भिलाईनगर। भिलाई दुर्ग में महादेव बुक आईडी से करोड़ों रुपए का सट्टा चल रहा है। इसमें पुलिस के कईं अधिकारियों के संलिप्तता की चौंकाने वाली खबर मिल रही है। दुर्ग जिले का एक नया नवेला उप पुलिस अधीक्षक अपने गांव से रिश्तेदार बुलाकर महादेव आईडी चला रहा है। इसके अलावा दुर्ग और रायपुर के दो वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के द्वारा भी महादेव आईडी के माध्यम से जबरदस्त खेला किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि दुर्ग जिले में पदस्थ एक नया नवेला उप पुलिस अधीक्षक अपने गृहग्राम से रिश्तेदार को बुलाकर उसके माध्यम से महादेव आईडी का संचालन करवा रहा है। बताया जाता है कि, उपरोक्त अधिकारी को महादेव की आईडी हाल ही में लाईन अटैच हुए एक पुलिस कर्मी ने उपलब्ध करायी है। वहीं दुर्ग जिले का तेज तर्रार अपने आप को कानून का ज्ञाता बताने वाला एक वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा भी जिले में दो अलग-अलग स्थानों पर महादेव आईडी का संचालन करवाने की बात सुर्खियों पर बनी हुई है। इस वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक अधिकारी को उनका सिपेहसलार सुपेला क्षेत्र में रहने वाला बहुचर्चित आरक्षक ने जो कि, उपरोक्त अधिकारी का खजांची भी है ने महादेव आईडी के खेल में उपरोक्त अधिकारी को उतार कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह आरक्षक खुद भी अपने आदमियों के जरिए महादेव बुक की एक आईडी संचालित कर रहा है। इस काम के बदले आरक्षक उन युवकों को कमीशन देता है। बताया जाता है कि, क्राईम वर्तमान में सिविल टीम के कुछ चर्चित चेहरे इस अवैध कृत्य को रोकने के बजाये खुद ही इसमें ढलना उचित समझा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बद्री नारायण मीणा ने दो प्रधान आरक्षक और 11 आरक्षक को थानों से हटाकर लाइन अटैच किया था। इनमें से एक आरक्षक जो अनुकंपा नियुक्ति से पुलिस सेवा में आया है, का महादेव बुक आईडी से निरंतर संपर्क बना हुआ है। एक बहुचर्चित पुलिस आरक्षक ने महादेव आईडी से हुई काली कमाई का इस्तेमाल कर नेहरू नगर चौक के समीप एक करोड़ 73 लाख 85 हजार 900 रुपए में एक जमीन का सौदा कर सभी को अचंभित कर डाला है। इस मामले में पैसे का लेनदेन हो चुका है और आरक्षक ने अपने साले के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी की कार्रवाई पूरी करवा लिया है। बस जमीन की रजिस्ट्री होना शेष रह गया है।
शहर का एक थानेदार का भी महादेव आईडी वालों से निरंतर संपर्क बना हुआ है। थानेदार के द्वारा वाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क स्थापित किया जाता है। बताया जाता है कि, इस थानेदार की कारगुजारी पुलिस महानिदेशक व पुलिस मुख्यालय तक पहुँच चुकी है। पुलिस महानिदेशक ने पुलिस मुख्यालय के सीआईडी विभाग में पदस्थ कुछ अधिकारियों को इस थानेदार के कारगुजारियों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। बताया जाता है कि, आने वाले समय में पुलिस मुख्यालय से ही थानेदार पर गाज गिर सकती है। इस बात की भनक थानेदार को भी लग गई है किन्तु महादेव आईडी से आने वाली राशि इतनी भारी भरकम है कि, थानेदार इस अवैध कारोबार के धंधे से बाहर नहीं निकल पा रहा है किन्तु इस समय फूँक फूँक कर कदम रख रहा है। इतना ही नहीं दुर्ग-भिलाई के अलावा सत्ता के गलियारे तक मजबूत धाक रखने वाला राजधानी का एक वरिष्ठ उप पुलिस अधीक्षक भी महादेव आईडी के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर के भतीजे राहुल के मार्फत सौरभ चन्द्राकर से संपर्क कर महादेव बुक के नाम पर अच्छा खासा खेल खेला है। इस तरह देखा जाए तो महादेव आईडी से चल रहे सट्टा कारोबार में पुलिस के कईं अधिकारियों के संलिप्तता की चर्चा अब खुलकर सामने आने लगी है। दूसरी तरफ पुलिस टटपुंजिए सटोरियों को दबोचकर अपनी पीठ थपथपा रही है।
तीन दिन भिलाई दुर्ग में रहा मास्टरमाइंड
नवरात्रि के दौरान महादेव आईडी का मास्टरमाइंड नेहरू नगर में जूस सेन्टर का संचालन करने वाला, मदर टेरेसा नगर का कभी रहवासी रहा सौरभ चंद्राकर तीन दिनों तक भिलाई दुर्ग में रहकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा रहा। बताते हैं आईपीएल क्रिकेट शुरू होने के साथ ही सौरभ दुबई चला गया था। वहीं रहकर वह महादेव आईडी को कमांड कर रहा था। इस बीच नवरात्रि के दौरान वह दुबई से हवाई यात्रा करते हुए वह नागपुर पहुँचा और वहाँ से सड़क मार्ग के जरिए भिलाई आया। यहां वह तीन दिनों तक छिपकर अपने भतीजे राहुल के जरिए महादेव आईडी संचालित करने वालों से संपर्क बनाए रखा। बताया जाता है कि, इस मामले में पुलिस को जिस पारख की तलाश है वह राजस्थान के गंगानगर शहर में रहकर महादेव आईडी से खेल खेलने से बाज नहीं आ रहा है। पुलिस के रिकॉर्ड में उसे भी दुबई में होना बताया जा रहा है। जबकि, वह मोबाईल दुकान मे काम करने वाले कुछ युवकों के साथ राजस्थान राज्य के गंगानगर शहर में रहकर एक छोटी-मोटी मोबाईल दुकान के संचालन की आड़ में महादेव आईडी पर सट्टा खिलाने का कार्य बखुबी निभा रहा है।