यात्री ट्रेनों में आरपीएफ का किन्नरों के विरुद्ध अभियान असफल, लगातार तीसरे दिन नहीं मिला एक भी किन्नर, रायपुर से दुर्ग के बीच चलाया जा रहा अभियान

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भिलाईनगर। यात्री ट्रेनों में आरपीएफ के चलाए जा रहे किन्नर विरुद्ध अभियान को सफलता नहीं मिल पा रही है। आज इस अभियान के तीसरे दिन भी आरपीएफ के हाथ खाली रहे। किसी भी टीम को किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई करने में सफलता नहीं मिली। बीते सोमवार को रायपुर से दुर्ग के बीच यात्री ट्रेनों में इस विशेष अभियान का आगाज किया गया है।


यात्री ट्रेनों में किन्नरों के द्वारा अवैध रूप से वसूली की जाती है। किन्नरों का समूह यात्रियों से अश्लील हरकतें करते हुए रूपयों की मांग करता है। कभी कभी यात्रियों के इंकार करने पर किन्नर मारपीट करने में भी उतारु हो जातें हैं। इस तरह की स्थिति लंबी दूरी की एक्सप्रेस के साथ लोकल ट्रेनों में भी पेश आती है। लिहाजा आरपीएफ के द्वारा समय समय पर ट्रेनों में किन्नरों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। इस बार यह अभियान 25 अप्रैल से चलाया जा रहा है। लेकिन आज तिसरे दिन दोपहर तक आरपीएफ जवानों के हाथ एक भी किन्नर के नहीं लग पाने से अभियान टांय टांय फिस्स हो गया है।


बताया जा रहा है कि किन्नर विरुद्ध अभियान रायपुर से दुर्ग स्टेशन के बीच सभी यात्री ट्रेनों में चलाया जा रहा है। इस अभियान में रायपुरए बीएमवाय, भिलाई और दुर्ग आरपीएफ की टीम सहभागिता दे रही है। टीम के सदस्य दोनों दिशा में आने-जाने वाली हर ट्रेन में किन्नरों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन अभियान के तीसरे दिन एक भी किन्नर आरपीएफ जवानों के हाथ नहीं आ पाया है। इससे आरपीएफ के अभियान की भनक किन्नरों को पहले से लग जाने की संभावना को बल मिल रहा है।


गौरतलब रहे कि किन्नरों का समूह रेल यात्रियों से अश्लील हरकत करते हुए रुपए की मांग करता है। ज्यादातर यात्री पीछा छुड़ाने के इरादे से किन्नरों को 10 से 20 रुपए थमा देते हैं। लेकिन कुछ किन्नरों की मांग इससे अधिक राशि की होती है और इसके लिए वे गाली गलौज के साथ मारपीट करने में भी उतर आते हैं। ऐसी हरकत लंबी दूरी का सफर करने वाले उन पुरुष यात्रियों के साथ ज्यादातर पेश आती है जिनके साथ महिला और बच्चे रहते हैं। ऐसे यात्री अपनों से दूर होने की वजह से किन्नरों के विरोध का हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। इसी बात का फायदा किन्नरों का समूह उठाकर मुंहमांगी राशि वसूलने में कामयाब हो जाता है।


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