भिलाईनगर 25 मार्च 2022:- क्रेडिट कार्ड के नाम पर बड़ा फ्राड, स्टेट बैंक द्वारा अभी तक जांच भी शुरू नहीं हुई भिलाई में वर्ष 2018 से लेकर अब तक क्रेडिट कार्ड के नाम ग्राहकों से हुई धोखाधड़ी के मामले में अब तक एसबीआई ने जांच तक शुरू नहीं की हैं। विगत दिनों इस मामले पर ग्राहकों ने सेक्टर वन शाखा में घेराव भी किया था जबकि इस पूरे मामले में बैंक सवालों के घेरे में है।1122 खाताधारकों के खातों से न्यूनतम 260 रूपए से लेकर अधिकतम सात लाख रूपए बिना उनकी जानकारी के निकाल लिए गए। करीब 10.80 करोड़ रूपए की निकासी का यह मामला है। इसे लेकर कार्य करने वाली एजेंसी ने 11 से 17 जनवरी और 20 से 23 जनवरी तक शिविर भी लगाया। इसमें इन 1122 ग्राहकों ने खातों से रकम निकाले जाने को लेकर शिकायत की। यह शिविर ग्राहकों को बरगलाने या बहलाने-फुसलाने के लिए किया गया प्रतीत होता है। समस्या इतनी गंभीर है कि ग्राहकों के खाते से काटे गए लगभग 11 करोड़ की राशि की जिम्मेदारी लेने के लिए भी स्टेट बैंक प्रबंधन तैयार नहीं है।बैंक भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा, बल्कि क्रेडिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर कम्पनी पर ठीकरा फोड़ रहा है और अपना पल्ला झाड़ रहा है। बैंक का कहना है कि अनुबंध के तहत नाम, लोगो, दफ्तर दिया गया, लेकिन क्रेडिट कार्ड से संबंधित सर्विस देने का काम एजेंसी का है। पब्लिक सेक्टर के बैंक हो या फिर निजी, सभी अपने-अपने बैंकों के नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं।कार्ड बनाने का काम निजी एजेंसी को दिया जाता है। एजेंसी का कहना है कि सिर्फ 550 शिकायतें आई. सभी का निराकरण किया गया। लौटाई गई राशि की जानकारी नहीं है। जबकि हकीकत कुछ और हैं ग्राहकों के खाते से जबरिया वसूली भी की जा रही है। खाते से सर्विस चार्ज, यूजर्स चार्ज के नाम पर 250 रूपए से लेकर 1200 रूपए तक काटे गए। वहीं सामान की खरीदी करने के नाम पर 12000 रूपए तक निकाले गए। इसकी शिकायत भी हुई। किन्तु कोई निराकरण नहीं।
ग्राहकों का क्रेडिट कार्ड बनाते समय उनके खातें से संबंधित सारी जानकारी एजेंसी वाले लेते हैं। इनमें उनका नाम, पिता का नाम, नॉमनी का नाम आधार नंबर पैन नंबर बैंक का खाता नंबर घर का पता, मोबाइल नंबर समेत अन्य सभी जानकारी ली जाती है। जानकारी के आधार पर रिकवरी करते हैं। एसबीआई क्रेडिट कार्ड से ठगी के शिकार लोगों में संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग के सविच समेत रेलवे और बीएसपी के कर्मचारी है। इसके अलावा सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता और अन्य लोग शामिल हैं। इसमें बड़ी संख्या उन वरिष्ठ नागरिकों की है जिनके पास आय के दूसरे साधन नहीं है। जो ज्यादा दौड़-धूप नहीं कर सकते। इन लोगों ने 11 जनवरी को एसबीआई की सेक्टर-1 स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हंगामा किया था। उन्हें एजेंसी भेज दिया गया। स्टेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में बैंक के रिजनल मैनेजर बैठते हैं किन्तु वहां भी इस धोखाधड़ी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।स्टेट बैंक के 1122 खाताधारकों से हुई लगभग 11 करोड़ की इस ठगी पर स्टेट बैंक के स्थानीय एवं उच्च प्रबंधन द्वारा चुप्पी साध लेना अनेक संदेहों को जन्म देता हैं। इस संबंध मे आज नेहरु नगर मे भारतीय स्टेट बैंक क्रेडिट कार्ड सेन्टर मे नरेंद्र नामक अधिकारी से मोबाईल नंबर 934 098 3907 व भारतीय स्टेट बैंक सेक्टर 01 के रीजनल मैनेजर आशीष चक्रवत से मोबाईल नंबर 96442 44999 पर बात करने की कोशिश की गई किन्तु किसी ने भी मोबाईल उठाना उचित नही समझा।