भिलाई नगर 10 मई 2022:- भिलाई टाउनशिप के घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को आदेश लागू होने दिनांक अर्थात 01 मार्च 2019 से छूट का लाभ दिए जाने हेतु मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी भिलाई स्टील प्लांट को ज्ञापन दिया जा चुका है भिलाई स्टील प्लान्ट के टाउनशिप में विद्युत् आपूर्ति के काम को CSPDCL को हस्तांतरित न किया जाए। वर्तमान की छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा की जा रही 400 यूनिट तक की बिजली बिल में आधी छूट का लाभ देने हेतु दिनांक 27/02/2019 को आदेश क्र. 591/एफ-21/02/ बि.बि. आधा / 2019/13/2/ उ.वि. जारी किया गया जिसे कि दिनांक 01/03/2019 से सम्पूर्ण राज्य में प्रभावी आज पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने FACE BOOK LIVE मे कहा कि राज्य शासन द्वारा 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर बिजली बिल आधा करने का प्रावधान सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर लागू होता है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि BSP-TEED भी CSPDCL की तरह विद्युत की खुदरा बिक्री हेतु एक लाइसेन्सी है तथा ये दोनों लाइसेन्सी अपने लाइसेन्स की फीस छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग में जमा करवाते हैं एवं दोनों पर विद्युत अधिनियम, 2003 एवं आयोग द्वारा बनाये गए सारे विनियम एवं नियम समान रूप से लागू होते हैं। दोनों लाइसेन्सी के पास घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता है जो छत्तीसगढ़ की सीमा के अंदर निवास करते हैं एवं ये घरेलु उपभोत्ता छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिकृत किये गए लाइसेन्सी से घरेलू उपयोग हेतु विद्युत क्रय करते हैं।
उक्त उद्धरण से यह भी स्पष्ट है कि राज्य शासन द्वारा अपने आदेश में यह कहा गया है कि राज्य के सभी घरेलु उपभोक्ताओं को 01 मार्च 2019 से प्रतिमाह खपत की गयी 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत् दरों के आधार पर आकलित बिल की राशि को आधा किया जाएगा। पिछले पैरा में यह स्पष्ट किया गया है कि BSP-TEED एवं CSPDCL दोनों एक ही प्रकार के लाईसेंगी हैं। विद्युत् नियामक आयोग द्वारा BSP-TEED एवं CSPDCL के लिए टैरिफ निर्धारित करते हुए जो आदेश पारित किये जाते हैं उसमे दोनों लाईसेंसी के घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं हेतु टैरिफ निर्धारित किया जाता है। अतः यह स्पष्ट है कि CSPDCL की तरह ही BSP टाउनशिप एरिया में घरेलु विद्युत् उपभोक्ता निवास करता है। अतः राज्य शासन का उक्त आदेश भिलाई टाउनशिप में रह रहे घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं पर भी लागू होता है अतः इन्हें भी छूट लागू के होने की दिनाँक 01/03/2019 से बिजली बिल में आधे छूट का लाभ बिना किसी भेदभाव के मिलना चाहिए। वैसे तो बिजली बिल में छूट के आदेश में राज्य के घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं में कोई भेद नहीं किया गया है किन्तु यदि ऐसा कियाबिजली बिल में छूट पाने की सभी शर्तों को पूरा करते हैं। यह बात समझ से परे है कि बीएसपी टाउनशिप भिलाई में रहने वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को आदेश पारित होने के तीन साल बाद भी राज्यशासन द्वारा घोषित छूट का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? ऐसा होने के दो ही कारण हो सकते हैं वो यह कि राज्य शासन द्वारा जारी उक्त आदेश में BSP management, वर्तमान विधायक एवं कांग्रेस के अन्य जनप्रतिनिधियों ने ठीक से पढ़ा ही नहीं अथवा पढ़ा है तो उनकी समझ आदेश के प्रावधान आये ही नहीं। भिलाईनगर के वर्तमान विधायक आदेश के प्रावधान से अनभिज्ञ हैं तथा बिजली बिल में छूट का लाभ बीएसपी टाउनशिप के नागरिकों को दिलवाने हेतु यह तर्क दे रहे कि यदि बीएसपी टाउनशिप विद्युत आपूर्ति का काम CSPDCL को दे दिया जाता है तो ही