महिलाओं के लिए संयंत्र स्तरीय ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न

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भिलाईनगर। संयंत्र के राजभाषा विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में महिला कार्मिकों के लिए भारत की आजादी में महिलाओं का योगदान विषय पर संपन्न संयंत्र स्तरीय ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह इस्पात भवन स्थित द्वितीय तल सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र की महाप्रबंधक (कार्मिक-संकार्य), सुशीजा पी मैथ्यू उपस्थित थी।
समारोह में प्रतियोगिता की निर्णायकगण सुपुष्पा एम्ब्रोस, महाप्रबंधक (विभागीय सुरक्षा अधिकारी), एसएमएस-3, सुअनुपमा कुमारी, महाप्रबंधक (विद्युत), वायर रॉड मिल एवं सुअनुराधा सिंह, महाप्रबंधक (कार्मिक-नियमन, एचआरआईएस) तथा विजयी महिला प्रतिभागीगण उपस्थित थी। मुख्य अतिथि का स्वागत उप महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन एवं प्रभारी राजभाषा) सौमिक डे ने किताब भेंट कर किया। निर्णायकगणों के स्वागत के उपरान्त जितेन्द्र दास मानिकपुरी, सहायक प्रबंधक (संपर्क एवं प्रशासन-राजभाषा) ने प्रतियोगिता की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की।


मुख्य अतिथि की आसंदी से सुशीजा पी मैथ्यू, महाप्रबंधक (कार्मिक-संकार्य) ने प्रतियोगिता के विजेतागण को बधाइयाँ दीं व उनकी प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि, आप सभी ने अपने कार्यक्षेत्र की अपार व्यस्तताओं, घर-परिवार के दायित्वों के बावजूद इस प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर भाग लिया, विजेता बनीं, आप सब निस्संदेह विशिष्ट हैं। उन्होंने निर्णायकगण की सराहना करते हुए कहा कि आपने मूल्यांकन व निर्णय देने का बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किया, जो कि अत्यंत दायित्वपूर्ण व श्रमसाध्य कार्य है, किसी भी प्रतियोगिता में निर्णायकगणों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है।


उन्होंने कहा कि, भारतीय महिलाएँ हमेशा अनुकरणीय रही हैं। जब भारत पराधीन था, तब पुरुषों ने तो प्रत्यक्ष लड़ाई लड़ी ही, महिलाओं ने भी उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। यदि घर से महिलाओं का सहयोग व समर्थन ना मिलता, तो पुरुषों का स्वतंत्रता आंदोलन में सम्मिलित होना, कठिन होता। इसके अलावा प्रत्यक्ष आंदोलन करके और विभिन्न भूमिकाओं में रहकर स्वतंत्रता के लिए यथेष्ट योगदान देकर, अपनी लेखनी, रचना व कविताओं के माध्यम से जनजागरण का शंखनाद कर भारतीय महिलाओं ने गुलामी की बेडिय़ों को तोडऩे में अपना योगदान दिया। इन महान नारियों को स्मरण कर उनके योगदान को श्रद्धासुमन अर्पित करने का यह स्वर्णिम अवसर इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम सबको मिला है।


पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं प्रथम पुरस्कार सुअनामिका कुमारी, प्रचालक (रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल) द्वितीय पुरस्कार सुअमृता गंगराडे, उप महाप्रबंधक (सी एंड आई टी) तथा तृतीय पुरस्कार सुइंदरजीत कौर, स्वास्थ्य शिक्षिका (एन.ओ.एच.एस.) को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही प्रतियोगिता के निर्णायकगण को स्मृति चिन्ह भेंट कर मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता रहे -सुअर्चना अतिका सिंह, सहायक प्रबंधक (एसएमएस-3), सुसीमा फिलिप, व्याख्याता (शिक्षा विभाग) एवं सुखिलांजली टेमरे, मास्टर टेक्नीशियन, (आरसीएल)। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा विभाग के जितेन्द्र दास मानिकपुरी, सहायक प्रबंधक (संपर्क व प्रशासन-राजभाषा) ने तथा आभार प्रदर्शन मनोज सोनी, कनिष्ठ अनुवादक-सह-समन्वयक ने किया।


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