आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों पर ड्रोन हमले से किया इंकार, बताया घटते जनसमर्थन से बौखलाये नक्सलियों का दुष्प्रचार, सीपीआई माओवादी दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुरक्षा बलों पर लगाया था ड्रोन के जरिये नक्सल ठिकानों पर बमबारी का आरोप

IMG-20220416-WA0281.jpg


बस्तर। 15 अप्रैल 2022 को सीपीआई माओवादियों की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 14-15 अप्रैल की दरम्यानी रात को दक्षिण बस्तर के बोट्टेम, रासम, एर्राम, मेट्टागुड़ेम, साकिलेर, मडपा, दुलेड, कन्नेमरका, पोट्टेमंगुम, बोत्तम आदि गांवों एवं जंगलों को निशाना बनाकर रात 1 बजे से 2 बजे तक लगातार सैनिक ड्रोनों से भीषम बमबारी करने का आरोप लगाया गया है।


माओवादियों द्वारा सुरक्षा बल के ऊपर इस प्रकार के निराधार आरोप लगाते हुये क्षेत्र की जनता को दिक्भ्रमित करना प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की एक सोची-समझी साजिश की रणनीति का हिस्सा है। बस्तर सहित पूरे भारत वर्ष में नागरिकों की जानमाल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था अंतर्गत स्थानीय पुलिस एवं सुरक्षा बल द्वारा वर्तमान में की जा रही है तथा यह दायित्व को आने वाला समय में भी हम निभायेंगे। माओवादियों को झूठे प्रचार-प्रसार एवं क्षेत्र के निर्दोष नागरिकों को प्रताडि़त करना, वनांचल क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधा से वंचित रखना इत्यादि गैर मानवीय एवं विकास विरोधी हरकतों को छोड़कर जमीनी हकीकत को जानना एवं समझना जरूरी है।

क्रांतिकारी जन आंदोलन की आड़ में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् विगत 22 वर्षों में बस्तर क्षेत्र में 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों (जिनमें कई महिला, बच्चे एवं बुजुर्ग भी शामिल हैं) की हत्या एवं 1100 से अधिक बार आईईडी विस्फोट करके बस्तर की हरित धरा को लाल आतंक की छाया में तब्दील किया गया। ये सब माओवादी आंदोलन का असली एवं भयानक चेहरा है। बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी माओवादी नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज की पैर में कुल्हाड़ी मार रहें हैं। स्थानीय माओवादी कैडरों को ये सब हकीकत को समझाना जरूरी है।


सुन्दरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा बताया गया कि जिस तरीके से विगत कुछ वर्षों में प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की विकास विरोधी एवं जनविरोधी हरकतों से माओवादी संगठन का जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में माओवादी नेतृत्वों द्वारा असत्य एवं गुमराह जानकारियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता का ध्यान भटकाने का लगातार असफल प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा वनांचल क्षेत्र की जनता एवं खास तौर पर युवा तथा युवतियों से बस्तर क्षेत्र में माओवादियों द्वारा फैलाये जा रहे हिंसात्मक विचारों का खात्मा करते हुये बस्तर क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाने में पुलिस, सुरक्षा बल, स्थानीय प्रशासन एवं शासन का साथ देने हेतु अपील की गई।


scroll to top