केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने करदाताओं को पुराने रिटर्न दाखिल करने और गलत दाखिल रिटर्न में सुधार करने का दिया मौका …CA पीयूष जैन

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भिलाई नगर 04 मई 2022:- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने करदाताओं को पुराने रिटर्न दाखिल करने और गलत दाखिल रिटर्न में सुधार करने का मौका दिया है। यह सुविधा वित्तीय वर्ष 2019-20 से अब तक के दाखिल रिटर्न भरने के लिए उपयोग की जा सकती है। भिलाई सीए ब्रांच के पूर्व चेयरमेन सीए पीयूष जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड द्वारा दी गई सुविधा के अंतर्गत अब करदाता आईटीआर- यू के माध्यम से अद्यतन रिटर्न फार्म दाखिल कर सकते हैं।आयकर अधिनियम में नई धारा 12 (कग) जोड़कर रिटर्न अपडेट करने का मौका दिया गया है। श्री जैन ने बताया कि इससे करदाताओं को बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। सीए पियूष जैन ने बताया कि इसके तहत करदाता को यह बताना होगा कि अपडेटेड रिटर्न असेसमेंट वर्ष खत्म होने के 12 माह के अंदर दाखिल किया जा रहा है या 13 से 24 माह के भीतर। इसके अनुसार टैक्स पर पेनाल्टी और इंटरेस्ट का भी प्रावधान है। श्री जैन ने बताया कि जिन लोगों कोआयकर विभाग से कोई प्रारंभिक नोटिस या इन्क्वायरी आई है, वह भी अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए योग्य होंगे और ऐसा करने पर मिस रिपोर्टिंग की स्थिति में लगने वाले 200 प्रतिशत पेनाल्टी से भी बच सकेंगे। उन्होंने बताया कि जब बजट पेश किया गया था, तब लॉस के मामलों में यह सुविधा नहीं थी, पर नोटिफिकेशन पास होने पर इसे लेकर भी सप्ष्टता आ गई है कि उन मामलों में भी यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। हालांकि इसमें आय रिफंड क्लेम नहीं किया सकता है और न ही कोई गलती से बताई हुई आय को घटाया जा सकता है। देनी होगी ये जानकारी

आईटीआर-यू दाखिल करने वाले करदाताओं को आय को अपडेट करने के लिए कारण देना होगा। उन्हें इसकी वजह बतानी होगी कि पहले रिटर्न दाखिल क्यों नहीं किया गया, या आय की सही जानकारी क्यों नहीं दी गई। यह फॉर्म संबद्ध आकलन वर्ष के अंत के दो साल के भीतर दाखिल किया जा सकता है।मिलेंगे ये 8 विकल्प

1. संबंधित वर्ष का रिटर्न फाइल नहीं किया गया था और ऐसी इनकम अर्जित की गई थी, जिस पर टैक्स दिया जाना है।

2. मूल रिटर्न, जो फाइल किया था, उसमें सबी इनकम रिपोर्ट नहीं की गई थी।

3. मूल रिटर्न में आय का गलत हेड चयनित किया गया था।

4. मूल रिटर्न में जो कैरिड फॉरवर्ड लॉस बताये गये थे, उसमें कमी की जाना है।

5. मूल रिटर्न में जो कैरिड फॉरवर्ड अनएचमोर्ब्ड डेप्रिसिएशन बताया था, उनमें कमी की जाना है।

6. कम्पनीज की मैट क्रैडिट कम की जाना है।

7. मूल रिटर्न में कर की कम दर से टैक्स चुकाया गया था।

8. अन्य कोई कारण।

रिटर्न संशोधित कर बच सकते है कार्रवाई से

श्री जैन ने बताया कि आयकर का ताजा संशोधन ऐसे लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो विभाग की ओर से शोकाज नोटिस का सामना कर रहे हैं, लेकिन धारा 148 में कार्रवाई शुरू नहीं हुई है, विभाग को इसके रिटर्न पर संदेश है तो वह रिटर्न संशोधित कर भविष्य की कार्रवाई से बच सकता है। ऋण व अपना स्टेटमेंट बेहतर करने के लिए भी ऐसे लोग जिन्होंने रिटर्न नहीं जमा किया था, वे पुराने रिटर्न जमा कर ऋण आदि हासिल कर सकेंगे।


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