मस्जिदों में अफ्तार की रौनक, कैम्प-2 में रोजाना 700 से ज्यादा का इंतजाम.. माहे रमजान के आखिरी पड़ाव में शहर की मस्जिदों.. में बड़ी तादाद में जुटे हैं नमाजी व रोजेदार

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भिलाईनगर। माहे रमजान के इस खास मौके पर शहर की तमाम मस्जिदों में शाम के वक्त रोजा खोलने अफ्तारी का खास इंतजाम किया जा रहा है। हर मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने अफ्तारी के लिए जिम्मेदारियां बांट ली है। मस्जिदों में न सिर्फ आसपास के रोजेदार अफ्तारी करने आ रहे हैं बल्कि बाहर से आने वाले रोजेदारों की आमद पर भी खास खयाल रखा जा रहा है। रजा जामा मस्जिद लिंक रोड कैम्प-2 में हर साल अफ्तारी का इंतजाम यहां मस्जिद कमेटी की ओर से किया जाता है।

इस साल इस मस्जिद में 700 से ज्यादा लोगों के लिए अफ्तारी का रोजाना इंतजाम किया जा रहा है। मस्जिद के सदर अब्दुल रहीमुद्दीन हलाल ,सेकेटरी मोहम्मद सुबहान , अब्दुल रशीद अहमद ,मोहम्मद वकील, सलीम, यूनुस, नायब कैशियर मोहम्मद गौस, शमशाद खान और कबीर खान के साथ अब्दुल मजीद,मोबिन, मोहम्मद राज अहमद, और वकील की जवाबदारी रोजाना बाजार से जरूरी सामान लाने की है। रोजदारो के लिऐ मोहम्मद यूनुस रोजाना शरबत का इंतजाम कर अपने हाथों से सभी को तकसीम करते हैं।अराकिने मस्जिद कमेटी का कहना है कि आसपास की मस्जिदों में सबसे ज्यादा रोजेदार उनकी मस्जिद में जुटते हैं। पावर हाउस मार्केट से लगी होने की वजह से इस मस्जिद में मकामी लोगों के अलावा शहर में आने-जाने वाले तमाम रोजेदार जुटते हैं और यहां अफ्तारी कर नमाज पढऩे के बाद अपने काम के लिए रवाना होते हैं। इसके अलावा कमेटी जरूरतमंद लोगों की इमदाद भी इस माहे रमजाम ने करती है।


आज शबे कद्र और कल जुमा-तुल-विदा
माहे रमजान अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। एक तरफ रोजेदार अपनी इबादत में जुटे हैं वहीं ईदुल फित्र करीब आते ही लोग ईद की तैयारियां भी कर रहे हैं। बाजार में ईद की खरीददारी की रौनक है। मस्जिदों में रोजेदार और नमाजी दुआएं कर रहे हैं। नमाजों के वक्त और अफ्तार के दौरान शहर की मस्जिदों में बड़ी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं। इस बीच गुनाहों से माफी मांगने इबादत की खास रात शब-ए-कद्र 28 अप्रैल गुरुवार को होगी। शब-ए-कद्र को देखते हुए शहर की मस्जिदों में खास इंतजाम किए जा रहे हैं।
तमाम मस्जिदों में नमाज-ए-तरावीह में खत्म कुरआन इस रात किया जाएगा। वहीं मस्जिद इंतेजामिया कमेटी की ओर से तरावीह पढ़ाने वाले हाफिजों का इस्तकबाल किया जाएगा। शहर की मस्जिदों में नमाजियों के रात भर जागने और इबादत करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। मस्जिदों में ही सुबह के वक्त सेहरी का भी इंतजाम किया जा रहा है। इसके बाद 29 अप्रैल शुक्रवार को इस माहे रमजान का आखिरी शुक्रवार है। इसे जुमा-तुल-विदा या अलविदा जुमा के नाम से खास तौर पर मनाया जाता है। अलविदा जुमा की नमाज पढऩे शुक्रवार की दोपहर हजारों की तादाद में नमाजी अपने-अपने घर के पास मस्जिदों में जुटेंगे। इसे देखते हुए खास इंतजाम किए जा रहे हैं।


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