भिलाईनगर 03 मई 2022:-माहे रमजान में कड़ी धूप और गर्मी के बीच 30 रोजे पूरे करने के बाद शहर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आज ईद उल फितर का त्यौहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया। विशेष नमाज अता करने के बाद रोजेदारों ने देश और प्रदेश के साथ अपने शहर में अमन चैन की दुआ मांगी। कोरोना संक्रमण से राहत के चलते दो साल के अंतराल बाद ईद उल फितर के मौके पर ईदगाह व मस्जिदों में रौनक देखने को मिली।
सोमवार को चांद नजर आने की तस्दीक के बाद मुस्लिम समाज में ईद उल फितर मनाने की तैयारी शुरू हो गई थी। ईद के ठीक एक दिन पहले चांद रात को बाजार में रौनक बढ़ गई । लोग देर रात तक सेवईं, मेवे, कपड़े और दीगर सामान खरीदते रहे। गर्मी को देखते हुए ईद उल फितर की खास नमाज शहर की तमाम मस्जिदों और ईदगाहों में सुबह 9 बजे पूरी कराने का ऐलान सोमवार को ही कर दिया गया था। तमाम मस्जिद कमेटियां एक दिन पहले तैयारियों में जुटी रही। शहर की सभी मस्जिदों में ईद उल फितर को देखते हुए शानदार रोशनी की गई है।
जामा मस्जिद सेक्टर-6 के ईदगाह मैदान में नमाज-ए-ईदुल फित्र सुबह 8.30 पढ़ाई गई। जिनकी नमाज यहां छूट गई उनके लिए जामा मस्जिद सेक्टर-6 में सुबह 9 बजे अलग से नमाज (जमात-ए-सानी) का एहतमाम किया गया। इसके अलावा ईदगाह रिसाली में सुबह 7.30 बजे, ईदगाह फरीद नगर में सुबह 8 बजे, रजा जामा मस्जिद कैम्प-2 पावर हाउस में सुबह 9 बजे, गौसिया मस्जिद कैम्प-1 में सुबह 8 बजे, हाउसिंग शेरे खुदा मस्जिद ईदगाह में सुबह 8 बजे और अशरफी मस्जिद जोन-3 खुर्सीपार में सुबह 7.45 बजे नमाजे ईद उल फितर हुई। इसके पहले खुर्सीपार मस्जिद में तकरीर सुबह 7.10 बजे से शुरू हुई। मर्कजी मस्जिद पावर हाऊस कैम्प 2 की ओर से सैयद असलम ने बताया कि यहां हाफिज कासिम बस्तवी ईद की नमाज सुबह 8.30 पढ़ाया। वही मर्कज मस्जिद नूर सुपेला में मौलाना शकील सुबह 8.45 बजे, जामा मस्जिद हुडको में सुबह 7.30 बजे, भिलाई-3 के गांधी नगर ईदगाह में सुबह 9.30 बजे हाफिज अताउल्लाह और चरोदा में मौलाना मुजीब ने सुबह 8.30 बजे ईद की नमाज अता कराई । गौरतलब रहे कि कोविड काल के दो साल बाद यह पहला मौका है जब ईदगाह और मस्जिदों में ईद की नमाज समूह में अता की गई। बीते दो साल में गिनती के 5 लोगों ने ईद की नमाज अता की थी और बाकी लोगों ने घरों में ही नमाज अता करने का त्योहार मनाया था। इस कोरोना की पाबंदियां हटने के बाद हो रही सार्वजनिक नमाज को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल देखा गया। वहीं मस्जिदों व ईदगाह के बाद लोग कब्रिस्तान जाकर अपने दिवंगत परिजनों की कब्र पर दुआएं की।