आस्था और अध्यात्म का एक बड़ा केंद्र है बीएसपी के सेक्टर 9 अस्पताल परिसर स्थित श्री हनुमान जी का प्राचीनतम मंदिर

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भिलाईनगर 15 अप्रैल 2022:- आस्था और अध्यात्म का एक बड़ा केंद्र है बीएसपी के सेक्टर 9 अस्पताल परिसर स्थित श्री हनुमान जी का प्राचीनतम मंदिर बीएसपी के जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र अर्थात सेक्टर 9 अस्पताल परिसर में स्थित संकटमोचन श्री हनुमान जी का यह मंदिर प्राचीनतम मंदिरों में से एक है।भिलाई इस्पात संयंत्र के स्थापना से पूर्व यह मंदिर आमदी गांव में स्थित था। ऐसा कहा जाता है कि उस वक्त आमदी गांव के मालगुजार श्री माधव प्रसाद चंद्राकर तथा उनके पुत्र श्री विष्णु प्रसाद चंद्राकर थे। इस मंदिर की स्थापना कब और कैसे हुई यह एक खोज का विषय है। हनुमान जी यहां स्थित पीपल के पेड़ के नीचे भिलाई इस्पात संयंत्र के स्थापित होने से पहले ही विराजमान थे। लोग कहते हैं कि श्री हनुमान जी के इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप सन 1965 से लेकर 1972 के मध्य विस्तारित किया गया।इस मंदिर के पीछे मान्यता है कि सेक्टर-9 अस्पताल निर्माण के दौरान पीपल के वृक्ष के नीचे स्थित हनुमान की प्रतिमा एवं पेड़ को क्रेन से हटाया जा रहा था। पेड़ हिला न हनुमान की प्रतिमा टस से मस हुई। इसके बाद संयंत्र प्रबंधन ने भगवान की मर्जी मानकर समीप ही ऑपरेशन थिएटर बना दिया है और प्रतिमा के लिए मंदिर। आज इस्पात नगरी का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर सेक्टर-नौ स्थित यही मंदिर है । यहां लोग मन्नत मांगने दूर दूर से आते हैं।वर्तमान में मानव सेवा परिसर में स्थित मनोकामनेश्वर मंदिर में अस्पताल के इस संकट मोचन श्री हनुमान जी को शिफ्ट किए जाने की खबरें आती रही। परंतु कालांतर में हनुमान जी के इच्छा के आगे सभी नतमस्तक हो गए। इस प्रकार श्री हनुमान जी के वर्तमान मंदिर के स्वरूप को लगभग छह दशक होने जा रहे हैं आज भी श्री हनुमान जी,मरीजों के जीवन रक्षा हेतु तथा उनके संकट हरने हेतु इस सेक्टर 9 अस्पताल के निकट ही स्थापित है। मंगलवार एवं शनिवार के दिन इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।जिसे क्रेन भी नहीं हटा पाया ऐसे श्री हनुमान जी की प्रतिमा भिलाई के लोगो की आस्था का केंद्र बन चुका है। बीएसपी के निर्माण के वक्त यह मंदिर आमदी गांव में हुआ करता था। अब यह सेक्टर 9 हॉस्पिटल के भीतर ऑपरेशन थिएटर के समीप स्थित है। इसकी प्रसिद्धि पूरे छत्तीसगढ़ में है। आज मंत्री,विधायक, सांसद, महापौर जैसे सारे जनप्रतिनिधि इस मंदिर में मत्था टेक चुके हैं।


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