भिलाईनगर 03 अप्रैल 2022:- कोठारी बंधु धोखाधड़ी मामले में जमानत खारिज होने के बाद भी दुर्ग में खुलेआम रह रहे हैं। इनके खिलाफ कोलकाता के बुर्ताल्ला थाने में धारा 420, 467,468,471,406, 120 बी के तहत अपराध दर्ज है। इनके ऊपर 53 करोड़ से अधिक के प्राइवेट कंपनी के शेयर्स को धोखाधड़ी का अपने नाम कराने का आरोप है। शिकायतकर्ता के वकील ने आरोप लगाया है कि दुर्ग पुलिस इन आरोपियों को पकड़ने में कोलकाता पुलिस की मदद नहीं कर रही है।कोलकाता निवासी प्रकाश जायसवाल के वकील पुरुषोत्तम सोनारे ने इस मामले दुर्ग पुलिस गंभीर आरोप लगाया है। वकील ने पत्रकार वार्ता में बताया कि रजत बिल्डकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी दुर्ग जिले में जमीन का काम करती है। इस कंपनी ने अपने 40 हजार शेयर 2005-06 में प्रकाश जायसवाल को बेचे थे। इन भी शेयर्स को 2012-13 में सुरेश कोठारी ने धोखाधड़ी करके अपने चचेरे भाई सीए श्रीपाल कोठारी और सिद्धार्थ कोठारी की मदद से अपने नाम पर चढ़वा लिया था।इन शेयर्स की वर्तमान कीमत 53 करोड़ 44 लाख 19 हजार 230 रुपए है। जब प्रकाश जायसवाल को इसके बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत बुर्ताल्ला थाने में की। पुलिस ने 2 जनवरी 21 को सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप दर्ज किया। वकील पुरुषोत्तम सोनारे का आरोप है कि तीनों आरोपी पदमनाभपुर दुर्ग के निवासी हैं। कोलकाता पुलिस दो बार इन आरोपियों को गिरफ्तार करने दुर्ग आ चुकी हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने से वह बैरंग लौट जा रही है।कंपनी के पत्र का नहीं दिया कोई जवाब
प्रकाश जायसवाल को जब इस धोखाधड़ी के बारे में पता चला तो कई बार सुरेश कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी को उसके शेयर वापस करने को कहा। जब आरोपी नहीं माने तो प्रार्थी ने थाने में शिकायत कर दी। 18 जून 2020 को रजत बिल्डकॉन प्रा. लि. ने भी आरोपियों को पत्र लिख कर शेयर वापस करने कहा और जवाब मांगा लेकिन आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया।वकील ने बताया कि प्रकाश जायसवाल कोलकाता का रहने वाला है। दुर्ग में काम चलने के चलते 15 से 20 साल से वह भिलाई और कोलकाता आना जाना करके रहते थे। काम के दौरान ही उनकी पहचान कोठारी बंधुओं से हुई। इसके बाद वह लोग साथ में मिलकर काम करने लगे। जब आरोपियों ने प्रकाश जायसवाल का विश्वास जीत लिया तो उसके बाद षडयंत्र पूर्वक कंपनी के शेयर जो प्रकाश जायसवाल के नाम पर थे, उसे अपने भाई सीए श्रीपाल कोठारी और सिद्धार्थ कोठारी के साथ मिलकर अपने नाम यानी सुरेश कोठारी नाम पर चढ़ा लिया।हाईकोर्ट व सेशन कोर्ट से खारिज हो चुकी है जमानत
वकील ने बताया कि कोलकाता हाईकोर्ट और सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों को शेयर क्रय करने के सम्बन्ध में मूल दास्तावेज जमा करने को कहा था। आरोपियों द्वारा कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसके चलते कोर्ट ने आरोपियों द्वारा लगाए गए जमानत के आवेदन को 30 मार्च 2022 को खारिज कर दिया है। आरोपी अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। कोलकाता पुलिस उनकी खोज में लगी हुई हैं।वकील ने बताया कि सुरेश कोठारी, सीए श्रीपाल कोठारी और सिद्धार्थ कोठारी के ऊपर महावीर आवास योजना प्राइवेट लिमिटेड दुर्ग के 62 हजार 125 शेयर्स के गबन का भी आरोप है। जिसकी वर्तमान कीमत 85 करोड़ रूपए है। शिकायत के बाद इस मामले की जांच खुद दुर्ग पुलिस कर रही है।