सिहावा के कांग्रेस विधायक पर धोखाधडी का अपराध दर्ज….लक्ष्मी ध्रुव पर लाभ के दोहरे पद पर रहने और 23.50 लाख रुपए ठगी का आरोप….दुर्ग न्यायालय ने जारी किया समन

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दुर्ग 28 जुलाई 2022:- धमतरी जिले के सिहावा से कांग्रेस विधायक नेहरू नगर पूर्व भिलाई निवासी लक्ष्मी ध्रुव के खिलाफ दुर्ग जिला न्यायालय में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। लाभ के दोहरे पद में रहने और इस्पात नगरी सेक्टर 07 निवासी श्रीमती पूर्णिमा ठाकुर नाम की महिला से गर्व इंस्टीट्यूट का मेंबर व डायरेक्टर बनवाने का लालच देकर 23.50 लाख की ठगी का आरोप है। मामले की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग अमृता दिनेश मिश्रा की अदालत में हुई। शिकायत व साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।आरोपी कांग्रेस विधायक को 15 सितंबर को न्यायालय मे उपस्थित होने का समंस जारी किया गया है।अधिवक्ता बी.पी. सिंह ने बताया कि लक्ष्मी ध्रुव उतई थानान्तर्गत पुरई उतई स्थित गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान की अध्यक्ष थीं।वह इस पद पर 2010 से 2018 तक पदस्थ रहीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रगति महिला गोंड़वाना समाज की सदस्य सेक्टर-7 भिलाई निवासी पूर्णिमा ठाकुर पति प्रह्लाद सिंह ठाकुर से हुई। आरोप है कि लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा को गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में सदस्य और उसके बाद डायरेक्टर बनाने का लालच दिया।इसके लिए लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर से 23.50 लाख रुपए की डिमांड की। पूर्णिमा ठाकुर ने अलग-अलग चेक के माध्यम से वह पैसा संस्थान के खाते में ट्रांसफर किया। पूर्णिमा ठाकुर ने 2010 में संस्थान में ज्वाइन किया ।वह डायरेक्टर बनी और 2013 तक कार्य कर 1300 रुपए प्रतिमाह पेट्रोल भत्ता भी लिया । इसके बाद लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्णिमा ठाकुर को यह कहते हुए निकाल दिया कि संस्था की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पूर्णिमा ठाकुर को उसके द्वारा दी गई रकम का न तो हिसाब दिया गया और न ही उसे वापस किया गया।एक साथ लाभ के दो पदों पर रहने का आरोप दुर्ग जिला न्यायालय में दायर परिवाद यह आरोप लगाया गया है कि लक्ष्मी ध्रुव एक साथ लाभ के दो पदों पर पदस्थ रही हैं। गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में अध्यक्ष रहने के दौरान ही वे शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्व. शासकीय महाविद्यालय दुर्ग असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहीं। लक्ष्मी ध्रुव की महाविद्यालय में नियुक्ति 13 जनवरी 1988 से है। वे यहां 8 अक्टूबर 1993 को परमानेंट हुईं और 31 जुलाई 2017 तक कार्यरत रहीं ।इस दौरान लक्ष्मी ध्रुव दोनों जगहों से ही लाभ लेती रहीं। इस तरह वह 2010 से 2017 तक दोहरे लाभ के पद पर कार्यरत रहीं । यह कानूनन अपराध है। न्यायालय में इससे संबंधित सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों को भी पेश किया गया है।विधायक चुने जाने के बाद भी गर्व इंस्टीट्यूट में किया काम

परिवादी ने यह भी आरोप लगाया है कि लक्ष्मी ध्रुव ने सिहावा विधानसभा से 2018 में चुनाव जीता और विधायक बनीं। इसके बाद भी वो गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान चेयरपर्सन के रूप में कार्य करती रहीं।

इस दौरान उन्होंने गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी संस्थान को 2019-2020 की मान्यता दिलाने के लिए संस्थान की चेयरपर्सन के रूप में अपने हस्ताक्षर करके ऑल इंडिया काउंसिल टेक्निकल (NICT) नई दिल्ली को पत्र लिखा है।


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