बिजली बिल म छूट का लाभ मिल पायेगा। इसी निष्कर्ष के चलते पिछले दो वर्षों से एड़ी चोटी का जोर लगाकर बीएसपी टाउनशिप के विद्युत् आपूर्ति का काम CSPDCL को देने की कोशिश की जा रही है तथा बीएसपी टाउनशिप, भिलाई के नागरिकों को यह बताकर गुमराह किया जा रहा है कि छूट का लाभ तब ही मिलेगा जब बीएसपी टाउनशिप विद्युत् आपूर्ति का काम CSPDCL को दे दिया इस आदेश के अनुसार राज्य शासन द्वारा 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर बिजली बिल आधा करने का प्रावधान सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर लागू होता है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि बीएसपी-टीईईडी भी सीएसपीडीसीएल की तरह विद्युत की खुदरा बिक्री हेतु एक लाइसेन्सी है तथा ये दोनों लाइसेन्सी अपने लाइसेन्स की फीस छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग में जमा करवाते हैं एवं दोनों पर विद्युत अधिनियम, 2003 एवं आयोग द्वारा बनाये गए सारे विनियम एवं नियम समान रूप से लागू होते हैं। दोनों लाइसेन्सी के पास घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता है जो छत्तीसगढ़ की सीमा के अंदर निवास करते हैं एवं ये घरेलु उपभोक्ता छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिकृत किये गए लाइसेन्सी से घरेलू उपयोग हेतु विद्युत क्रय करते हैं।
उक्त उद्धरण से यह भी स्पष्ट है कि राज्य शासन द्वारा अपने आदेश में यह कहा गया है कि राज्य के सभी घरेलु उपभोक्ताओं को 01 मार्च 2019 से प्रतिमाह खपत की गयी 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत् दरों के आधार पर आकलित बिल की राशि को आधा किया जाएगा। पिछले पैरा में यह स्पष्ट किया गया है क़ि बीएसपी टीईईडी एवं सीएसपीडीसीएल दोनों एक ही प्रकार के लाईसेंसी हैं। विद्युत् नियामक आयोग द्वारा बीएसपी टीईईडी एवं सीएसपीडीसीएल के लिए टैरिफ निर्धारित करते हुए जो आदेश पारित किये जाते हैं उसमे दोनों लाईसेंसी के घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओ हेतु टैरिफ निर्धारित किया जाता है। अतः यह स्पष्ट है कि सीएसपीडीसीएल की तरह ही बीएसपी टाउनशिप एरिया में घरेलु विद्युत् उपभोक्ता निवास करता हैं। अतः राज्य शासन का उक्त आदेश भिलाई टाउनशिप में रह रहे घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं पर भी लागू होता है अतः इन्हे भी छूट लागू के होने की दिनाँक 01/03/2019 से बिजली बिल में आधे छूट का लाभ बिना किसी भेदभाव के मिलना चाहिए। वैसे तो बिजली बिल में छूट के आदेश में राज्य के घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं में कोई भेद नहीं किया गया है किन्तु यदि ऐसा किया भी गया होता तो ऐसा प्रावधान गैर.सैंवधानिक होता क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 में नागरिको को दी गयी समता के अधिकार का उंलघन होता।
अतः यह स्पष्ट है कि बीएसपी टाउनशिप भिलाई में रहेने वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर भी बिजली बिल में छूट का उक्त आदेश लागू होता है क्योंकि ये उपभोक्ता भी राज्य शासन द्वारा बिजली बिल में छूट पाने की सभी शर्तों को पूरा करते हैं।
यह बात समझ से परे है कि बीएसपी टाउनशिप भिलाई में रहने वाले घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को आदेश पारित होने के तीन साल बाद भी राज्यशासन द्वारा घोषित छूट का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा हैघ् ऐसा होने के दो ही कारण हो सकते हैं वो यह कि राज्य शासन द्वारा जारी उक्त आदेश में बीएसपी मैनेजमेंट, वर्तमान विधायक एवं कांग्रेस के अन्य जनप्रतिनिधियों ने ठीक से पढ़ा ही नहीं अथवा पढ़ा है तो उनकी समझ आदेश के प्रावधान आये ही नहीं। भिलाईनगर के वर्तमान विधायक आदेश के प्रावधान से अनभिज्ञ हैं तथा बिजली बिल में छूट का लाभ बीएसपी टाउनशिप के नागरिकों को दिलवाने हेतु यह तर्क दे रहे कि यदि बीएसपी टाउनशिप विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को दे दिया जाता है तो ही बिजली बिल में छूट का लाभ मिल पायेगा। इसी निष्कर्ष के चलते पिछले दो वर्षों से एड़ी चोटी का जोर लगाकर बीएसपी टाउनशिप के विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को देने की कोशिश की जा रही है तथा बीएसपी टाउनशिप, भिलाई के नागरिकों को यह बताकर गुमराह किया जा रहा है कि छूट का लाभ तब ही मिलेगा जब बीएसपी टाउनशिप विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को दे दिया जाएगा।
