कुम्हारी । इंडियन बैंक के कुम्हारी शाखा में अव्यवस्था का आलम है। यह स्थिति इलाहाबाद बैंक के इंडियन बैंक में मर्ज होने के बाद बनी हुई है। खासकर शाखा मैनेजर के मनमाने रवैए से खाताधारक ग्राहक बेहद त्रस्त हैं। छोटे-छोटे काम निपटाने के लिए हो रहे महीनों के विलंब से ग्राहकों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मर्ज करना कुम्हारी के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। खाताधारकों की मानें तो इलाहाबाद बैंक के रहते उन्हें लेन-देन से लेकर सभी तरह की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाया करती थी।
इलाहाबाद बैंक के अधिकारी और कर्मचारी सम्मान के साथ सभी ग्राहकों को उनके काम त्वरित करके देते थे। इसके चलते कुम्हारी और आसपास के लोगों की पहली पसंद इलाहाबाद बैंक थी। लेकिन इसके इंडियन बैंक में मर्ज होने के साथ ही इलाहाबाद बैंक के बरसों पुराने खाताधारक ग्राहकों को अपने बैंकिंग कामकाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
कुम्हारी के प्रतिष्ठित कारोबारी ईश्वर बंसल, जीतेन्द्र जैन व बड़े किसान में शामिल महेन्द्र वरु ने बताया कि उन्होंने इलाहाबाद बैंक के अधिकारी कर्मचारियों के मधुर व्यवहार और त्वरित काम निपटाने की शैली से प्रभावित होकर खाता खुलवाया था। जब तक इलाहाबाद बैंक था, तब तक उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। लेकिन इंडियन बैंक में मर्ज होने के बाद बाहर से नए अधिकारी-कर्मचारियों को पदस्थ किए जाने के साथ ही ग्राहकों को रुखे व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। इलाहाबाद बैंक के रहते पुराने ग्राहकों को एक दिन में नया खाता बनाकर दे दिया जाता था। जबकि इंडियन बैंक में इस काम के लिए छह महीने से साल भर घुमाया जा रहा है।
खाताधारक ग्राहकों का कहना है कि किसी शंका निवारण के लिए बैंक के शाखा मैनेजर से बात करने पर वे सीधे मुंह जवाब नहीं देते। मैनेजर की देखा देखी अन्य अधिकारी व कर्मचारियों का भी ग्राहकों के साथ रुखा व्यवहार बना हुआ है। जबकि इलाहाबाद बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों के अच्छे व्यवहार के चलते ही कुम्हारी के ज्यादातर लोगों ने वहां अपना खाता खुलवाया था। खाताधारकों में स्थानीय जनप्रतिनिधि, व्यापारी, उद्योगपति और क्षेत्र के प्रतिष्ठित किसान शामिल हैं। ऐसे प्रतिष्ठित खाताधारकों को इंडियन बैंक के मैनेजर के व्यवहार से अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है।
गर्मी से राहत का नहीं कोई इंतजाम
इंडियन बैंक के कुम्हारी शाखा में इस भीषण गर्मी से राहत का कोई इंतजाम मैनेजर द्वारा नहीं किया गया है। यहां के सभी एसी बंद है और कूलर तक नहीं लगाया गया है। इस वजह से कामकाज के सिलसिले में बैंक आने वाले ग्राहकों को ही नहीं बल्कि स्टाफ को भी पसीने से लथपथ होकर काम करना पड़ रहा है। बताते हैं अधिकारी और कर्मचारियों ने गर्मी के मौसम को देखते हुए बंद पड़े एसी को सुधारने या फिर कूलर लगाने की मांग बैंक मैनेजर से किया है। लेकिन उनकी इस मांग को नजरंदाज कर देने से स्टाफ में भी मैनेजर के खिलाफ नाराजगी पनपने लगी है। ऐसे में ग्राहकों को सुविधा देने में बैंक मैनेजर की सोच का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।