भिलाई नगर 01 जून 2022:- भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-7 में कैपिटल रिपेयर के दौरान हादसा हो गया है। दो ठेका मजदूर चपेट में आ गए हैं। एक मजदूर बुरी तरह से झुलस गया, जबकि दूसरे की मौत हो गई है। 90 प्रतिशत झुलसे मजदूर को मेन मेडिकल पोस्ट में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार के बाद सेक्टर-9 अस्पताल रेफर कर दिया गया है। इधर, फर्नेस में फंसे पुरैना निवासी 30 वर्षीय मजदूर राहुल उपाध्याय को बाहर निकलने के लिए पूरी कोशिश की जा रही थी। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी जान को जोखिम में डालकर 45 फीट नीचे उतरे, लेकिन मजदूर को बचाया नहीं जा सका। बुरी तरह से झुलसने की वजह से राहुल की मौत हो चुकी है। शव को किसी तरह बांधकर बाहर निकाला गया। मेन मेडिकल पोस्ट पर लाकर कागजी कवायद की जा रही हैं। वहीं, मृतक के परिजन भी प्लांट पहुंच चुके हैं। गेट के बाहर ही इंतजार कर रहे हैं। ठेका श्रमिक की मौत पर हिन्द मजदूर सभा के अध्यक्ष एच एस मिश्रा ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।ब्लास्ट फर्नेस में हुए विस्फोट के दौरान ठेका श्रमिक के मृत होने पर महापौर नीरज पाल ने जताया गहरा शोक, घायल श्रमिक को देखने सेक्टर 9 पहुंचे, परिजनों से मिलकर बंधाया ढाढस
आज ब्लास्ट फर्नेस में विस्फोट के बाद उठी आग की लपटों से एक ठेका श्रमिक की मृत्यु हो गई और दूसरा ठेका श्रमिक सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भर्ती है, जिसका इलाज चिकित्सक कर रहे हैं। महापौर ने ठेका श्रमिक के मृत होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है, उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं आहत करती हैं। वही उन्होंने सेक्टर 9 अस्पताल में दूसरे ठेका श्रमिक परमेश्वर सिक्का जो कि काफी झुलस चुके हैं उनका कुशलक्षेप जानने अस्पताल पहुंचे। महापौर ने चिकित्सकों से श्री परमेश्वर के चिकित्सीय इलाज को लेकर बात की, उन्होंने कहा कि जो भी बेहतर इलाज संभव हो सके उसका प्रयास करें। इस दौरान महापौर परिषद के सदस्य एवं राजस्व प्रभारी सीजू एंथोनी भी मौजूद रहे। महापौर ने परमेश्वर के परिवारजनों से भी बात की और उन्हें परमेश्वर के जल्द स्वस्थ होने के लिए ढाढस बंधाया। उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस में आज वेल्डिंग कार्य करते हुए 2 ठेका श्रमिक जिसमें से एक की मृत्यु हो चुकी है तथा दूसरा का सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज चल रहा है।इधर, ठेका मजदूरों की मौत पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। हिन्द मजदूर सभा के अध्यक्ष एच. एस. मिश्रा का कहना है कि हादसों में हमेशा केवल ठेका मजदूर चपेट में आ रहे हैं। देखा गया है कि करीब 70 प्रतिशत ठेका मजदूर ही हादसों का शिकार हो रहे हैं। कहीं न कहीं कोई चूक हो रही है। समुचित ट्रेनिंग का अभाव साफ नजर आता है।खतरनाक काम करने वाले ठेका मजदूरों को जिस तरह से ट्रेनिंग की जरूरत है, वह नहीं दी जाती है। इस वजह से वह आयेदिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस पर बीएसपी प्रबंधन से यूनियन जरूरत सवाल करेगी। आखिर ठेका मजदूरों की जान जोखिम में कब तक डाली जाएगी। हादसों ने सबको विचलित करके रखा हुआ है। सेल की तमाम इकाइयों में ठेका श्रमिकों के दुर्घटना में शिकार होने की तादाद ज्यादा है। लगभग आधे से ज्यादा कुशल, अकुशल कार्य ठेका श्रमिकों के कंधों पर है। कम वेतन व अधिक मुनाफे के लिए ठेकेदार पुराने अनुभवी मजदूरों की छंटनी कर नए श्रमिकों से काम लेते हैं। इसे दुर्घटना होने की आशंका बढ़ा जाती है।