दुर्ग। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व की खुशी में एवं 14 एप्रिल को आने वाले वैसाखी पर्व पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दुर्ग, इस्तरी सत संघ दुर्ग हम चाकर गोविंद, एवं समूह सिख संगत दुर्ग ने मिलकर राजेन्दर पार्क चौक दुर्ग पे श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष में पूरे छतीसगढ़ में भ्रमण करते हुए नगर कीर्तन निकाला जा रहा है एवं वैसाखी के उपलक्ष्य में कुम्हारी गुरुद्वारा साहिब से नगर कीर्तन का आगमन दुर्ग में हुआ जिसका स्वागत समूह गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दुर्ग एवं समूह सिख समाज दुर्ग ने मिलकर नगर कीर्तन का स्वागत रजिंदर पार्क चौक पर किया।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दुर्ग एवं समूह सिख समाज दुर्ग ने ठंडा शरबत एवं चने का प्रसाद का वितरण आम आने जाने वाली जनता एवं नगर कीर्तन के साथ चलने वाली संगत को प्रशाद का वितरण किया। गुरुद्वारा साहिब के पदाधिकारियों ने एवं सिख समाज ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी एवं पाँज प्यारो को फूल माला अर्पण कर उनका स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सेवादार ने जानकारी दी कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पास कश्मीरी पंडितो ने अपनी फ़रियाद रखी थी की औरंजेब उन्हें ज़बरदस्ती कर रहा है की इस्लाम धरम अपनाओ पर वो ऐसा नहीं करना चाहते।तब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी जब चिंता में इसका समाधान सोच रहे थे तभी उनके 9 वर्षीय पुत्र बाला प्रीतम गोविंद सिंह ने कहा की अगर किसी के बलिदान से लाखों घर बचते है लाखों संतान यतीम होने से बचते है तो आप एक अकेले अपनी शहीदी ही दे सकते है क्योंकि आप की शहीदी से ही लाखों घर बचेंगे।
तब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने कश्मीरी पंडितो को कहा की आप लोग निश्चिंत होके जाइए और औरंजेव से बोलिए की अगर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी इस्लाम धरम अपना लेंगे तो हम भी अपना लेंगे। इस पर औरंगजेब क्रोधित हो कर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का दिल्ली के चाँदनी चौक पे शीश काटने का हुकुम दे दीया और श्री गुरु तेग बहादुर जी ने ख़ुशी ख़ुशी अपनी शहीदी दे दी ताकि कश्मीरी पंडित अपने धरम का ख़ुशी ख़ुशी पालन कर सके और उनके लाखों परिवार खुश रहे आबाद रहे। ऐसे बलिदानी महा पुरुष के प्रकाश पर्व पे दो नगर कीर्तन एक जो सिख समाज छतीसगढ़ पूरे छतीसगढ़ में निकाल रहा है एवं एक नगर कीर्तन जो वैसाखी पर्व के उपलक्ष में कुम्हारी से सिख समाज ने मिलकर निकाला है उनका स्वागत रजिंदर पार्क चौक पे किया गया।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा दुर्ग से प्रधान सेवादार अरविन्दर सिंघ खुराना, जातिंदर सिंघ( लब्बे), सुखदेव सिंघ(राजू), इंदरपाल सिंघ भाटिया, दल्प्रीत सिंघ भाटिया,सतबीर सिंह भाटिया,रजिंदर पाल सिंघ अरोरा,हरविंदर सिंघ( हरूँ) जस्प्रीत सिंघ,सतनाम कौर विर्दी, अवतार सिंघ रंधावा, गुरमीत सिंघ भाटिया, भूपिंदर सिंघ (कूक्कु) सतनाम सिंघ भाटिया, बलविंदर सिंह, परमजीत सिंह(लाँगरी), कुलबीर सिंह सलूजा,सूरिंदर सिंह कबरवाल,अमरजीत सिंह खालसा,रघुवीर सिंघ भुईं,महिंदर सिंघ भुईं, बचन सिंघ नागपाल एवं समूह सिख संगत दुर्ग ने नगर कीर्तन मिलकर स्वागत किया।