रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे दिन बलरामपुर जिले के तांबेश्वर नगर गौठान पहुंचकर वहां की व्यवस्था और महिला समूहों द्वारा संचालित गतिविधियों का जायजा लिया। इस गौठान से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ-साथ केंचुआ का उत्पादन, चना-सत्तू का निर्माण, मछली पालन जैसी गतिविधियां संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने समूह की महिलाओं के आत्मविश्वास लगन और मेहनत की सराहना की। इस अवसर पर तांबेश्वर नगर गौठान की जय राधे समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को चना-सत्तू का पैकेट भेंट करते हुए उनसे भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में भ्रमण के दौरान चना-सत्तू के सेवन का आग्रह किया। गर्मी के दिनों में सत्तू का का सेवन पारंपरिक खानपान के रूप में किया जाता है। इसके उपयोग से गर्मी और लू से बचाव होता है।
मुख्यमंत्री को जय राधे समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्हें बिहान परियोजना अंतर्गत सत्तू उत्पादन के लिए मशीन दी गई है, जिससे वह तीन महीने से चना-सत्तू का निर्माण और विक्रय कर रही हैं। उन्होंने बलरामपुर अंचल के प्रमुख नदी सेन्दूर के नाम पर समूह द्वारा उत्पादित चना-सत्तू का ब्रांड नेम सेन्दूर सत्तू रखा है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ताम्बेश्वर गौठान में नवनिर्मित मुर्गी पालन शेड का उद्घाटन किया और समूह की महिलाओं को मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। समूह की महिलाओं ने बताया कि वह जल्द ही सरसों तेल निकालने की यूनिट भी गौठान में लगाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री ने बलरामपुर इलाके में रामतिल की अच्छी खेती को देखते हुए रामतिल से भी तेल उत्पादन शुरू करने की सलाह ली। मुख्यमंत्री ने महिला समूहों को मक्का उत्पादन एवं प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण देने तथा गौठान में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की भी बात कही। इस गौठान में महिला समूह द्वारा केचुआ का उत्पादन भी किया जा रहा है। समूह की महिलाओं ने अब तक 270 किलो केचुआ वर्मी खाद बनाने के लिए आसपास के गौठानों को बेचकर 70 हजार रूपए से अधिक की आय अर्जित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में गौठान की स्थापना का उद्देश्य यही है कि गांव के लोग इससे जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा निजी तैार पर किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए जगह, पूंजी और अनुमति-प्रक्रिया का पालन जरूरी है। गौठान में रोजगार-व्यवसाय के लिए ग्रामीणों को नि:शुल्क जमीन, आवश्यक संसाधन सहज रूप से सुलभ होता है। उन्होंने कहा कि गौठान गांव वालों की सामूहिक संपत्ति है। इसके देख रेख एवं संचालन की जिम्मेदारी गांव की लोगों की ही है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ताम्बेश्वर गौठान में पशुओं को अपने हाथों से चारा खिलाया। उन्होंने कहा कि गौठानों में चारे और पानी की व्यवस्था रहेगी, तो पशुधन स्वयं गौठान आने लगेंगे। इस मौके पर उन्होंने केरवाशीला में भी गौठान निर्माण की घोषणा की।
सामुदायिक भवन के लिए 25 लाख रूपए की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ताम्बेश्वर नगर गौठान निरीक्षण के दौरान सरपंच एवं ग्रामीणों की मांग पर सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 25 लाख रूपए स्वीकृत किए जाने की घोषणा की। ताम्बेश्वर और आरागाही दो बड़े गांव है, यह सामुदायिक भवन दोनों गांवों के उपयोग के लिए होगा, ताकि दोनों गांवों के लोग शादी, विवाह एवं अन्य प्रयोजनों में इसका उपयोग कर सके। मुख्यमंत्री बघेल के गौठान पहुंचने पर वहां ग्रामीणों एवं समूह की महिलाओं ने उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठान परिसर में पीपल का पौधा भी रोपा। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं बलरामपुर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, विधायक बृहस्पत सिंह, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।