भिलाईनगर। जब बस्तर के अबूझमाड़ का नाम आता है तो हमारे सामने घनघोर जंगल, नक्सलियों के आतंक तथा सुविधाओं के अभाव का विकराल दृष्य सामने आ जाता है। इन चुनौतियों के बीच एक आदिवासी बालिका ने अपनी जीजीविशा व मेधा के दम पर देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी, धनबाद की चौखट में दस्तक देती है। वह मेधावी आदिवासी बालिका है अबूझमाड के आकाबेड़ा निवासी कुमारी रंजीता उइके।
कुमारी रंजीता उइके ने १२वीं की परीक्षा रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित विवेकानंद विद्यापीठ से उत्तीर्ण की है। जेईई परीक्षा में स्थान बनाते हुए रंजीता ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी, धनबाद में इंटीग्रेटेड साइंस एवं मैथ्स के पंचवर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु पात्रता हासिल की। रंजीता के सपने को पंख देने के लिये भिलाई इस्पात संयंत्र का रावघाट सीएसआर ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट सीएसआर के तहत रंजीता के प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु आवश्यक दो लाख रूपये के सहायता राशि का चेक जारी किया गया। इसके साथ ही बीएसपी प्रबंधन कुमारी रंजीता के संपूर्ण पाठ्यक्रम के खर्चे को वहन करेगा।
संयंत्र के इस सहायता से रंजीता ने आईआईटी, धनबाद में प्रवेश लेकर अपने सपनों को नई उड़ान दे रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से यह राशि कार्यपालक निदेशक (माइन्स एवं रावघाट), मानस बिस्वास द्वारा रामकृष्ण मिशन नारायणपुर में आयोजित एक समारोह में कुमारी रंजीता उइके को सौंपा गया। इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन नारायणपुर के सचिव स्वामी व्याप्तानंद महाराज भी उपस्थित थे।