उज्जैन 26 अप्रैल 2022:- उज्जैन स्थित महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए अच्छी खबर है। यहां होने वाली विश्वप्रसिद्ध भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को अब नि:शुल्क नाश्ता दिश जाएगा। नाश्ते में पोहा, चाय और खिचड़ी फ्री में बांटी जाएगी। मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों को सुविधा देने के उद्देश्य से यह व्यवस्था की जा रही है। यह सारी व्यवस्था मंदिर प्रबंधन की ओर से की जा रही है। 28 अप्रैल से नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी।बता दें कि उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर भगवान की भस्मारती में देशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां महाकाल की भस्मारती के दर्शनों के लिए देर रात से ही कतारें लगना शुरू हो जाती हैं। सुबह छह बजे तक भस्मारती चलती है। इसे देखते हुए मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि अब भस्मारती समाप्त होने के बाद भक्तों को स्वल्पाहार करवाया जाएगा।मंदिर समिति प्रशासक श्री गणेश धाकड के अनुसार देर रात से मंदिर आने वाले श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन के लिए सुबह तक मंदिर में भूखे-प्यासे ही बैठते हैं। यही वजह है कि मंदिर समिति अब नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है। 28 अप्रैल से इस नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। फिलहाल भक्तों को नाश्ते में यहां पर पोहा, खिचड़ी व चाय दिया जाएगा। मंदिर प्रबंधन द्वारा यह व्यवस्था पूरी तरह से नि:शुल्क की जा रही है।दानदाताओं से लिया जाएगा सहयोग
मंदिर प्रबंधन के अनुसार इसके लिए दान दाताओं से सहयोग लिया जाएगा। इसके तहत प्रतिदिन सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक लगभग दो हजार से अधिक श्रद्धालुओं को चाय-नाश्ता वितरित किया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा यहां निशुल्क अन्न क्षेत्र का संचालन भी किया जाता है। रोज सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के प्रसाद स्वरूप भोजन कराया जाता है।टोकन की रहेगी व्यवस्था
मंदिर प्रबंधन के अनुसार देर रात से कतार में लगने वाले श्रद्धालुओं को नाश्ते के लिए टोकन बांअ जाएंगे। इसके लिए चार काउंटर बनाए जा रहे हैं। इनमें से दो काउंटर अन्न क्षेत्र में और दो महाकाल मंदिर परिसर में लगेंगे। भस्म आरती संपन्न होने के बात श्रद्धालु परिसर में लगे काउंटर से टोकन लेकर अन्न क्षेत्र पहुंचकर नाश्ता ले सकेंगे। नाश्ता बनाने के लिए रात 2 बजे से एक नई शिफ्ट में कर्मचारियों को आने का निर्देश दिया गया है।तीन शिफ्ट में आएंगे कर्मचारी महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा अलग-अलग प्रकल्प के साथ ही निःशुल्क अन्न क्षेत्र का संचालन भी किया जाता है। अन्न क्षेत्र में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के प्रसाद स्वरूप भोजन प्रसादी दिया जाता है। धाकड़ ने बतया कि इसके लिए 50 लीटर दूध लगेगा। साथ ही नाश्ते के लिए रोजाना 40 किलो पोहा लगेगा। नाश्ता बनाने के लिए रात 2 बजे से नई शिफ्ट में कर्मचारी आएंगे। अबतक अन्न क्षेत्र में सिर्फ दो शिफ्ट में 40 कर्मचारी खाना बनाने आते थे। लेकिन गुरुवार से यहां तीन शिफ्ट में रात 2 बजे से सुबह 8 बजे तक, सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक और 2 से रात 9 बजे तक काम होगा।