रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में सड़क दुर्घटनाओं, यातायात नियमों के उल्लंघन तथा प्रवर्तन की कार्यवाही के साथ-साथ एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस की समीक्षा के दौरान प्रथम चार माह में 4621 सड़क दुर्घटनाओं में 1986 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 4322 व्यक्ति घायल प्रतिवेदित किये गये। जिला-रायपुर में जनवरी से अप्रैल माह तक सर्वाधिक 699 सड़क दुर्घटनाओं में 207 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 496 घायल हुए तथा अगले क्रम में क्रमश: जिला- राजनांदगाँव (118), रायगढ़ (115), दुर्ग(113), कोरबा(97) बलौदाबाजार (96), बिलासपुर (95) महासमुंद (88) में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है। सर्वाधिक 46.11 प्रतिशत मृत्युकारित सड़क दुर्घटनाएं दोपहर 03 बजे से रात्रि 09 बजे के मध्य हुई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 29.76 प्रतिशत राजकीय राजमार्ग 17.90 प्रतिशत तथा जिला मुख्य सड़क अन्य मार्गो में 52.33 प्रतिशत मृत्युकारित सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इन दुर्घटनाओं में 69.84 प्रतिशत मोटरसाइकिल सवार, 13.68 प्रतिशत पैदल यात्री, 5.22 प्रतिशत कार जीप सवार, 3.29 प्रतिशत ट्रेक्टर सवार तथा 3.39 प्रतिशत सायकल सवारों की मृत्यु हुई है। तेजी से वाहन चालन के कारण 64.96 प्रतिशत, लापरवाही से 11.42 प्रतिशत तथा नशा, गलत दिशा से वाहन चालन, मोबाईल का उपयोग, सड़क में मवेशी आदि कारणों से अन्य मृत्युकारित सड़़क दुर्घटनाएं घटित हुई। वर्ष 2022 के प्रथम चार माह में सड़क दुर्घटनाओं में 0.06 प्रतिशत, प्रतिशत तथा घायलों में 5.59 प्रतिशत की चिंताजनक वृद्धि परिलक्षित हुई है। सड़क दुर्घटना मृत्यु में 5.56 प्रतिशत की कमी हुई है।
सड़क दुर्घटनाओं मे नियंत्रण के लिये वर्ष के प्रथम चार माह में मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत 1,22,494 प्रकरणों में 4,33,72,700 रूपये शमन शुल्क वसूल किये गये है, लगभग 1100 से अधिक शासकीय, स्कूल बस, भारी वाहनों के चालको को प्रशिक्षण दिया गया है एवं विशेषकर शासकीय वाहन चालकों को प्रशिक्षण उपरांत रोड़ सेफ्टी एम्बेसेडर का बैच एवं प्रमाण-पत्र देकर प्रेरित किया गया है। छत्तीसगढ राज्य में गत सवा तीन वर्षो में सत्रह लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हुए है। ग्रामीण क्षेत्रों मे 69 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं (8491) हुई है। एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस (iRAD) के अनुसार खुले मौसम/क्षेत्र में, वाहन से वाहन टकराने से एवं वाहन से पैदल यात्री तथा वाहन के किसी वस्तु (Object) से टकराने से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई है। सड़क दुर्घटनाओं में सवार्धिक मृत्यु 20-35 वर्ष के आयु वर्ग में हुई है।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु दुर्घटनाजन्य सड़क खण्डों/ ग्रामीण थाना क्षेत्रों में प्रभावी प्रवर्तन की कार्यवाही सहित विशेषकर ओव्हर स्पींडिग, गलत दिशा, नशे में वाहन चालन सहित बिना सीटबेल्ट/हेलमेट के विरूद्ध अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा प्रभावी प्रवर्तन की कार्यवाही तथा सड़क सुरक्षा उपकरणों के संधारण/प्रशिक्षण एवं जनजागरूकता के कार्यक्रम हेतु समस्त पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है।