भिलाई। छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का विरोध शुरू हो गया है। इसे सेमी इमरजेंसी जैसे हालात बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार विफलता अब धरना प्रदर्शन के रुप में सामने आने लगी है। इस बात से सरकार डर रही है। विफलता छुपाने सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल शुरू हो गया है।
भिलाई जिला भाजपा के मंत्री राम उपकार तिवारी ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि तीन साल में सरकार ने जनता को सिर्फ सब्जबाग दिखाए हैं। झूठ के सहारे सरकार चलाई गई है। झूठ अब सामने आने लगा है, इसलिए किसान, तथा अन्य सरकारी कर्मचारी अब आंदोलन करने लगे हैं। कर्ज में दबी छत्तीसगढ़ सरकार का झूठ और विफलता अब लगातार सामने आ रही है। यह झूठ और विफलता दबी रहे इसलिए सरकार धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा रही है। राम उपकार तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की हत्या का प्रयास चल रहा है। यहां तानाशाही सरकार चलाने का प्रयास किया जा रहा है। एक तरह से छत्तीसगढ़ में सेमी एमरजेंसी जैसे हालात पैदा किए जा रहे हैं।
राम उपकार तिवारी ने कहा कि किसी भी लोकतंत्रिक व्यवस्था में धरना प्रदर्शन के जरिए सरकार की विफलता को बताना उसके खिलाफ आवाज उठाना हर नागरिक का अधिकार है। इस अधिकार पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डाका डालने का प्रयास किया जा रहा है। यह डरी हुई सरकार की पहचान है। तिवारी ने कहा कि अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ महात्मा गांधी हमेशा धरना प्रदर्शन के जरिए अपनी बात रखते थे, गांधी को मानने वाले कांग्रेसी अब धरना प्रदर्शन से डरने लगे हैं। वह नहीं चाहते कि किसान, मजदूर, सरकारी कर्मचारी धरना प्रदर्शन के जरिए अपनी बात रख सकें। यह छत्तीसगढ़ प्रदेश का दुर्भाग्य है। राम उपकार तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को तत्काल अपना निर्णय वापस लेना चाहिए, यह जनहित में होगा। अन्यथा यह निर्णय सरकार के लिए भारी पड़ जाएगा।