बीएसपी के रावघाट सीएसआर के सार्थक प्रयासों ने रावघाट रहवासियों की बदली जिंदगी… मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे एक बेहतर जीवन और सुरक्षित नौकरी मिल सकती है – बिनेश्वर नुरुति

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भिलाईनगर। संयंत्र, पिछले एक दशक से भी अधिक समय से अपने रावघाट माइन्स प्रोजेक्ट क्षेत्र के आसपास के गांवों में लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने और लोगों के जीवन स्तर में निरन्तर सुधार लाने में लगी हुई है। चाहे वह गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी-माध्यम की शिक्षा प्रदान करना हो या बीएसपी के सहयोग से संचालित अंतागढ़ के डीएवी स्कूल में नि:शुल्क शिक्षा हो या फिर नारायणपुर के आसपास इलाकों से आदिवासी लड़कियों का चयन कर उन्हें पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, भिलाई और अपोलो कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अंजोरा में नि:शुल्क बीएससी (नर्सिंग) कराने का वित्तपोषण हो। इनके साथ ही इन बालिकाओं को जेएलएन अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में इंटर्नशिप करने में भी सहायता प्रदान की जा रही है। इस प्रकार सेल-बीएसपी लोगों के कौशल को विकसित कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार कर रही है।


उल्लेखनीय है कि इसी क्रम में सेल-बीएसपी ने एक सकारात्मक पहल करते हुए अंतागढ़ के रेलवे लाइन क्षेत्रों से विस्थापित परिवारों के सदस्यों को आईटीआई प्रशिक्षण दिलवाकर उन्हें सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में एक सुरक्षित नौकरी के अवसर प्रदान कर रही है। आज जहां यह रेलवे लाइन इस क्षेत्र में रहने वाली एक बड़ी आबादी की जीवन रेखा बन रही है, वहीं विस्थापित परिवारों के 135 युवाओं को बीएसपी में नौकरी देकर उनके जीवन में एक सार्थक परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाता रहा है।
बीएसपी के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग में तैनात एसीटी प्रमोद कुमार, कांकेर जिले के चोगैल गांव के रहने वाले हैं। प्रमोद बताते हैं कि हमें अपने भविष्य के अवसरों के बारे में सलाह दी गई और 2000 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति के साथ आईटीआई प्रशिक्षण भी दिया गया। आज हमें बीएसपी में एक सुरक्षित नौकरी मिली है जिसके कारण हमारे परिवार के सदस्यों के जीवन में सार्थक बदलाव आया है।


भानुप्रतापपुर के कच्छे निवासी गजेंद्र रवारे ने बताया कि बस्तर में आईटीआई प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वे बीएसपी में फिटर के रूप में शामिल हुए। इस नौकरी ने आज हमें कंपनी क्वार्टर, चिकित्सा सुविधाएं और काम करने का अच्छा माहौल दिया है जो हमारे लिए वरदान साबित हुआ है।
केवटी के बिनेश्वर नुरुति ने अपनी स्कूली शिक्षा अंतागढ़ से की। 2017 में बस्तर से इलेक्ट्रिकल ट्रेड में आईटीआई पूरा करने के बाद, उन्हें 2019 में बीएसपी में नौकरी दी गई। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इतना बेहतर जीवन और एक सुरक्षित नौकरी मिल सकती है, यह एक सपने के पूरा होने जैसा है।


नारायणपुर के निकट रेलवे लाइन क्षेत्र और कांकेर और बालोद जिलों में विस्थापित हुए 177 व्यक्तियों में से 135 व्यक्तियों को बीएसपी द्वारा पहले ही रोजगार प्रदान किया जा चुका है। विस्थापितों की यह सूची राज्य सरकार द्वारा सेल-बीएसपी के माइन्स-रावघाट को प्रदान की जाती है। 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन छात्रों को आईटीआई करने के लिए बीएसपी द्वारा प्रायोजित किया जाता है और फिर उन्हें बीएसपी में नौकरी के अवसर किये जाते है।
इस प्रकार की गतिविधियां ईडी (माइन्स व रावघाट) मानस विश्वास और मुख्य महाप्रबंधक (माइन्स-रावघाट) समीर स्वरूप के मार्गदर्शन में तथा महाप्रबंधक (नॉन-वक्र्स व माइन्स), एस के सोनी, महाप्रबंधक (माइन्स), अनुपम बिष्ट, सहायक महाप्रबंधक (माइन्स), सचिन रंगारी और एएलडब्ल्यूओ (रावघाट) दौलत राम पोयम के नेतृत्व में आयोजित की जाती हैं। बुनियादी ढांचा विकास भी एक ऐसा लक्षित क्षेत्र रहा है जिसमें माइन्स सीएसआर द्वारा निरन्तर बेहतर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। बीएसपी द्वारा सड़क निर्माण से लेकर सोलर लाइट लगाने तक और पानी के पंपों को स्थापित करने से लेकर पानी की टंकियों के निर्माण तक तथा 12 गांवों में महिला संस्थानों को ई-रिक्शा प्रदान करने तक अनेकों कदम उठाए गए। इसके अलावा जात्रा सम्मेलन व देवगुडी का आयोजन कर आदिवासी क्षेत्र में स्थानीय मंदिरों का कायाकल्प कर देवी-देवताओं की पवित्रता कायम रखने का कार्य भी बखूबी किया जा रहा है।


बीएसपी द्वारा चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में रावघाट क्षेत्र के दंडकवन, अंतागढ़ और खोडग़ांव में मोबाइल डिस्पेंसरी संचालित की जा रही हैं। गंभीर बीमारी वाले लोगों को यहां से भिलाई भी रेफर किया जाता है। बीएसपी के सहयोग से अबुझमाड़ में ओपीडी भवन का निर्माण किया जा रहा है। अंजरेल के खोडग़ांव में डिस्पेंसरी स्थापित किए गए हैं जबकि अंतागढ़ में हाल ही में डिस्पेंसरी को पुन: प्रारंभ किया गया है। इस प्रकार सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र न केवल भिलाई और उसके आसपास, बल्कि रावघाट के दूर-दराज के इलाकों के लोगों के जीवन में भी सार्थक परिवर्तन लाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।


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