उक्त गलत निष्कर्ष के चलते पिछले तीन साल से बीएसपी टाउनशिप की जनता बिजली बिल में छूट के लाभ से वंचित हैं। भिलाई के विधायक तक तो यह बात समझ में आती है किन्तु यही बात अगर यही बात राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी अपने भाषण में कहे कि जैसे ही विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को दे दिया जाएगा भिलाई टाउनशिप की जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री जी का यह कथन भिलाई टाउनशिप की जनता को गुमराह करने वाला है। जबकि ऊपर यह उल्लेख किया जा चुका है कि कैबिनेट मीटिंग में पास प्रस्ताव से जारी आदेश में बीएसपी टाउनशिप के घरेलू उपभोक्ताओं एवं राज्य के अन्य घरेलू उपभोक्ता कोई भेद नहीं किया गया है इसलिए छूट दिए जाने में कोई बाधा है ही नहीं।
यहां यह भी उल्लेख किया जाना उचित होगा कि मुख्यमंत्री जी स्वयं सर्वसक्षम है उन्हें भिलाई टाउनशिप की जनता को बिजली बिल में छूट देने का पूरा अधिकार है फिर भी यदि उन्हें यह कहना पड़ रहा है कि भिलाई टाउनशिप की विद्युत् आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल को मिल जाएगा तो ही भिलाई टाउनशिप की जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ मिल पायेगा। मुख्यमंत्रीजी का यह कथन किसी भी प्रकार गले नहीं उतरता जो व्यक्ति राज्य की बाकी जनता का बिजली बिल आधा कर सकता है उसे लगभग 35000 भिलाई टाउनशिप की जनता का बिल आधा करने में क्या दिक्कत हैं।
जहां तक इस आदेश के परिपालन की बात है यह बीएसपी-टीड की जिम्मेदारी थी कि वह बीएसपी टाउनशिप भिलाई में भी बिजली में छूट के प्रावधान को आदेश लागू होने की दिनांक अर्थात दिनांक 01/03/2019 से लागू करें तथा अपने घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक के विद्युत का आधा बिल जारी करें। जोकि बीएसपी द्वारा नहीं किया गया ना ही यहां के वर्तमान विधायक द्वारा इस बाबत कोई दबाव बनाया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि टाउनशिप के नागरिक पिछले तीन वषों से बिजली बिल में छूट के लाभ का इंतज़ार कर रहे हैं।
उन्हें यह बताकर कि सीएसपीडीसीएल की सप्लाई चालू होने पर ही विद्युत् बिल में छूट का लाभ मिलेगाए गुमराह किया जा रहा है। जबकि छूट का लाभ मिलना किसी भी तरह से इस बात से जुड़ा हुआ नहीं है कि सीएसपीडीसीएल की सप्लाई चालू हो। यह छूट आदेश होने की दिनांक से ही बीएसपी टाउनशिप के घरेलु उपभोक्ताओं पर लागू है गलती केवल यही हुई कि भिलाई नगर के वर्तमान विधायक द्वारा इस आदेश को अमलीजामा पहनाने की कोई कोशिश नहीं की गयी ना ही बीएसपी प्रबंधन ने इस ओर ध्यान दिया। बीएसपी प्रबंधन तो विद्युत् सप्लाई का काम सीएसपीडीसीएल को देने के लिए एक पैर पर खड़ा है ताकि उन्हें विद्युत् सप्लाई की जिम्मेदारी से जान छूटे तथा टाउनशिप के नागरिको को यह कहकर बरगलाया जा रहा है कि सीएसपीडीसीएल को सप्लाई का काम मिल जाने से बिजली में छूट मिलने लगेगी जबकि यह बात बिलकुल ही गलत है।
वनस्पत ये कि सीएसपीडीसीएल द्वारा विद्युत् सप्लाई चालू कर दिया जाने से विद्युत् की कटौती चालू होगी। विद्युत दर बढ़कर २ रूपये ७६ पैसे से बढ़कर लगभग ४ रूपये हो जाएगा। टाउनशिप के मकानों में कब्ज़ा किये लोगो से मकान खली करवाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि अभी बिजली की सप्लाई रोकना बीएसपी प्रबंधन के हाथ में है जबकि सीएसपीडीसीएल द्वारा सप्लाई शुरू हो जाने पर बीएसपी प्रबंधन उनपर निर्भर हो जाएगा।
