विश्व पुस्तक दिवस – जीवन को नयी दिशा, उत्साह, प्रेरणा, स्वास्थ्य एवं शान्ति देने के लिए सत्संग स्वरूप सद्-साहित्य ही मदद दे सकता है – योग गुरु महेश अग्रवाल

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भोपाल। आदर्श योग आध्यात्मिक केंद्र स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल ने कहा कि 23 अप्रैल को पुस्तक दिवस मनाया जाता है। जीवन संग्राम में शान्ति एवं मानसिक संतुलन बनाये रखना सुखी जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक है। ऋषि, महात्माओं ने सत्संग की महिमा गायी है। आधुनिक व्यस्त जीवन पद्धति में लोगों को सत्संग मिलना कठिन है, जीवन मशीनवत् हो गया है, कोई प्रेरणा नहीं, कोई दिशा नहीं, मन अशान्त, तन रोगी, गृहस्थी जंजाल लगने लगती है, ऐसी अवस्था में हजारों संतप्त और किंकर्तव्यविमूढ़ों को जीवन की नयी दिशा, उत्साह, प्रेरणा, स्वास्थ्य एवं शान्ति देने के लिए सत्संग स्वरूप सद्-साहित्य ही मदद दे सकता है।

योग गुरु अग्रवाल ने कहा कि पुस्तकें हमें महत्वपूर्ण जानकारी देती हैं, और साथ ही हमें और अधिक प्रखर, बुध्दिमान बनाती हैं। पुस्तकों को पढऩे से हमारे जीवन में तनाव की कोई जगह नही बचती है और हमारी रचनात्मक क्षमता में वृद्धि होती है। इन्ही सब विशेषताओ के कारण पुस्तको का महत्व बहुत अधिक है। इस दुनिया में कुछ भी किताबों को पढऩे के समान खुशी नही दे सकता है। पुस्तकों को पढऩे से अविश्वसनीय आनन्द और शांति का अहसास होता है। पुस्तकें विभिन्न प्रकार के जानकारी को संग्रहित करके रखती हैं। हमें बस अपने दैनिक जीवन में पुस्तकों को पढ़कर उनमे संग्रहित लाभकारी जानकारी को समझना और उसे अपने जीवन मे उतारने की आवश्यकता है। कई पुस्तकों में महान व्यक्तियों के व्यक्तिगत इतिहास होते हैं जो हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। जीवन के विभिन्न चरणों में पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी सहायक होती हैं।

किताबें हमारे दिन-प्रतिदिन के अस्तित्व में सबसे अच्छी दोस्त हैं। उन्होंने हमें कभी अकेले नही रहने दिया और हमारे सबसे करीबी साथी के समान बनी रही। जब भी हमें उनकी आवश्यकता होती है, वे हमारे लिए उपलब्ध होती हैं। किताबें हमें अपने सामान्य परिवेश को समझने और अच्छे और बुरे के बीच भेद करने में मदद करती हैं। वे हमारी आदर्श सहयोगी और प्रशिक्षक हैं। किताबों को समझकर हम कुछ अच्छी बातें अपने जीवन मे उतारकर और बेहतर बनते हैं। वे हमारे उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं और साथ ही उन्हें हासिल करने में पूरा सहयोग करती हैं। हममें से एक बड़ी संख्या में लोग अपने अतिरिक्त समय में पुस्तक पढ़ते है क्योंकि पढऩे से मानसिक दबाव को कम करने में मदद मिलती है। यह हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले जाती है और पढऩे के बाद हम बहुत अच्छा महसूस करते हैं। पुस्तकें हमारी अंतर्दृष्टि और कल्पनाशक्ति को उन्नत करने में हमारी सहायता करती है।

विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों का महत्व – विद्यार्थी जीवन को संघर्षों से भरा हुआ और ज्ञान प्राप्त करने के लिए समर्पित जीवन माना जाता है। प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकों को समझने की प्रवृत्ति सिखानी चाहिए। चूंकि छात्र जीवन में किसी व्यक्ति का निर्माण होता हैं। अत: उन्हें अपने माता-पिता, शिक्षकों और बुजुर्गों द्वारा किताबें पढऩे के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।किताबों के साथ मित्रता करना उनके लिए सबसे आदर्श तरीका है। ऐसी कई पुस्तकें हैं जिनमें कुछ अविश्वसनीय चरित्रों का जीवन विवरण हैं। ये पुस्तकें उन व्यक्तियों के अस्तित्व के इतिहास से प्रेरित होने में विद्यार्थियों की सहायता कर सकती हैं। इनका वे सम्मान करते हैं और इनसे प्रेरित होकर अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए आवश्यकतानुसार काम करते हैं।

पढऩे से एकाग्रता और ध्यान में सुधार होता है जो आमतौर पर एक छात्र के जीवन में आवश्यक है। कुछ घंटे हर दिन पढऩे से भाषा की समझ बढ़ती है और शब्दकोश बनाने में मदद मिलती है। किताबें दुनिया के बारे में नई जानकारी, विचार और वास्तविकताओं को प्राप्त करने में छात्रों की मदद करती हैं। विद्यार्थी पुस्तकों को समझने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।विद्यार्थियों की पुस्तकों को समझने में मदद करने से एक अधिक सभ्य व्यक्ति बनाने में भी मदद मिलती है। नैतिकता और गुणों से पहचानी गई महान पुस्तकों को पढऩे से महान विशेषताओं के साथ समझ में सुधार होता है और इस तरह वे बड़े होकर समाज के जिम्मेदार और विचारशील व्यक्ति बन जाते हैं। किताबें सफलता का रहस्य हैं। हमें फिर उनका मोल जानना होगा क्योंकि वे दिमाग में हलचल पैदा कर उसे बुद्धिमान बनाती हैं।


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