अपना आत्मविश्लेषण कर अपने में शिक्षकीय तत्वों का भरपूर विकास करें- डॉ. शर्मा

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भिलाईनगर। पं. सुन्दर लाल शर्मा (मुक्त) विश्वविधालय छ.ग. बिलासपुर द्वारा संचालित बी.एड पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के शिक्षक-प्रशिक्षणार्थियों के लिए क्षेत्रीय केंद्र दुर्ग द्वारा एक प्रवर्तन कार्यक्रम का आयोजन किसा गया। मनसा महाविद्यालय, कुरूद में आयोजित इस प्रवर्तन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. डी. एन. शर्मा ने नवप्रवेशी विधार्थियों को आत्म-विश्लेषण कर अपने में शिक्षकीय तत्वों का भरपूर विकास करने को कहा। उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षणर्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध पाठ्यसामग्री को लगन के साथ पढ़कर तथा उनके अनुसार अपने शिक्षण कौशल को बेहतर करने को कहा।


इस अवसर पर भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में पदस्थ भू विशेषज्ञ डॉ. शेखर साराभाई ने अपने अतिथि व्याख्यान के दौरान भू-क्षरण एवं भू-संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों का परिचय कराया। उन्होंने कहा, भू-क्षरण से धरती की उपजाऊ सतह अनुत्पादक हो रही है। उन्होने मिट्टी के विभिन्न प्रकारों को समझाने व उपयोगों आदि के विषय मे बच्चों से कराई जा सकने वाली कई गतिविधियों को भी सुझाया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. स्मिता सक्सेना ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए अध्ययन अध्यापन को गंभीरता से अपनाने को कहा।


शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ. नमिता गौराहा ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रशिक्षणार्थियों की ओर से संजय बंजारे, अदिति साहू, धर्मेन्द्र शर्मा, तीरथराज, गायत्री देशमुख ने विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस अवसर पर नम्रता भट्ट, पुष्पा शर्मा तथा अन्य प्राध्यापक भी उपस्थित रहे।


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