प्रदेश सरकार पर भाजयुमो महामंत्री लोकेश पांडेय ने कसा तंज, कहा- धरना-प्रदर्शन के लिए फॉर्मेट में अनुमति ठीक नहीं, विरोध से डर गई है सरकार, फैसले वापस लें भूपेश सरकार…जनता सरकार से त्रस्त हो गई है, मांगों के लिए धरना भी न दे क्या?:… 2023 में जनता देगी हिसाब, भाजयुमो का हरेक कार्यकर्ता ग्राउंड के लिए तैयार: लोकेश

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भिलाई नगर 26 अप्रैल 2022:- किसी भी मांग को लेकर प्रदर्शन करने से पहले अनुमति जरूरी हो गई है। इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा भिलाई के जिला महामंत्री लोकेश पांडेय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। महामंत्री लोकेश ने कहा है कि, यह फैसला जनता की आवाज को दबाने वाला फैसला है। सरकार विरोध से डर गई है। क्या जनता अपनी बात भी नहीं रख सकती। इसके लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटेगी क्या? लोकेश ने कहा, आने वाले 2023 विधानसभा चुनाव से पहले जनता का आक्रोश सरकार झेल रही है।लोगों के काम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में जनता त्रस्त हो गई है। लोगों की आवाज दबाने के लिए प्रदेश सरकार ये फैसला ले रही है। लोकेश ने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार धरना, प्रदर्शन, जुलूस रैली पर रोक लगाना ठीक नहीं है। कांग्रेस सरकार की नीतियों से असंतुष्ट किसान, जनता और कर्मचारी खुलकर विरोध में खड़े हो रहे हैं, इसलिए कांग्रेस ने दमनकारी नीतियों का सहारा लेना शुरू किया है। लोकेश ने सवाल किया कि क्या यह संभव है कि जिस सरकार किन नीतियों का लोग विरोध करना चाहते हैं ,वही अपने खिलाफ धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली की अनुमति देगी।

प्रदर्शन के लिए सरकार ने जारी किया आदेश, फॉर्मेट में देनी होगी जानकारी

दरअसल छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने एक आदेश जारी करके कहा है कि छत्तीसगढ़ में अब धरना,प्रदर्शन ,रैली समेत किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन से पहले सम्बंधित जिले के कलेक्टर कार्यालय में एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा। सरकार ने इस अनुमति के लिए एक प्रारूप भी तैयार किया है। यह फार्म एसडीएम कार्यालय से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगते समय लिया जा सकेगा। इस फार्म के आधार पर आयोजक से पूरी जानकारी ली जाएगी कि आयोजन किस दिनांक से किस दिनांक तक चलेगा, कहां होगा, अगर रैली हुई तो उसका मार्ग क्या होगा, रैली में कौन लोग शामिल होंगे,

प्रदर्शनकारी कहां से आएंगे और वह कौन सी गाड़ियों से पहुंचेंगे , पूरे आयोजन का उद्देश्य क्या है। इस तरह के 11 सवालों के प्रश्नो के साथ फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन यह तय करेगा कि उसे अनुमति देनी है या नहीं। बिना परमिशन के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर एफआईआर की जाएगी। जिला महामंत्री लोकेश ने कहा कि सरकार इस आदेश को वापस लें। वरना उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसकी शुरुआत भिलाई से होगी।


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