भोपाल। आदर्श योग आध्यात्मिक केंद्र स्वर्ण जयंती पार्क कोलार रोड़ भोपाल के संचालक योग गुरु महेश अग्रवाल ने विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनायें देते हुए कहा की आज के दिन हम सब वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में कोविड 19 महामारी के दौरान पुरे विश्व में लोगों की मदद के कार्य में लगे हुए सभी स्वयं सेवकों के प्रयासों की सरहाना करते हैं एवं पीडि़त मानवता के साथ सभी स्वस्थ रहें ऐसी प्रार्थना करते हैं।
योग गुरु अग्रवाल ने बताया की योग प्रशिक्षण के दौरान साधको को रक्तदान के साथ खुद को स्वस्थ रखते हुए सेवा कार्यों के लिए तैयार रहने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। विश्व रेडक्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को मनाने के लिए 8 मई को हर साल विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स को जरूरतमंद लोगों की मदद करने में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि देते हैं। यह दिवस हेनरी डुनेंट की जयंती पर मनाया जाता है, जो रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक थे,वर्ष 1901 में उन्हें इसके लिए शांति का सबसे पहला नोबेल पुरस्कार मिला था।
रेडक्रॉस सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य मूल रूप से किसी भी समय और परिस्थितियों में सभी प्रकार की मानवीय गतिविधियों को प्रेरित करना, आरंभ करना और प्रोत्साहित करना है । रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को मोटे तौर पर मानवीय सिद्धांतों और मूल्यों के प्रचार सहित चार भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें आपदा प्रतिक्रिया, आपदा तैयारियां, स्वास्थ्य और केयर शामिल हैं। रेडक्रॉस सोसाइटी सात सिद्धांतों मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक, एकता और सार्वभौमिकता पर आधारित है।
प्रत्येक वर्ष रेडक्रॉस की थीम बदलती रहती है। इस वर्ष 2022 में इसकी थीम मानव समाज की मूलभूत जरूरत एक दूसरे की सहायता करने को ध्यान में रखते हुए रखी गई है। इस वर्ष की थीम है मानव दयालु बनें । रेडक्रॉस का चिह्न रेडक्रॉस संस्था की पहचान के लिए सफ़ेद पट्टी पर लाल रंग के धन (+) को मान्यता दी गई। रेडक्रॉस का यह चिह्न पूरे विश्व में पीडि़त मानवता की सेवा का प्रतीक बन गया है।
वर्तमान समय में दुनिया में युद्ध के तरीकों और कारणों में बड़ा अंतर आ चुका है। अब युद्ध के दौरान सैनिकों की सहायता के साथ ही प्राकृतिक या मानवीय आपदाओं के शिकार लोगों को राहत एवं मदद पहुंचाने में भी रेडक्रॉस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। दुनियाभर में शांति और सौहार्द के प्रतीक के रूप में जानी जाने वाली इस संस्था ने अपने कर्मठ, समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवकों के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान और छवि बना ली है। आज दुनिया के किसी भी भाग में प्राकृतिक या मानवीय आपदा में अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस की टीम सबसे पहले पहुंचकर राहत कार्य में जुट जाती है।
वर्तमान समय और परिस्थितियों में इस संस्था का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। सचाई तो यह है कि आज की विकट परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस जैसी संस्था पूरे विश्व की जरूरत बन गई है जो आपदा के समय भरोसेमंद दोस्त की तरह मदद का हाथ बढ़ाती है। इतना ही नहीं देश में रक्त एकत्र करने और उसको जरूरतमंद लोगों को समय पर पहुंचाने में यह संस्था जिस प्रकार कार्य कर रही है, वह किसी से छिपा नहीं है। यह लोगों को रक्तदान की प्रेरणा देती है, ताकि लोग अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करें। यह स्वयं शिविर लगाकर हर साल बड़ी मात्रा में रक्त एकत्र करती है, ताकि जरूरत के समय किसी प्रकार की कमी न रहे।
भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी एक स्वयंसेवी राहत संस्था है जो पूरे देश में 700 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क है, आपदा और आपातकाल के समय राहत प्रदान करता है और कमजोर लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है। देश के विभिन्न भागों में यह संस्था बहुत ही सफलता के साथ कार्य कर रही है। इसमें शामिल होने वाले कर्मठ स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस तरह की संस्थाओं में जो स्वयंसेवक होते हैं, उनसे लोगों को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।