विभिन्न राज्यों से पधारे वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमारी योगशक्ति बहनों ने की इस्पात नगरी की सराहना

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भिलाईनगर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेक्टर 7 स्तिथ पीस ऑडिटोरियम में भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमारी योगशक्ति बहनों ने इस्पात नगरी भिलाई की बगिया को देख अपने विचार व्यक्त किये।
देश की राजधानी दिल्ली से आई योग शक्ति आशा दीदी निर्देशिका ओ आर सी ( ओम शांति रिट्रिट सेण्टर) ने कहा दुनिया में दो ही प्रकार के जीवन है योगी एवं भोगी बीच के जीवन का तो वर्णन ही नहीं है तो हमारी नेचुरल योगी वाली जीवन बन जाए। हमें अधिक सोचना नहीं है कम सोचो और वही सोचो जो करना है जब दो बातें होती है तब द्वंद होता है बुद्धि की लाइन क्लियर रखनी है। जीवन में शुधता और धैर्यता आवश्यक है। बुद्धि का भटकना तब बंद होगा जब हम योग से एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाएंगे। दुनिया में परफ्यूम तो बहुत लगाते हैं पर रूहानी आत्मीय स्नेह की खुशबू कहां से आएगी।


महाकाल की नगरी उज्जैन से पधारी योग शक्ति ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने कहा कि हम साधारण नहीं है, साइलेंस की शक्ति हमारा हथियार है डीप साइलेंस की शक्ति से ही हम दूसरे के संकल्प को शांत कर सकते हैं ज्यादा सोचना दैवी गुण नहीं है जितने कम संकल्प उतनी ज्यादा शक्ति जमा होगी हमारी। सर्वप्रथम सभी अतिथियों का स्वागत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक नृत्य राउत नाचा के माध्यम से स्वागत किया गया तत्पश्चात मैत्री कुंज स्थित नवनिर्मित परिसर प्रभु प्राप्ति भवन का सभी अतिथियों ने रिबन काटकर एवं पट्टिका का अनावरण कर उद्घाटन किया इस अवसर पर सभापति केशव बंछोर सहित बड़ी संख्या में ब्रह्मा वत्स उपस्थित रहे।


देश की राजधानी दिल्ली से आई योग शक्ति आशा दीदी निर्देशिका ओ आर सी ( ओम शांति रिट्रिट सेण्टर) ने कहा कि प्रभु प्राप्ति नाम का पूरे विश्व में पहला भवन है भिलाई में अर्थात इस भवन में आकर सभी प्रभु प्राप्ति, परमात्म शक्तियों का अनुभव करें, सर्व के सहयोग की उंगली से शुभकामनाओं से भिलाई वालों ने इस भवन का निर्माण किया है जो बीत गया सो बीत गया और जो समय आने वाला है हमें समर्थ स्वरूप में सदा रहना है व्यर्थ से मुक्त साधारण से मुक्त समर्थ स्वरूप तभी हमारे द्वारा दूसरों को भी प्रभु प्राप्ति होगी। कार्यक्रम में उज्जैन, लखनऊ, भोपाल,इंदौर एवं देश के विभिन्न सेवाकेन्द्रों से पधारे वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्मा वत्सों ने अपने विचार व्यक्त किये।


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