विश्व नर्सिंग दिवस, बीएसपी के रावघाट सीएसआर द्वारा गोद लिए गए नर्सिंग के छात्राएं वनांचल में करना चाहती है सेवा

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भिलाईनगर। रावघाट क्षेत्र के दूरदराज के गांवों की रहने वाली, जहां लड़कियों को स्कूल से आगे पढऩे के लिए ज्यादा प्रोत्साहित नहीं किया जाता है, सेल-बीएसपी की सीएसआर पहलों की बदौलत इन क्षेत्र की बालिकाएं अपने सपनों को हकीकत में बदल रही है। प्रत्येक वर्ष भिलाई इस्पात संयंत्र के सीएसआर विभाग द्वारा रावघाट क्षेत्र की बालिकाओं को नि:शुल्क नर्सिंग शिक्षा प्रदान करने हेतु गोद लिया जाता है। इस वर्ष बीएसपी द्वारा एक टेस्ट के बाद नि:शुुल्क नर्सिंग शिक्षा देने हेतु 12वीं उत्तीर्ण 20 छात्राओं का चयन किया गया है जिन्हें अपोलो कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अंजोरा, दुर्ग और पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, भिलाई में षिक्षण प्रदान किया जा रहा है।


अपोलो कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अंजोरा, दुर्ग के निदेशकों में शामिल मनीष जैन ने बताया कि रावघाट क्षेत्र की बालिकाओं को 2016 से इस कॉलेज में प्रवेश देकर बीएसपी द्वारा नि:षुल्क नर्सिंग शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। चूंकि ये छात्र वनांचल क्षेत्रों से संबंधित हैं, इसलिए वे शुरू में डरी हुए तथा शर्मीली होती हैं। वे धीरे-धीरे अन्य छात्रों के साथ घुल-मिल जाते हैं और एक वर्ष के भीतर बीएसपी की सीएसआर द्वारा गोद लिए गए इन छात्राओं और कॉलेज में सामान्य छात्रों के बीच अंतर नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि ये छात्र दूसरों के बराबर हैं और अच्छा प्रदर्शन कर शिक्षण प्राप्त कर रही हैं। अपोलो कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अंजोरा, दुर्ग के प्राचार्य पी इमैनुएल ने कहा कि इन नर्सिंग छात्रों को सेल-बीएसपी के मुख्य चिकित्सालय जेएलएन अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र में क्लीनिकल ट्रेनिंग दिया जाता है।


तालेबेड़ा, रावघाट की सुश्री शारदा ध्रुव जीएनएम की डिग्री हासिल की हैं। 12 वीं कक्षा पास करने के बाद नर्सिंग करने की संभावनाओं के बारे में उन्हें पता नहीं था, शारदा का कहना है कि हमारे कॉलेज के शिक्षक बहुत सहायक हैं। शिक्षाविदों का स्तर अच्छा है और उन्हें जेएलएन अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र में क्लिनिकल पोस्टिंग का अनुभव भी मिलता है। उन्होंने सेल-बीएसपी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे अब नर्सिंग में अपना करियर बना सकती हैं।
नारायणपुर के अंजरेल जिले की सुश्री सीमा उसेंडी अनाथ हैं। उन्हें उनके रिश्तेदारों द्वारा पाला गया, वह भाग्यशाली महसूस करती है कि उन्हें सेल-बीएसपी द्वारा गोद लिए जाने के बाद बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करने का मौका मिला। सुश्री सीमा उसेंडी की उपलब्धि पर उनके रिश्तेदारों को गर्व है और वह अपने ग्रामीणों की सेवा करना चाहती है और अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें साक्षर बनने में मदद करना चाहती है।


सुश्री रितु वड्डे रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर से अपनी षिक्षा पूरी की हैं। वह बताती हैं कि बचपन में उनके साथ कांच की गुडिय़ा की तरह व्यवहार किया जाता था। जब वह भिलाई में जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से मिलीं और उन्हें समझा तो उनका एक्सपोजर कई गुना बढ़ गया। मेरे पिता नर्सिंग का अध्ययन करने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे। मुझे बीएसपी के सीएसआर विभाग के माध्यम से यह सुनहरा अवसर मिला है मै नर्सिंग में अध्ययन कर अपने गांव की प्रगति में मदद करने का लक्ष्य रखा है।

मंतासालेबार की सुश्री भावना डारो कहती हैं कि उनके पिता खुश थे कि उन्हें सेल-बीएसपी के सीएसआर विभाग द्वारा उच्च शिक्षा के लिए गोद लिया गया है। शुरू में, मैं अंग्रेजी माध्यम के कॉलेज में पढऩे को लेकर आशंकित और डरी हुई थी। लेकिन यहां के शिक्षकों के सहयोग और स्पोकन इंग्लिश की कक्षाओं के कारण मेरी अंग्रेजी में सुधार आया। उसने कहा मैं वापस जाकर उन ग्रामीणों का इलाज करना चाहती हूं जो कहीं और इलाज का खर्च नहीं उठा सकते। वर्तमान में वह दुर्ग के यशोदा नंदन अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत हैं।


नारायणपुर के बिंजली गांव की जीएनएम तृतीय वर्ष की छात्रा सुश्री रीना दुग्गा को तब अच्छा लगा जब वह नर्सिंग की पढ़ाई के लिए अपोलो कॉलेज गईं। वह कहती हैं कि उन्हें बीएसपी के जेएलएन अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र में क्लिनिकल पोस्टिंग के दौरान कई नई चीजें सीखने को मिली। नर्स बनने के बाद मैं गांव-गांव जाकर अपने लोगों की सेवा करना चाहती हूं।
ये छात्र उन समुदायों से ताल्लुक रखते हैं जहां आम तौर पर कृषि से आजीविका अर्जित की जाती है और लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए घरों से बाहर नहीं भेजी जाती है। सेल-बीएसपी की माइन्स सीएसआर पहल द्वारा प्रायोजित ये लड़कियां अपने समर्पण और नर्सिंग पेशे के माध्यम से समुदाय की सेवा करने का लक्ष्य लेकर अपने पंख फैला रही हैं और बाधाओं को तोड़ रही हैं।


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