भिलाई-3 / महापौर निर्मल कोसरे ने आज विभिन्न वार्डों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि उनके नारियल तोडऩे के बाद काम शुरू नहीं होने का भाजपा पार्षदों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है। जिन वार्डों में नारियल तोड़कर विकास कार्य शुरू कराया जा चुका है, वहां चल रहे कार्य की प्रगति देखने भाजपा के पार्षद उनके साथ आ सकते हैं।
भिलाई – चरोदा नगर निगम के महापौर निर्मल कोसरे ने आज वार्ड 16 बाजार चौक, वार्ड 17 शांति नगर – श्याम नगर, वार्ड 21 चरोदा बस्ती और वार्ड 24 शिक्षित नगर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने हाल के दिनों में उनके द्वारा नारियल तोड़कर शुरू कराए गए विकास कार्यों के प्रगति का आंकलन किया। ये चारों वार्ड में भाजपा के पार्षद हैं और सोमवार को भाजपा पार्षद दल ने निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर महापौर द्वारा नारियल तोडऩे के बाद काम शुरू नहीं होने का आरोप लगाया है।
महापौर निर्मल कोसरे ने बताया कि उन्होंने 19 अप्रैल को नारियल तोड़कर वार्ड 16 में 13.68 लाख की लागत से थाना के पीछे आरसीसी सड़क का निर्माण शुरू कराया था,जिसका काम अंतिम चरण में है। इसी तरह वार्ड 17 के श्याम नगर में 15 अप्रैल को 18.75 लाख की लागत से शुरू कराया गया आरसीसी नाली निर्माण दो से तीन दिन में पूरा होने वाला है। वार्ड 21 चरोदा बस्ती में 16 अप्रैल को 19.75 लाख की आरसीसी सड़क और 10.65 लाख की आरसीसी नाली निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया। यह काम भी दो से चार दिन में पूरा हो जाएगा। जबकि वार्ड 24 शिक्षित नगर में 6 मई को 19.94 लाख के आरसीसी सड़क व 15.75 लाख के आरसीसी नाली निर्माण का शुभारंभ किया गया है, जिसका कार्य अभी प्रगति पर है।
महापौर कोसरे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भिलाई – चरोदा के पूरे 40 वार्ड में विकास कार्य को लेकर है। उन्होंने जहां – जहां नारियल तोड़ा है उन सभी वार्डों में काम चल रहा है। भाजपा पार्षद वाले डबरा पारा व शीतला पारा जैसे कुछ वार्ड हैं जहां अभी तक नारियल तोड़कर कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। बाकी चाहे वह कांग्रेस के हो या फिर भाजपा पार्षदों वाले वार्ड, जहां नारियल तोडऩे की परम्परा का निर्वहन हो चुका है, वहां विकास कार्य प्रगति पर है। लेकिन भाजपा के पार्षदों को यह नजर नहीं आ रहा है।
जल आवर्धन योजना पर दी यह प्रतिक्रिया
महापौर निर्मल कोसरे ने जल आवर्धन योजना में हो रही देरी को लेकर भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि कायदे से इस योजना को वर्ष 2016 में पूरा कर खारुन नदी के पानी से घर – घर जलापूर्ति सुनिश्चित करना था। लेकिन भाजपा की सत्ता वाली नगर पालिका और फिर नगर निगम द्वारा इस योजना को पूरा करने में किसी प्रकार का गंभीर प्रयास नहीं किया गया। निगम में कांग्रेस की सरकार बने महज 4 महीना हुआ है। हम शीघ्र ही निगम क्षेत्र के 14500 घरों में खारुन नदी का पानी पहुंचाने में सफल रहेंगे। उन्होंने तालाबों में पानी भरने के मुद्दे पर बताया कि गतवा तालाब में निर्माण कार्य का हवाला देकर भाजपा के पार्षद ने ही पानी भरने से मना किया। इसी तरह की परिस्थिति डबरा पारा के तालाब को भरने में भी बनी हुई है। चरोदा के तालाब को भरने के लिए अधिकारी को निर्देश दिया गया है। इसी तरह रेलवे क्षेत्र के वार्डों में रेल प्रशासन की अपनी जलापूर्ति व्यवस्था है। इसमें किसी प्रकार की खामी के लिए निगम प्रशासन को दोष देना हास्यास्पद है।