भिलाईनगर। सन्त चमत्कार नहीं दिखाते बल्कि मन शुद्ध करते हैं :-डॉ भक्तिश्वरी देवी। सेक्टर 2 गणेश पंडाल में हो रहे विलक्षण दार्शनिक प्रवचन के 11 वे दिन आज पंचम मूल जगद्गुरु श्री कृपालु महाराज की कृपापात्र प्रचारिका डॉ भक्तिश्वरी देवी ने बताया कि महापुरुषों को अनुकरण हम करेंगे तो हमारा हाल क्या होगा? वह आज कँहा खड़े हैं उसको नहीँ देखना। बस जिस क्रम का अनुसरण करके वे वहां पहुंचे उनके क्रम को अनुकरण करना। वह किस मार्ग पर होते हुए आज महापुरुष बने हैं,जिस प्रकार से संसार में बड़े को छोटा बच्चा अनुकरण करता है उसी प्रकार हम लोग को ईस्वर प्राप्ति के लिए महापुरुषों को अनुकरण करना चाहिए। वह किसी मार्ग में होकर आज वहां पँहुचे है, उसको अनुकरण करना है। तो महापुरुष को फिर हम कैसे पहचानेंगे। महापुरुष किसी को संसार नहीँ देता। चमत्कारी नहीं दिखता, किसको श्राप नहीं देता।
किसी को आशीर्वाद भी नही देता। बहिरंग नहीं दिखता। किसी को दीक्षा नहीं देता। उनकी साथ साधना करने से संसार मे विरक्ति ओर ईश्वर में अनुरक्ति अपने आप होता जाएगा औऱ महापुरुष के पास दिब्य प्रेम होता है वह दिखाई पड़ता है।यह दिब्य प्रेम ब्रम्ह निष्ठ का परिचय देता है। यानी श्रोत्रिय और ब्रम्हनिष्ठ यह जो दो लक्षण है गुरु को पहचानने के लिए इस दिब्य प्रेम से हम पहचान सकते हैं। अर्थात यह सब लक्षण हमको देखना है। जिसके पास हम यह लक्षण देखेंगे फिर वह कोई भी हो उसको हम अपना गुरु मानलेंगे। हमारी कल्याण हो जायेगा।यह गुरु का पहचान है। फिर वह हम को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग दिखाएंगे।