जो अपने भक्तों का कल्याण करे वह शिव: राजेंद्र महाराज….खुर्सीपार में श्री शिव पुराण कथा महायज्ञ का भक्तिमय आयोजन जारी

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भिलाई नगर 16 जुलाई 2022:अग्रवाल महिला समिति द्वारा बांके बिहारी महिला समिति के सहयोग से न्यू खुर्सीपार भिलाई स्थित अग्रसेन भवन में श्री शिव पुराण कथा महायज्ञ का भक्तिमय आयोजन जारी है। शनिवार 16 जुलाई को कथा प्रवक्ता परम पूज्य संत राजेंद्र महाराज श्री धाम वृंदावन ने सती मोह, शिव से वियोग और दक्ष यज्ञ में सती का भस्म होना प्रसंग सुनाया गया।पवित्र श्रावण मास के उपलक्ष्य में व्यासपीठ पर विराजमान राष्ट्रीय संत राजेंद्र महाराज की अमृतमयी वाणी के द्वारा शिव कथा भक्ति ज्ञान वैराग्य रूपी त्रिवेणी का सुंदर रसपान करने बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे। 24 जुलाई तक रोजाना अपराहन 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जारी इस कथा सागर में दूसरे दिन राजेंद्र महाराज ने पावन सती चरित्र प्रसंग पर बोलते हुए कहा कि भगवान शिव के द्वारा मना करने के बाद भी सती जी अपने पिता के घर गई।वहां शिव का स्थान ना होने के कारण सती को सहन नहीं हुआ और अपने अंगूठे से अग्नि प्रकट कर स्वयं को भस्म कर लिया। यह खबर भगवान भोलेनाथ को जैसे ही मिली, उन्होंने उसी क्षण अपनी जटाओं को खोल कर पृथ्वी पर जोर से पटका, जिससे वीरभद्र की उत्पत्ति हुई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव कल्याण के देवता है जो अपने भक्तों का कल्याण करें उसका नाम शिव है।उन्होंने कहा कि श्रावण मास के पावन पवित्र अवसर पर शिव महापुराण की कथा श्रवण करने का अनंत अनंत गुना फल प्राप्त होता है। इस अवधि में शिवजी पर कोई जल चढ़ाता है तो भगवान भोलेनाथ इस अर्पण से अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। जल भगवान के मस्तक में भी है। मां गंगा के रूप में जलधारा शिवप्रिया है, ऐसा भी शास्त्रों में कहा गया है। जिस प्रकार भगवान विष्णु को अलंकार प्रिय,उसी प्रकार भगवान सूर्यनारायण को नमस्कार अत्यधिक प्रिय है।उन्होंने कहा कि जल चढ़ाने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है। जब हम पूजा पाठ सत्संग में जाएं तो अपने साथ आने वाले बच्चों को भी साथ में लेकर के जाएं। राजेंद्र महाराज ने कहा कि आज के समय पर पश्चिमी सभ्यता हमारे खान पान में रहन-सहन में अत्यधिक बढ़ रही है इसलिए सत्संग बहुत ही जरूरी है। संतो का संग ही सत्संग है हमें भी कुछ प्राप्त होगा तो सत्संग ही बहाना है। यह प्रभु प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है।शिव पुराण कथा महायज्ञ के अवसर मुख्य यजमान संगीता नेमीचंद अग्रवाल,सहयोगी यजमान प्रेमलता रामनाथ अग्रवाल, नेतराम अग्रवाल, अग्रसेन भवन के महासचिव रतन अग्रवाल, अग्रसेन भवन के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल, आयोजक मंडल अग्रवाल महिला समिति सहयोगी बांके बिहारी महिला समिति एवं समस्त भक्त मंडल तथा श्रोतागणों का भरपूर सहयोग रहा।


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