हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरूण मिश्रा फिमी की सस्टेनेबल माइनिंग इनिशियेटिव कमेटी के चेयरमैन नियुक्त.. फिमी ने भुवनेश्वर में कार्यक्रम में की घोषणा.. चेयरमैन के रूप में खनन कार्यों को सुविधाजनक एवं दीर्घकालिक व्यवहारिता सुनिश्चित करने पर बल

IMG-20220505-WA0471.jpg


भुवनेश्वर। भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक अरूण मिश्रा को सस्टेनेबल माइनिंग पहल के तहत् फिमी की सस्टेनेबल कमेटी का चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की। मिश्रा वर्तमान में इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। हिन्दुस्तान जिंक देश का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीसा-जस्ता उत्पादक होने के साथ ही पांच दशक से अधिक खनन और गेल्वेनाइजिंग के अनुभव में अग्रणी है।

इस अवसर पर मिश्रा ने कहा कि हमें धरती (कृषि) और जमीन (खनिज) के नीचे दोनों पर धरती माता द्वारा दिए गए संसाधनों को महत्व देना चाहिए। खनिज न केवल हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है बल्कि देश के विकास के लिए भी अत्यावश्यक है। यह हमेशा से माना जाता रहा है कि भारत में खनिज संसाधनों की अधिकता है जो आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने में महती भूमिका निभाएगा। फिमी की सस्टेनेबल माइनिंग इनिशिएटिव की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में मेरी प्राथमिकता खदानों को सस्टेनेबल और नेट जीरो हेतु सक्षम करने के साथ खनिज संरक्षण होगी। मेरे प्रयास इस विकास यात्रा को समर्पित हैं और आगे भी रहेंगे।

ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड खदानों की नीलामी के बाद भारतीय खनन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। देश के वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र को गतिशील देखते हुए यह अनिवार्य है कि नीति निर्माताओं, उद्योग सहित स्टेकहोल्डर्स वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं और इस क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक सस्टेनेबिलिटी को सुनिश्चित करने में सहयोग करें। 1966 में स्थापित फिमी एक राष्ट्रीय सर्वोच्च निकाय है जो सभी खनन, खनिज प्रसंस्करण, धातु बनाने और अन्य खनिज आधारित उद्योगों के हित को बढ़ावा देता है। फिमी के 400 से अधिक प्रत्यक्ष और 25 क्षेत्रीय संघ हैं जो देश भर में स्थानीय लघु खनन इकाइयों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


scroll to top