रायपुर 30 अप्रैल 2022:- सांसद विजय बघेल ने मितानिनों के प्रदर्शन मे जाकर अपना समर्थन व्यक्त किया सांसद विजय बघेल ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार मितानिनों बहनो को अपने घोषणापत्र में 5000 रुपये महीने मानदेय देने का घोषणा किया था मगर 3 साल बीतने के बाद भी अभी तक उनके मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की गई है मितानिन बहने जो विगत 30 दिनों से लगातार धरने पर बैठी हैं उनके मांगों पर राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
राज्य सरकार के मुखिया भूपेश बघेल को इतने भी फिक्र नहीं की इतनी धूप और इतनी तेज गर्मी में इतनी बड़ी संख्या में मितानिन बहने धरना दे रही हैं जिन पर प्रदेश सरकार का कोई भी ध्यान नहीं है मितानिन बहने अपने घर के कामकाज अपने बच्चों को छोड़कर अपनी मांगों के लिए निरंतर आंदोलित हैं मगर इनकी बातें सुनने वाला कोई नहीं मितानिन बहनों के उनकी जायज मांगों पर उनका अधिकार है
जब साढे 3 वर्ष पूर्व चुनाव के पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री जब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे उन्होंने ही घोषणा की थी तो इस पर अमलीजामा क्यों नहीं पहनाया जा रहा है जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में लिखा है कि मांगों को 10 दिन में पूर्ण करेंगे आखिर साढे 3 वर्ष बीतने के बाद भी इनकी मांगों को क्यों नहीं पूरा किया जा रहा है राज्य की भूपेश सरकार कर्ज पर कर्ज लिये जा रही है 51 हजार करोड़ रुपए का कर्ज छत्तीसगढ़ वासियों पर थोपा गया है अपने बोले गए वादों पर मुकरना यह कहां का मानवतावाद है
सांसद विजय बघेल ने की कहा कि हर वर्ग आंदोलित है पुलिस कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देने की घोषणा की गई थी उसे भी पूर्ण नहीं किया गया शराबबंदी की घोषणा की गई थी उसे भी पूर्ण नहीं किया गया बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा वह भी पूर्ण नहीं किया गया झूठे घोषणापत्र में लोगों को ठगा गया है सांसद विजय बघेल ने कहा कि इन मितानिन बहनों के आंदोलन में हम साथ हैं जब तक इनकी मांगे पूर्ण नहीं हो जाती। विद्युत संविदा कर्मी भी हड़ताल पर थे और रोड पर सो रहे थे उन पर लाठी चार्ज करना कहां का न्याय है राज्य की सरकार तानाशाह की सरकार चला रही है राज्य में आंदोलन धरना प्रदर्शन पर पाबंदी लगाई जा रही है यह दमनकारी नीति नहीं चलने दी जाएगी सभी लोग अगर सड़क में उतर गए तो इनका जीना दूभर हो जाएगा ।
मितानिन को दिए जाने वाला राज्यअंश 75% से बढ़ाकर 100% किया जाना चाहिए विगत 17 वर्षों से मितानिन बहने कार्यक्रम का सफल संचालन कर रही है जिसके कारण प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणाम मिला है माता मृत्यु, बाल मृत्यु में कमी आई है कुपोषण के स्तर में सुधार हुआ है, संस्थागत प्रसव में टीकाकरण में वृद्धि हुई है, स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने एवं उसका लाभ दिलाने में मितानिन कार्यक्रम का उल्लेखनीय योगदान रहा है। सामाजिक मुद्दे जिसमें महिला हिंसा रोकने अवैध शराब बिक्री बंद कराने बाल विवाह रोकने पर्यावरण प्रदूषण बचाने आदि मुद्दे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। करोना महामारी के खिलाफ मितानिन बहनों ने जान जोखिम में डालकर लोगों को कोरोना से बचाने जांच टीकाकरण में भी मदद किया है, एवं घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों की पहचान कर जांच कराने का कार्य आज भी चल रहा है। प्रारंभ में जहां करोना कि वजह से अधिकांश विभाग के कर्मचारी घर से बाहर नहीं निकल रहे थे उस समय हमारी मितानिन बहनों ने सभी लोगों की सेवाएं दी है ।मलेरिया, दस्त, टीबी, कुष्ठ, सर्दी खांसी, निमोनिया इन सभी संक्रमण एवं गैर संक्रमण रोगों के बचाव में मदद करने में मितानिन का अहम योगदान होता है।
स्वास्थ्य संबंधित सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे पल्स पोलियो, टीकाकरण, फाइलेरिया पखवाड़ा आदि में सहयोग प्रदान करने में उनकी अग्रणी भूमिका रहती है। इसके अतिरिक्त भी मितानिन बहने स्वास्थ्य विभाग पंचायत द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले विभिन्न कार्यों को करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मितानिन बहने 50 से 100 किलोमीटर तक जाकर भी अपने कार्यों को पूर्ण करती हैं। मितानिन बहनों का भविष्य निधि राशि जमा नहीं होती 25 से 30 वर्ष सेवा करने के पश्चात कार्य से अलग होने पर भविष्य अंधकार रहता है। सभी लोगों का भविष्य निधि राशि को भी जमा किया जाना चाहिए।