नारायणपुर में माटीपुत्र को सुनने जुटी भारी भीड़, सभा मे गूंजा भूपेश है तो भरोसा है
भीड़ इतनी थी कि पुलिस-प्रशासन के व्यवस्था बनाने में हाथ-पैर फूल गए
नारायणपुर। माटीपुत्र भूपेश बघेल को देखने के लिए शुक्रवार को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मैदान लोगों से खचाखच भर गया, मैदान छोटा पड़ गया। भीड़ को सम्हालने प्रशासन के पसीने छुट गए। यह मौका था नारायणपुर में आयोजित अबूझमाड़ सर्वे मसाहती खसरा वितरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम एवं लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम का।
माटीपुत्र को सुनने अबूझमाड़ के लोगों में दिखा उत्साह
यह पहला मौका था जिसमे करीब 15 हजार से अधिक लोग मुख्यमंत्री भूपेश को देखने पहुंचे, कार्यक्रम में अबुझमाडिय़ा लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए। अबूझमाड़ के लोगों के लिए यह कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण था, महत्वपूर्ण इसलिए क्योंकि आज़ादी के 75 वर्षों बाद अबूझमाड़ के लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिला। 500 से अधिक किसानों को मसाहती खसरा वितरण किया।
बस्तर भूपेश के लिए है पहली प्राथमिकता
भूपेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही बस्तर-अबूझमाड़ के विकास के लिए रास्ता खुला, वे जब भी बात करते हैं बस्तर और यहां की आदिवासियों की बात करते हैं, उनके विकास की बात करते हैं, यही कारण है ली लोग माटी पुत्र को सुनने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। इसी वजह से बस्तर के लोगों का आशीर्वाद मुख्यमंत्री को मिल रहा है।
भीड़ इतनी थी कि पुलिस-प्रशासन के व्यवस्था बनाने में हाथ-पैर फूल गए
नारायणपुर शहर के साथ ही,आसपास के इलाकों से लोग बड़ी संख्या में लोग भूपेश को सुनने पहुँचे। जिले के अंतिम छोड़ अबूझमाड़ से भी लोग पहुँचे थे, सभा स्थल में भीड़ इतनी थी कि पुलिस-प्रशासन के व्यवस्था बनाने में हाथ-पैर फूल गए।
भूपेश को सुनने दुधमुहू बच्ची को लेकर पहुँची माँ
कल के कार्यक्रम में युवा, बच्चे, बूढ़े एवं समर्थक तो पहुँचे ही थे पर एक तश्वीर यह बताती है कि बस्तर के लोग माटी पुत्र से कितना प्यार करते हैं, आप तस्वीर में देख सकते हैं कि एक माँ अपनी दुधमुही बच्ची को लेकर भी भूपेश को देखने पहुंचे।
कका जिंदाबाद एवं भूपेश है तो भरोसा है से गुंजा सभा
पहली बार इतने लोग भूपेश को देखने पहुँचे ही, बड़ी तादाद में समर्थक भी पहुंचे। माटी पुत्र के पहुँचते ही पूरा मैदान भूपेश बघेल जिंदाबाद और कका है तो भरोसा है के नारों से गूंज उठा, समर्थकों के हाथों में पोस्टर बैनर भी दिखे।
कुर्सियां नहीं मिलने पर धूप में खड़े होकर भूपेश को सुनेऔर देखे लोग
लोगों में इतना उत्साह था कि कुर्सियां नही मिलने पर वे बाहर ही माटीपुत्र के आवाज सुनने धूप में खड़े होकर सुनने लगे। बस्तर के लोगों में माटीपुत्र बघेल के प्रति विश्वास जग गया है, विश्वास जगना स्वाभाविक भी है ऐशा इसलिए क्योंकि वे बस्तर के लोगों की आस्था को संरक्षित करने की बात करते हैं, वे देवगुड़ी की बात करते हैं, वे घोटूल की बात करते हैं। कल के कार्यक्रम में नारायणपुर वासियो की मांग पर 10 करोड़ रुपया घोटूल के लिए देने की घोषणा भी कर दी।