आदि शक्ति माँ जगदम्बा मंदिर में 527 आस्था के ज्योत जगमगाए… मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लगी कतार

Copyof0.jpg


भिलाईनगर। देवी आराधना का चैत्र नवरात्रि पर्व आज से शुरू हो गया है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन आज भिलाई-दुर्ग के विभिन्न मंदिरों में विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में घट स्थापना की गई। देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश भी आज से जगमगा उठे। ज्योति कलश प्रज्वलित कर शक्ति स्वरूपा देवी माता की पूजा अर्चना शुरू हुई। कोरोना से राहत के चलते इस बार नवरात्रि पर भक्तों ने मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना किया। इस बार बंदिशों पर दी गई प्रशासनिक ढील के चलते नवरात्रि पर देवी भक्तों ने प्रत्यक्ष सहभागिता देकर पूजा विधान को संपन्न कराया। दुर्ग और भिलाई सहित भिलाई-3 चरोदा जामुल और कुम्हारी के सभी देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किया गया है। देवी भक्तों में आज नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में पहुंचकर देवी दर्शन और पूजा अर्चना करने होड़ सी मची रही। आदिशक्ति माँ जगदम्बा मंदिर महाराणा प्रताप भवन परिसर सेक्टर 7 मेें आज शुभ मुहूर्त में मंदिर में 527 मनोकामना तेल ज्योति कलश प्रज्जवलित किये गये।

हमेशा की तरह इस वर्ष भी प्रशासनिक अधिकारियों, विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि, देश विदेश के श्रद्धालुओं की मनोकामना ज्योतिकलश मंदिर परिसर में प्रज्जवलित हो रहे हैं। सुबह मंदिर के गर्भगृह में मनोकामना ज्योतिकलश की पूजा पर यजमान अशोक कुमार सिंह, श्रीमती आशा सिंह, विराजमान थे वहीं संध्या के समय श्रीमती माया व संजय सिंह पूजा में बैठे थे। पं. शिवम पाण्डेय व अखिलेशधर द्विवेदी ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करवाकर मनोकामना ज्योतिकलश प्रज्जवलित करवाये वहीं आदिशक्ति माँ जगदम्बा मंदिर में पं. रजनीश मिश्रा ने पूजा अर्चना कर माता जी का श्रृंगार किया। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है। उल्लेखनीय है कि, कोरोना काल में भी आदिशक्ति माँ जगदम्बा मंदिर के पट माता जी के आशीर्वाद के चलते कभी बंद नहीं हुए। कोरोना काल में भी प्रतिवर्षानुसार मनोकामना ज्योतिकलश श्रद्धालुओं ने प्रज्जवलित किया था।


खुर्सीपार गेट के रास्ते बम्लेश्वरी भक्तों की पदयात्रा आसान नहीं
नवरात्रि में माता बम्लेश्वरी का दर्शन करने पैदल जाने वाले भक्तों के लिए खुर्सीपार गेट का रास्ता आसान नहीं होगा। खुर्सीपार गेट से लेकर मुर्गा चौक की ओर बने सड़क पर सेल के स्टाक यार्ड तक भारी वाहनों की आवाजाही से दुर्घटना का खतरा बना रहेगा। शाम ढलने के साथ ही इस दायरे में ट्रेफिक व्यवस्था भगवान भरोसे हो जाती है। ऐसे में डोंगरगढ़ पदयात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रश्नचिन्ह उभर आया है।
फोरलेन सड़क पर फ्लाईओवर निर्माण कार्य चालू रहने से माता बम्लेश्वरी के दर्शनार्थ डोंगरगढ़ का सफर पैदल तय करने वालों के लिए प्रशासन ने इस बार नए रास्ते का निर्धारण किया है। इसके तहत रायपुर की ओर से आने वाले पदयात्रियों को खुर्सीपार गेट तिराहे से रेलवे क्रासिंग पार कर सेल के स्टाक यार्ड वाली सड़क से मुर्गा चौक होते हुए सेन्ट्रल एवेन्यू से सेक्टर 9 चौक, तालपुरी ठंगडा बांध ओवरब्रिज, महाराजा चौक होकर पुलगांव चौक से शिवनाथ नदी पार करके अंजोर बायपास से राजनांदगांव की ओर जाना है।


डोंगरगढ़ पदयात्रियों के लिए प्रशासन की नजर में यह रुट भले ही सुरक्षित लगता है। लेकिन दुर्घटना की आशंका इस रुट पर भी कम नहीं है। खासकर फोरलेन पर खुर्सीपार तिराहा से लेकर आधा किमी दूर स्थित सेल के स्टाक यार्ड तक हर कदम पर खतरा ही खतरा है। सेल के स्टाक यार्ड होने से वहां से माल लेकर निकलने और अंदर जाने वाले भारी वाहनों की आवाजाही पदयात्रियों के साथ दुर्घटना का कारण बन सकती है। शाम ढलने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही बढऩे से थोड़े-थोड़े अंतराल पर यहां सड़क जाम हो जाता है। पदयात्रियों का काफिला भी शाम ढलने के बाद काफी ज्यादा निकलता है। ऐसे में खतरा बढऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।


गौरतलब रहे कि खुर्सीपार गेट से लगभग आधा किमी दूरी पर सेल का स्टाक यार्ड है। यहां से भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इकाईयों के लौह उत्पाद देश और प्रदेश के अलग अलग शहरों में भेजे जाते हैं। इस वजह से ट्रेलर, डम्फर सहित अन्य भारी वाहनों की आवाजाही खुर्सीपार गेट से स्टाक यार्ड तक बनी रहती है। ट्रेनों के गुजरने के दौरान क्रासिंग बंद रहने से कईं बार सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग जाता है। इस दौरान मचने वाली अफरा-तफरी से डोंगरगढ़ पदयात्रियों के साथ अनहोनी की आशंका बनी रह सकती है।


scroll to top