मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र का लोकार्पण… उद्योगपतियों से की चर्चा, दिखा मुख्यमंत्री का खास अंदाज, कहा आप तो स्टील बेचते हैं हम गोबर भी बेच देते हैं, उद्योगपतियों को दी सलाह स्थानीय लोगों का स्किल डेवलपमेंट करें, उनके लिए रोजगार की संभावना होगी तो वे उद्योगों को स्वीकार करेंगे

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दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र का लोकार्पण करते हुए अपने समाधान में कहा कि दुर्ग जिला औद्योगिक जिला है लेकिन देश मे ओद्योगिक केंद्र की पहचान भिलाई से है। बीएसपी की स्थापना के बाद यहां उद्योगों की शुरुआत हुई। दुर्ग के निर्माण में यहां के उद्योगों की बड़ी भूमिका है। बीच के दौर में निजीकरण का दौर चला और श्रमिकों की मांग घटी। तकनीक का असर पड़ा है। बीएसपी प्रदेश के उद्योगों के लिए रीढ़ की तरह है।


सब्जी और फल का भी दुर्ग जिला हब रहा है। यहां के किसान ऐसे क्रॉप भी उगा रहे हैं जिनकी मांग विदेशों में भी है। उद्योगपतियों के साथ बैठकों के बाद हमने उद्योग नीति बनाई। सभी राज्यों की अच्छी नीतियों का समावेश रहा। कोरोना काल मे लगातार मै उद्योग संगठनों से मिलता रहा, उनकी समस्याएं जानी और इसका निराकरण किया। हमने प्रदेश के उन क्षेत्रों में भी उद्योग प्रसार की नीति अपनाई जहां पर उद्योग कम थे। मैंने फाइनल ड्राफ्ट बनने के बाद भी उद्योगपतियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस नीति में एनपीए नहीं होगा। जब उद्योग की बात आती है तो रोजगार के उद्देश्य से इसकी मांग होती है लेकिन कई बार स्थानीय स्तर पर विरोध होता है। हमने उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार हो तो आपको पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी।


उन्होंने बताया कि, कोरोना काल के दौरान ऐसे स्थल के लोगों से बात हुई जहाँ काफी संख्या में श्रमिकों को गोआ से वापस लाया गया था। हमने उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर उद्योग के कार्य हो सकें। हमने ऑरेंज एरिया चिन्हांकित किये। चैम्बर के अधिकारियों से बस्तर में बैठक ली। उन्हें बताया कि जब आप उद्योग लगाएं तो स्थानीय स्तर पर सर्वे कर लोगों का कौशल उन्नयन करें, फिर लोग उद्योग प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि अब उनके लिए आपके पास रोजगार की संभावना है।
मिलर्स के लिए किए गए कार्यों को भी उन्होंने चिन्हांकित किया। मिलिंग के चार्ज को बढ़ा दिया गया। संग्रहण केंद्रों में नाममात्र का धान रह गया है। हमने ग्रामीण क्षेत्रों में गौठान को भी ग्रामीण उद्योग के रूप में बदला है और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में इसे विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। आप अपने कम्पोनेन्ट यहाँ बनवा सकते हैं। आपके उद्योगों के लिए इन रूरल पार्क से काफी मदद मिल सकती है। आप लोग विजनरी हैं सरकार की पूरी सहायता आपके साथ हैं। आप आगे बढ़े, प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य शानदार रूप से उन्नत होगा।


नितिन गडकरी से हुई अपनी चर्चा का भी उल्लेख उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा परिदृश्य में काफी संभावना है। हमने कहा कि धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिलने पर इस उद्योग के लिए बड़ा काम हो सकता है। किसान उन्मुख नीतियों का लाभ बाजार को मिला है और शहरी अर्थव्यवस्था भी इससे लाभान्वित हुई है। कोर सेक्टर और इससे बाहर हम सबको अवसर देंगे। हमारे उद्योगपति ही हमारे उद्योग के ब्रांड एम्बेसडर हैं।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के नए भवन के लोकार्पण अवसर पर शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्योगपतियों से चर्चा की. एमएसएमई जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष के.के. झा ने एमएसएमई उद्योगों के समक्ष आ रही समस्याओं को उनके समक्ष रखा। मुख्यमंत्री बघेल के साथ कुछ सवाल जवाब भी हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि इन सभी समस्याओं का समाधान शीघ्र ही निकाल लिया जाएगा। झा के साथ संघ के महासचिव अंकित मेहता, पदम कोठारी, श्रीभगवान अग्रवाल, अरविंदर सिंह खुराना, नरसिंह कुकरेजा, मो. अली कामदार, प्रिंस कबरवाल सहित अन्य उपस्थित थे।


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