डॉक्टरों की हड़ताल, ओपीडी में सन्नाटा हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था…. घायलों की नहीं हो सकी मरहम पट्टी, दवा भी बाहर से खरीदी, ओटी रही ठप

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भिलाईनगर। भिलाई स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी असर पड़ा है। जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों को खासी परशानी हुई। जिला अस्पताल दुर्ग में सोमवार को केवल आवश्यक सेवाएं ही बहाल रही। वह भी हड़तालियों ने 16 कर्मियों को इसके लिए छोड़ रखा था जिससे घटना-दुर्घटना, मदर चाइल्ड यूनिट का काम अधिक प्रभावित न हो। इस बात की हड़ताल का आह्वान करने वाले संघ के पदाधिकारियों ने निंदा की है। हड़ताली कर्मियों ने सुबह 9 से दोपहर 2 बजे के बाद तक धरना प्रदर्शन किया। मंगलवार और बुधवार को भी इसी तरह से प्रदर्शन जारी रहेगा।


वहीं कैलाश नगर, कुरुद रोड में दो बाइक सवार आपस में टकरा गए। सड़क में मौजूद भीड़ ने सड़क से गुजर रही 102 को रोक दिया। घायलों की हालत देख लोगों के कहने पर 102 के पंकज वर्मा ने मदद की और घायलों को लेकर सिविल अस्पताल, सुपेला पट्टी करवाने पहुंचे। वहीं एक मरीज सिविल अस्पताल सुपेला में इलाज कराने आया और अपना नाम चंद्र प्रकाश बताया। यहां भी मरहम पट्टी करवाने आये मरीज भी चोट की वजह से दर्द से कराह रहा था, वहां पर उसको सोमवार को आने के लिए कहा गया।
नियमित जांच करवाने के लिए पहुंची प्रसूता को भी दो दिन के बाद आने के लिए कहते हुए लौटाया गया। इसी तरह से जहां पर्ची बनाई जाती है, वहां से भी ओपीडी बंद है और देखने वाला कोई नहीं है कहकर मरीजों को लौटाया जा रहा था। केवल आवश्यक सेवाएं ही बहाल है कहा गया।


यहां नहीं पड़ा असर
मदर चाइल्ड यूनिट में सामान्य डिलीवरी और सीजर से डिलीवरी सुबह से जारी रहा। सुबह के समय ही 4 मरीजों की सिजेरियन डिलीवरी की गई। इसके साथ-साथ नवजात बच्चों को लगाया जाने वाला टीका लगाया गया। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण का काम नियमित होता रहा। कोरोना जांच भी की गई।
कर्मी पड़ गए कम
सुपेला अस्पताल में पुरुष और महिला वार्डों के मरीजों को एक ही वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। असल में वार्ड में कर्मचारी कम पड़ रहे थे। यहां 50 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे काम प्रभावित हुआ है। जीवनदीप समिति के कर्मियों ने कहा कि कोल्हू की बैल की तरह ड्यूटी करवा रहा है और वेतन कलेक्टर दर पर देने तैयार नहीं है। प्रदेश के इन कर्मियों के अधिकार की लड़ाई लडऩे संघ आगे आया है।


जिला अस्पताल में हड़ताल का असर नहीं पड़ा है। आवश्यक सेवा बहाल रही। ओपीडी भी 80 फीसदी रहा। एक्स-रे. सोनोग्राफी भी किया गया। 4-5 सिजेरियन डिलीवरी भी हुई। हड़ताल के बाद 14 या 15 को एक दिन सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी खुला रखा जाएगा। जिससे मरीजों का उपचार हो सके।
सैयद असलम, प्रदेश महामंत्री, प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ


सभी संस्थाओं में एनएचएम, डीएमएफ व जीवनदीप समिति के अधिकारियों व कर्मियों की ड्यूटी लगा दिए हैं। व्यवस्था को बहाल रखने यह पहल की गई है। जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों का समय पर उपचार हो सके।
योगेश कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, दुर्ग


जिला अस्पताल में सोमवार बुधवार और शुक्रबार को मोतियाबिद का ऑपरेशन होता है। एक दिन में कम से कम 20 मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है। यह ऑपरेशन दुर्ग और सुपेला दोनों ही जगह प्रभावित रहा। इसके अलावा मायनर ओटी, सामान्य ओपीडी, नेत्र, सभी प्रकार की लैब जांच, रेडियोग्राफी, सोनोग्राफी, एक्स-रे, सिटी स्केन, आपरेशन, सामान्य नेत्र रोग, सिटी ओटी हड़ताल की वजह से प्रभावित रहा। भिलाई-तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी आंख व दूसरी जांच हड़ताल की वजह से प्रभावित रही।
डॉक्टर जेपी मेश्राम, चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग


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