना एक तरह से गलत परम्परा का आगाज है। महापौर नीरज पाल ने पार्षद पीयूष मिश्रा के इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि वास्तविक में गलती हुई है, इसका उन्हें खेद है। उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होगी।


प्लाट बेचने का रास्ता साफ
सामान्य सभा में लाए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया। शहर के खाली प्लाट बेचने के प्रस्ताव पारित हो गए। निगम क्षेत्र के ऐसे प्लॉट जो बरसों से खाली हैं और जिनमें अवैध कब्जें हो रहे है, उन्हें बेचने का रास्ता साफ हो गया है।
विपक्ष अड़ंगा नहीं लगा पाए
विपक्ष में बैठे पार्षदों ने साडा कार्यकाल में 253 भूखंड के बिक्री मामले को अब तक मंजूरी नहीं मिली और आज भी वह मामला अधर में है। इस मामले को लाकर 1248 भूखंड के प्रस्ताव को सहमति नहीं देना चाह रहे थे। पहले 253 भूखंड के मामले का निराकरण करें. इसके बाद 1248 भूखंड का मामला सदन में लाया जाए। इस पर विपक्षी अड़े थे. 30 भूखंड भिलाई निगम के बेचे गए हैं। इसके एवज में भिलाई निगम को 5 करोड़ रुपए की राशि मिली हुई है। आय कमाने का जरिया भिलाई निगम ने भूखंड बेच कर निकाला है, जिसे विपक्षी पार्षदों ने बिल्कुल भी समर्थन नहीं दिया है।


आपत्ति दर्ज कर मिनट्स में लिखवाया
भिलाई नगर निगम के महापौर नीरज पाल एवं कांग्रेस पार्षदों ने पूर्ण बहुमत होने का फायदा उठाते हुए प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, परंतु विपक्ष के भाजपा पार्षदों ने सभी प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के साथ मिनिट्स में लिखवाया है।
प्रशासक नहीं तो स्वीकृति किससे
निर्दलीय पार्षद बशिष्ठ नारायण मिश्रा ने कहा कि शहीद पार्क के पास सेक्टर-5 में लाइब्रेरी एवं रीडिंग रूम निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति 2.46 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्राप्त है। प्रशासक ने 18 नवंबर 2020 में पारित प्रस्ताव में कार्य पर व्यय की राशि 2.49 करोड रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इस संकल्प के आने के बाद उन्होंने कहा कि भिलाई नगर निगम में प्रशासक 21 जनवरी 2021 को नियुक्त किया गया था। उस दौरान भिलाई निगम में प्रशासक था ही नहीं, तो कौन प्रशासक ने इसकी स्वीकृति दी है। यह बड़ा सवाल उठाया है।


त्रुटि माना है
महापौर नीरज पाल ने शहीद उद्यान में लाइब्रेरी एवं रीडिंग रूम निर्माण के प्रस्ताव में प्रशासक से अनुमति मांगने की तिथि को त्रुटि माना है।
1248 भूखंड बेचेगा निगम
भिलाई में विभिन्न क्षेत्रों में (योजनाओं) रिक्त व्यावसायिक, आवासीय व आवासीय सह व्यवसायिक भूखण्डों के आबंटन पर सहमति मिल गई है। महापौर नीरज पाल ने बताया कि शहर में ऐसे 1248 प्लॉट हैं, जिन्हें नीलाम किया जाएगा। चुनाव के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कलेक्टर द्वारा 25 भूखंडों की नीलामी की गई थी। जिसमें से 23 भूखंड बेच दिए हैं। 5 करोड रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन को हमने पत्र लिख अवगत करा दिया है। भिलाई निगम की भूमि है। इसलिए इस राशि को राज्य शासन को नहीं देंगे।

पहले 253 प्लस 6 पर करे कार्रवाई

निर्दलीय पार्षद बशिष्ठ मिश्रा ने कहा कि वर्ष 1998, 99 एवं 2000 में प्रशासक बीएल अग्रवाल, प्रशासन आलोक शुक्ला द्वारा आवंटित 253 प्लस 6 का आवंटन प्रक्रिया व प्रावधान के अंतर्गत किया गया. 2002 में संबंधित आवंटन आर्थिक अनियमितता हुई. जो आज तक निराकरण नहीं हो पाया है. आज भी हितग्राही इस प्रकरण के निराकरण के लिए हाईकोर्ट के चक्कर काट रहे हैं. फिर एक नया प्रकरण 1248 भूखंड क्रय विक्रय का आया है, पुराना मामला का निराकरण नहीं हुआ है. फिर एक नया मामला सामने ले आए हैं.

2 साल तक नहीं हुआ टेंडर

उद्यान मामले में निर्दलीय पार्षद बशिष्ठ मिश्रा ने कहां है कि अपने चेहरे को टेंडर नहीं मिला. इसके लिए 2 साल से यह प्रकरण का निराकरण नहीं हो पाया है. वर्ष 2020 को शहीद पार्क के पास पब्लिक लाइब्रेरी एवं रीडिंग रूम का निर्माण की निविदा निकाली गई थी. उन्होंने कहा कि 2 साल तक विकास कार्यों की निविदा ही निकाली जा रही है. तो शहर में विकास कार्य कब होगा.


scroll to top