रायपुर 30 मई 2022:- इन दिनों महिला एवं बाल विकास विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सहायक संचालक से उपसंचालक की पदोन्नति में गड़बड़ी सार्वजनिक होने के बाद यह सब हो रहा है। मामले की शिकायत विभागीय मंत्री अनिला भेंडिया तक पहुंच गई है। 26 मई को सहायक संचालक से उपसंचालक के लिए हुई डीपीसी के बाद बवाल मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि पदोन्नति में सीनियर अफसरों को अयोग्य ठहरा दिया है। बताया जा रहा है कि मंत्री के पास मामला पहुंचने के बाद उन्होंने फाइल ही लौटा दी है। बता दें संचालनालय में लंबे समय से जमे अधिकारियों ने पदोन्नति के लिए नियमों को ताक पर रख दिया है। इस साल की पदोन्नति के लिए 1 अप्रैल 2021 को बनी वरिष्ठता सूची का उपयोग किया। इस सूची में तीन उपसंचालको के नाम हटा दिया गया। यह पूरा खेल केवल एक सहायक संचालक को पदोन्नत करने के लिए किए जाने की चर्चा है। इस प्रकरण में स्थापना प्रभारी उपसंचालक रामजतन कुशवाहा ने संचालक को भ्रामक जानकारी देकर धोखे में रखा। अब अधिकारियो की लापरवाही का ठीकरा संचालक पर फूट रहा है।
यह भी जानकारी मिली है कि स्थापना प्रभारी रामजतन कुशवाहा, संयुक्त संचालक दिलदार सिंह मरावी और सहायक संचालक सुनील शर्मा सहित उनकी टीम मंत्री अनिला भेंडिया के पास डीपीसी पर अप्रूवल लेने पहुंची तो मंत्री फाइल रोक दिया है। बताया जा रहा है मंत्री भेंडिया के इस कदम के बाद स्थापना प्रभारी सहित अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं प्रभावित होने वाले अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण में स्थिति स्पष्ट होने तक पदोन्नति पर रोक लगाने की मांग की गई है।