लीगल न्यूज ब्रेकिंग: होटल सागर इंटरनेशनल के मालिक विजय अग्रवाल और उनकी बेटी पर 420 सहित छह धाराओं पर मामला दर्ज….. कोर्ट ने दिया आदेश, 3 करोड़ 5 लाख रुपए लेकर नहीं पूरी की इकारनामे की शर्त.. …

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दुर्ग 18 मई 2022:- शहर के होटल सागर इंटनरेशनल के मालिक विजय अग्रवाल और उनकी बेटी रूही अग्रवाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ धोखा करता है, छल करता है, बेईमानी से किसी दूसरे व्यक्ति की बहुमूल्य वस्तु या संपत्ति में परिवर्तन करता है) सहित 418 (जो कोई इस ज्ञान के साथ छल करेगा कि यह सम्भाव्य है कि वह तद्द्वारा उस व्यक्ति को सदोष हानि पहुंचाए) 415 (जो भी कोई किसी व्यक्ति को धोखा दे कर उस व्यक्ति को, जिसे इस प्रकार धोखा दिया गया है, कपटपूर्व या बेईमानी से उत्प्रेरित ) 406, 405 एवं 383 (ज़बरदस्ती वसूली), 120 बी (34) के तहत मामला दर्ज होगा। आरोपियों को 20 मई को कोर्ट में उपस्थित होने के भी आदेश दिए हैं। दरअसल विजय अग्रवाल ने अपनी बेटी रूही के पति निमिष अग्रवाल और ससुराल वालों के खिलाफ बेटी को प्रताडि़त किए जाने और दहेज मांगे जाने पर मामला दर्ज कराया था। इससे बाद दोनों पक्ष में राजीनामा हो गया। जिसमें विजय अग्रवाल और रूही अग्रवाल ने 3 करोड़ 5 लाख रुपए लेकर समझौता करने का इकरारनामा भी किया। रूही के पति निमिष अग्रवाल और उनके पिता सुनील अग्रवाल ने डिमांड डॉफ्ट के जरिए 10 अगस्त 2016 को उक्त राशि उन्हें दी। लेकिन जब अपराध वापस लेने की बात आई तो विजय अग्रवाल और उनकी बेटी ने मामला वापस लेने से इंकार कर दिया। पूर्व में हुए इकरारनामे और दी गई रकम के दस्तावेजों को पेश कर सुनील अग्रवाल और उनके बेटे ने कोर्ट में मानसिक प्रताडऩा और छलपूर्वक रकम वसूलने पर उनके खिलाफ अपराध दर्ज करने की अपील की थी।इकरारनामे के बाद भी जब हाईकोर्ट में मामला वापस लेने का समय आया तो रुही ने न्यायालय में यह कहा कि उससे दबावपूर्वक इकरारनामे में हस्ताक्षर कराया गया। जबकि यह आरोप गलत था। रुही ने रक़म लेने के पहले ही कोर्ट में पलटी मार दी थी और यह भली भाँति जानते हुए कि वह इकरारनामा को नहीं मानेगी फिर भी इकरारनामा की आड़ में रक़म ली। यदि इकरारनामे में हस्ताक्षर दबावपूर्वक किए होते तो वे रकम भी नहीं लेती, यह सब सोची समझी साज़िश में पैसे ऐठने का षड्यंत्र और ससुराल को दुखी करनी की मंशा से किया गया है । देश में बढ़ते हुए ससुराल के विरुध फ़र्ज़ी मामले का एक और उदाहरण हो सकता है। रकम लेने के बाद शर्तो का उल्लंघन कोर्ट की अवमानना है।


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