वर्तमान में टाउनशिप सप्लाई के लिए बीएसपी टीईईडी द्वारा विद्युत् पीपी1, पीपी.2 एवं पीपी 3 (एनएसपीसीएल) से खरीदी जा रही है जिसमे से पीपी 1 एवं पीपी 2 की बिजली टाउनशिप के नागरिको को मुफ्त में मिल रही है अर्थात पीपी 1 एवं पीपी 2 से सप्लाई हो रही बिजली का कोई भी भार टाउनशिप की जनता पर नहीं आ रहा है। सीएसपीडीसीएल को विद्युत् आपूर्ति का काम मिल जाने से यह सुविधा भी जाती रहेगी। इसके अलावा यह भी कि प्रत्येक वर्ष बीएसपी प्रबंधन द्वारा लगभग 5.10 करोड़ रूपये की सब्सिडी टाउनशिप के लोगो को दी जा रही है वह भी बंद हो जायेगी। जो लोग सीएसपीडीसीएल को विद्युत् आपूर्ति का काम देना चाहते है वो जनता को यह बात को क्यों नहीं बता रहे। इन बातों को छुपाया जानाए इन लोगो की मंशा पर प्रश्न खड़ा करता है।
उक्त स्पष्टीकरण से यह शीशे की तरह साफ़ है कि राज्य शासन द्वारा दिनाँक 27/02/2019 को जारी बिजली बिल में छूट का आदेश बीएसपी टाउनशिप भिलाई के घरेलु उपभोक्ताओं पर भी लागू होता है इसलिए बीएसपी टीईईडी को चाहिए की बीएसपी टाउनशिप के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का आदेश लागू होने की दिनांक 01/03/2019 से घरेलु उपभोक्ताओं के बिल के छूट को आने वाले बिलों में समायोजित करेंं।
इस ज्ञापन में उल्लेखित दूसरे मुद्दे जोकि बीएसपी टाउनशिप एरिया की बिजली सप्लाई का काम सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर करने की बात है तो इस मुद्दे पर मैं अपनी असहमति व्यक्त करता हूँ जिसके कुछ कारणों का जिक्र ऊपर किया जा चूका है जिसे पुनः बिंदुवार नीचे वर्णन किया जा रहा है –
1. बीएसपी प्रबंधन के हाथ से टाउनशिप एरिया में बिजली सप्लाई का कण्ट्रोल निकल जाएगा तथा अनधिकृत रूप से मकानों को कब्ज़ा किये लोगो की विद्युत् आपूर्ति को काटा नहीं जा सकेगा फलस्वरूप मकानों पर से अवैध कब्ज़ा हटाना असंभव सा हो जायेगा।
2. घरेलु उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 25 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाएगी।
3. बीएसपी टाउनशिप एरिया में सीएसपीडीसीएल के एंट्री से पावर कट भी शुरू हो जाएगा।
4. वर्तमान में बिजली सप्लाई में होने वाली हानि को बीएसपी प्रबंधन द्वारा सब्सिडी देकर वहन किया जा रहा है जोकि सीएसपीडीसीएल की सप्लाई शुरू होने पर बंद हो जायेगी।
5. बीएसपी टाउनशिप एरिया में बिजली की सप्लाई हेतु प्लांट के पीपी 1 एवं पीपी 2 से मिल रहे बिना पैसे की बिजली की सप्लाई भी बंद हो जाएगा तथा सीएसपीडीसीएल तो यह लाभ अपनी जेब से देने से तो रहा।
6. वर्तमान में राज्य की बिजली कंपनियों के माली हालत ख़राब होने के कारण सीएसपीडीसीएल के प्राइवेटाइजेशन का खतरा हमेशा बना रहेगा।
7. रहा सवाल बिजली बिल में छूट की बात वो तो राज्यशासन के आदेश में बिलकुल स्पष्ट है कि इसका लाभ तो टाउनशिप की जनता को अवश्य मिलना चाहिए और लागू होने की दिनांक अर्थात 01/03/2019 से ही मिलना चाहिए।
8. मेरी जानकारी में यह भी बात आयी है कि टाउनशिप की विद्युत् सप्लाई सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर करने हेतु बीएसपी प्रबंधन एक अच्छी खासी जमीन के साथ 116 करोड़ रूपये भी सीएसपीडीसीएल को दे रहा है। जबकि टाउनशिप की पानी की सप्लाई लाइन जर्जर हालत में पड़ी हुयी है यदि बीएसपी प्रंबंधन यही पैसा जर्जर पड़े पानी की सप्लाई लाइन को सुधारने में उपयोग करें तो आने वाले कुछ दशकों के लिए टाउनशिप की पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है।
उक्त तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री एवं बीएसपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से निवेदन किया गया है कि बिजली बिल में छूट हेतु जारी आदेश के बिजली बिल छूट के लाभ को टाउनशिप की जनता को दिलवाने की व्यवस्था करें एवं बीएसपी टाउनशिप एरिया की विद्युत् सप्लाई को किसी भी हाल में सीएसपीडीसीएल को न सौपें।