धनकुबेर निकला प्राथमिक विद्यालय का संविदा शिक्षक, ईओडब्ल्यू की जांच में हुआ खुलासा, 27 कॉलेजों के साथ 4 दफ्तर, 2 मकान, जमीन और जमीनों का मालिक, बैंक अकाउंट और लॉकर्स के दस्तावेज भी बरामद

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ईओडब्ल्यू डीएसपी सतीश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशांत सिंह परमार के सत्यम टावर स्थित फ्लैट पर छापा मारा था। वहां से कई दस्तावेज मिले है। पेशे से वह प्राइमरी टीचर है। तृतीय श्रेणी कर्मचारी के पास करोड़ों की संपत्ति होना चौंकाने वाला है।
ग्वालियर। ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर में बड़ी रेड मारी है। उसके शिकंजे में ऐसा संविदा शिक्षक फंसा है, जिसके 27 कॉलेज हैं। हैरानी वाली बात ये है कि भ्रष्टाचार के आरोपी प्रशांत सिंह परमार ने ये संपत्ति महज 15 सालों में जोड़ी है। राजस्थान के रहने वाले प्रशांत ने साल 2006 में 3500 रुपए महीने से नौकरी शुरू की थी। ईओडब्ल्यू ने शनिवार को प्रशांत के एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा और कई अहम दस्तावेज जब्त किए। ईओडब्ल्यू की जांच में प्रशांत के पास 27 कॉलेज, 4 दफ्तर, 2 मकान, जमीन, बैंक अकाउंट और लॉकर्स के दस्तावेज मिले हैं। ईओडब्ल्यू डीएसपी सतीश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशांत सिंह परमार के सत्यम टॉवर स्थित फ्लैट पर छापा मारा था। वहां से कई दस्तावेज मिले हैं। डीएसपी चतुर्वेदी ने कहा कि जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि परमार ने आय के मुकाबले कितनी अधिक संपत्ति जमा कर रखी है। पेशे से वह प्राइमरी टीचर है। तृतीय श्रेणी कर्मचारी के पास करोड़ों की संपत्ति होना चौंकाने वाला है।


जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि परमार ने आय के मुकाबले कितनी अधिक संपत्ति जमा कर रखी है ? अधिकारियों के अनुसार फिलहाल 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति का ही चुका है जांच करती हुई इंडब्ल्यूओ की टीम आय से अधिक संपत्ति की मिली थी शिकायत आय से अधिक संपत्ति की गोपनीय शिकायत की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने प्रशांत के सत्यम टावर स्थित घर के साथ कई ठिकानों पर रेड की रेड में कई महत्वपूर्ण दस्तावेजहाथ लगे है। 2006 से सहायक शिक्षक की नौकरी कर रहा प्रशांत आज 24 डीएड, बीएड कॉलेज और 3 नर्सिंग कॉलेज सहित 27 खुलासा तो हो कॉलेजों का मालिक है। ग्वालियर में प्रशांत के 2 मकान और चार दफ्तर होने के साथ जमीन, बैंक एकाउंट्स और लॉकर भी है।


झारखंड तक फैला नेटवर्क, कई सरकारी दफ्तरों की सीलें मिलीं
प्रशांत मूलत राजस्थान के बाड़ी का रहने वाला है। उसका यह नेटवर्क झारखंड तक फैला होना पाया गया है। इस कार्यवाही के बीच अडब्ल्यू को प्रात के ठिकानों से कई सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों की स्टेय सील मिली है। ऐसे में सम्भवना है कि आरोपी सहायक शिक्षक प्रशांत परमार उन फर्जी स्टाप सील के जरिए यह काला खेल संचालित कर रहा होगा।


राजस्थान में विधानसभा चुनाव लडऩे की कर रहा था तैयारी
अधिकारियों के अनुसार पूरी जांच के बाद 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हो सकता है। जांच के दौरान ये भी जानकारी मिली है कि प्रशांत अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहा था. जिसके लिए पिछले दिनों उसने राजस्थान के बड़ी इलाके में कई आयोजन भी किए थे।


प्रोफेसर दंपती की दौलत गिनते-गिनते थक नई थी टीम
कुछ दिन पहले आय से अधिक संपत्ति मामले में इओडब्ल्यू ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर दंपती के ठिकानों पर भी छापा द्वारा था। उनके बैंक लॉकर्स ने भी काली कमाई उनली थी। उनके खातों से 7 महंगे जेवरात और अकृत संपत्ति के कागजात निकले थे। ये डॉक्टर दंपती इतनी काली कमाई कर चुका है कि ईओडब्ल्यू की टीमें सबकुछ गिनते गिनते थक गई। 19 मार्च को ईओडब्ल्यू की टीम ने जबलपुर के धनवंतरी नगर स्थित प्रोफेसर अशोक साहू और उनकी पत्नी प्रोफेसर तृप्ति गुप्ता के घर पर छापा मारा था। प्राथमिक तौर पर ही उनको तय आय से 72 फीसदी अधिक संपत्ति का पता चल गया था।


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